पेरिस ओलंपिक में बॉक्सिंग: भारत का अभियान
पेरिस ओलंपिक में भारत का बॉक्सिंग अभियान समाप्त हो चुका है, और इस बार दुर्भाग्य से यह बिना किसी मेडल के खत्म हुआ है। प्रमुख भारतीय बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन, जो कि टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीती थीं और विश्व चैम्पियन भी हैं, वे पेरिस में चीन की ली क्वियान के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में हार गईं।
ली क्वियान के खिलाफ कांटे की टक्कर
महिलाओं की 75 किलोग्राम वर्ग में लवलीना बोरगोहेन को 1-4 से हार का सामना करना पड़ा। यह मुकाबला बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा के बीच हुआ, जहां दोनों बॉक्सर बार-बार एक-दूसरे को पकड़ने और खींचने के लिए चेतावनी पा रही थीं। मैच की शुरुआत में ही दोनों खिलाड़ियों ने उत्साह से टकराव शुरू किया, लेकिन शुरुआती हमला करने में दोनों हिचक रहे थे, जिससे बार-बार क्लिंचिंग की स्थिति उत्पन्न हो रही थी। ली क्वियान, जो टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक विजेता हैं, ने पहले ही राउंड में कुछ साफ-सुथरे कॉम्बिनेशन पंच और लेफ्ट हुक के साथ 3-2 की बढ़त हासिल कर ली थी।
दूसरे राउंड में ली क्वियान की राइट स्ट्रेट्स भी सही निशाने पर लगीं, जिससे उन्होंने 3-2 की बढ़त बनाए रखी। तीसरे राउंड तक दोनों खिलाड़ी थके हुए लग रहे थे, लेकिन क्वियान की रणनीतिक समझ ने उन्हें मुकाबले पर नियंत्रण बनाए रखने में मदद की। इस दौर में लवलीना का नियंत्रण कमजोर पड़ गया और वे बार-बार काउंटर अटैक्स का शिकार बनीं।
लवलीना और ली क्वियान का इतिहास
लवलीना और क्वियान का मुकाबला हमेशा दिलचस्प रहा है। इससे पहले एशियाई खेलों के फाइनल में भी लवलीना ने क्वियान के खिलाफ हार देखी थी, हालांकि विश्व चैंपियनशिप 2023 के सेमीफाइनल में लवलीना ने क्वियान को मात दी थी। इसके बावजूद, जून में एक प्री-ओलंपिक टूर्नामेंट में चेकिया में ली क्वियान ने फिर से लवलीना को हराया था।
निशांत देव का भी सफर खत्म
लवलीना की हार के साथ ही भारतीय बॉक्सिंग टीम के छह सदस्यों में से चार प्रारंभिक चरणों में ही बाहर हो चुके थे। प्रतियोगिता के पुरुषों की 71 किलोग्राम वर्ग में निशांत देव पहले ही क्वार्टर फाइनल में हार चुके थे। यह कहना गलत नहीं होगा कि इस बार भारत के बॉक्सिंग अभियान ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
ओलंपिक में मेडल के लिए भारतीय खेल प्रेमियों की निगाहें हमेशा बॉक्सिंग पर रहती हैं। लवलीना बोरगोहेन से खासकर उम्मीदें थीं क्योंकि उन्होंने पिछले ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया था। इसी वजह से क्वार्टर फाइनल में उनकी हार भारत के लिए एक बड़ा झटका है।
आखिरकार, पेरिस ओलंपिक में भारतीय बॉक्सिंग अभियान का समापन हो गया है और इस बार कोई मेडल नहीं आ पाया है। यह समय है जब भारतीय बॉक्सिंग संघ को अपनी रणनीतियों पर फिर से विचार करना होगा और अगली बड़ी प्रतियोगिताओं के लिए ठोस तैयारी करनी होगी, ताकि अगले ओलंपिक में देश को गर्व महसूस करवा सकें।
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