ऑक्टोबर 2025 में भारत के अधिकांश बैंकों को बैंक बंद के कारण 21 दिन तक सेवाएँ नहीं देनी होंगी, जिससे ग्राहकों को अपनी वित्तीय योजनाओं को पहले से ठहराना पड़ेगा। यह बंद‑रहने का क्रम राष्ट्रीय अवकाश, क्षेत्रीय त्यौहार और आरबीआई द्वारा निर्धारित नियमित बंद दिवसों के मिश्रण से बनता है। पहली बड़ी बंदी 1 अक्टूबर, 2025 (बुधवार) को आधी‑साल की खाता बंदी (Half‑Yearly Closing) से शुरू होती है, जिसके बाद महात्मा गांधी की जयंती, दिवाली और छठ पूजा जैसे प्रमुख त्यौहार आते हैं।
मुख्य बैंकों के बंद रहने का कैलेंडर
बैंकिंग कैलेंडर का प्रमुख ढांचा इस प्रकार है:
- 1 अक्टूबर (बुधवार) – आधी‑साल की खाता बंदी
- 2 अक्टूबर (गुरुवार) – महात्मा गांधी की जयंती (राष्ट्रीय गजेटेड दिवस) और साथ‑साथ कुछ राज्यों में दशहरा
- 6 अक्टूबर (सोमवार) – ओडिशा, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में लक्ज़मी पूजा (सीमित अवकाश)
- 7 अक्टूबर (मंगलवार) – महार्षि वाल्मिकी का जन्मदिन (सीमित अवकाश)
- 10 अक्टूबर (शुक्रवार) – करका चतुर्थी (सीमित अवकाश)
- 11 और 25 अक्टूबर (शनिवार) – आरबीआई द्वारा निर्धारित दूसरा और चौथा शनिवार (सभी बैंकों का नियमित बंद)
- 20 अक्टूबर (सोमवार) – दीवाली (राष्ट्रीय गजेटेड अवकाश)
- 22 अक्टूबर (बुधवार) – बिहार में दीवाली (विभिन्न तिथि) तथा गोवर्धन पूजा (सीमित)
- 23 अक्टूबर (गुरुवार) – गुजरात, राजस्थान, सिक्किम, उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश में भाई दूज (सीमित)
- 24 अक्टूबर (शुक्रवार) – मणिपुर में निंगोल चक्कौबा (सीमित)
- 27‑28 अक्टूबर (सोम‑मंगल) – बिहार, छत्तीसगढ़, दमन‑दुयी, दादरा‑नगर हवेली और झारखंड में छठ पूजा (सीमित)
- 31 अक्टूबर (शुक्रवार) – सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती (गुजरात में)
- हर रविवार (5, 12, 19, 26 अक्टूबर) – सभी बैंकों का नियमित बंद
आरबीआई और प्रमुख बैंकों की भूमिका
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) ने सार्वजनिक एवं निजी दोनों सेक्टर बैंकों को ऊपर दर्शाए गए सर्वमान्य अवकाशों पर संचालन न करने का निर्देश जारी किया है। इस दिशा‑निर्देश में दो प्रमुख बिंदु हैं: (i) सभी बैंकों को दूसरे और चौथे शनिवार बंद रखना अनिवार्य है, और (ii) राष्ट्रीय गजेटेड अवकाशों पर सभी शाखाओं को पूर्ण रूप से बंद रखा जाना चाहिए।
हैदराबाद स्थित HDFC Bank ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर 2025 के पूरी तरह से अपडेटेड अवकाश कैलेंडर प्रकाशित किया है, जिसमें ऊपर सूची‑बद्ध तिथियों के साथ‑साथ विविध राज्य‑स्तर के प्रतिबंधित अवकाशों का उल्लेख है। इस कैलेंडर के अनुसार, डिजिटल बैंकिंग और एटीएम सेवाएँ सामान्य रूप से उपलब्ध रहेंगी, लेकिन शाखा‑स्तर की लेन‑देनों में देरी की सम्भावना है।
कौन‑कौन से समूह सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे?
खुदरा ग्राहकों को विशेष रूप से सावधान रहने की जरूरत है। एटीएम के नकदी उपलब्धता, इंटरनेट‑बैंकिंग की लोड‑शेडिंग, और यूपीआई ट्रांसफ़र में अचानक उछाल की सम्भावना है। छोटे व्यापारियों को इन बंद‑तिथियों के दौरान इनवॉइस, पेरोल तथा ऋण समायोजन जैसी कार्यवाही पहले से निपटानी पड़ेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से छठ पूजा और बैताली (दीवाली) के समय में बैंक शाखाओं के बंद रहने से कृषि ऋण लाभार्थियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान कई ग्रामीण बैंकों ने मोबाइल विंडो और पेंशन भुगतान के लिए विशेष व्यवस्था की घोषणा की है, लेकिन यह सीमित मात्रा में ही संभव है।
विशेषज्ञों की राय और संभावित आर्थिक प्रभाव
अर्थशास्त्री डॉ. अवनीति मिश्रा का मानना है कि इस अत्यधिक बंद‑समय में उपभोक्ता खर्च में अस्थायी गिरावट आ सकती है, विशेषकर छोटे‑साइज़ के रिटेल लेन‑देनों में। उन्होंने कहा, “यदि ग्राहक अपने भुगतान को अग्रिम रूप से नहीं करते, तो मौसमी खरीदारी, विशेषकर दीवाली के शॉपिंग सीज़न में, धीमी पड़ सकती है।”
दूसरी ओर, डिजिटल भुगतान प्लेटफ़ॉर्म के सीईओ राजेश शर्मा ने आशावादपूर्ण बयान दिया, “डिजिटल लेन‑देन में पहले ही 30% की बढ़ोतरी देखी गई है। बैंक बंद होने के बावजूद, मोबाइल वॉलेट और यूपीआई ट्रांसफ़र के माध्यम से लोग अपनी आर्थिक ज़रूरतें पूरी कर रहे हैं।”
भविष्य की योजनाएँ और सुझाव
वित्त मंत्रालय ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि ग्राहकों को इन बंद‑तिथियों से पहले ही अपने लेन‑देन को नियोजित करना चाहिए। प्रमुख सुझावों में शामिल हैं:
- महत्त्वपूर्ण भुगतान – जैसे ऋण किस्त, किराया, और बिल – को पहले ही भेज देना।
- ATM और डिजिटल वॉलेट में पर्याप्त शेष राशि रखना।
- डिजिटल बैंकिंग ऐप्स के नोटिफ़िकेशन फंक्शन को ऑन रखना ताकि किसी भी अपडेट से तुरंत अवगत हों।
- बैंक शाखा के बाहर के पेंशन डिपॉज़िट या नकद डिलीवरी सेवा का उपयोग करना, जहाँ उपलब्ध हो।
आगे चलकर, आरबीआई ने कहा है कि इस तरह के अत्यधिक अवकाश कैलेंडर की समीक्षा की जाएगी, ताकि आर्थिक गतिविधियों पर अनावश्यक दबाव न पड़े।
मुख्य तथ्य
- ऑक्टोबर 2025 में कुल 21 दिन बैंकों के बंद रहने की संभावना।
- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दूसरे व चौथे शनिवार को अनिवार्य बंद।
- राष्ट्रीय गजेटेड दिवस: महात्मा गांधी जयंती (2 अक्टूबर), दीवाली (20 अक्टूबर), छठ पूजा (27‑28 अक्टूबर)।
- राज्य‑विशिष्ट सीमित अवकाश: लक्ज़मी पूजा (ओडिशा,त्रिपुरा,पश्चिम बंगाल), भाई दूज (गुजरात आदि)।
- डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से लेन‑देनों में संभावित वृद्धि।
Frequently Asked Questions
बैंक बंद रहने पर एटीएम से नकद निकालना संभव है क्या?
सामान्यतः एटीएम संचालन बंद रहने वाले दिन भी चलता रहता है, लेकिन नकदी की उपलब्धता घट सकती है। प्रमुख शहरों में अधिकतम दो‑तीन एटीएम ही कार्यशील रह सकते हैं, इसलिए जरूरी खर्चे पहले ही निकाल लेना समझदारी होगी।
डिजिटल भुगतान पर भरोसा कर सकता हूँ?
हां, अधिकांश बैंकों ने मोबाइल वॉलेट और यू‑पी‑आई सेवाओं को पूरी तरह से चालू रखा है। भुगतान में थोड़ी देरी हो सकती है, परन्तु सामान्यतः ये सेवाएँ बिना बाधा के काम करती हैं।
छुट्टी के दौरान पेंशन जमा‑विचार कैसे करना चाहिए?
पेंशन प्रदाता संस्थाएँ कई बार अग्रिम जमा विकल्प देती हैं। यदि आपके पास मोबाइल बैक‑अप नहीं है, तो निकटतम शाखा या प्रमुख एटीएम से पहले ही पेंशन निकाल लेना सुरक्षित रहेगा।
कौन से राज्य में दिवाली अलग तारीख पर मनाई जाती है?
बिहार में दिवाली 22 अक्टूबर को मनाई जाती है, जबकि अधिकांश अन्य राज्यों में यह 20 अक्टूबर को गजेटेड अवकाश के रूप में लागू है। यह अंतर स्थानीय कैलेंडर पर निर्भर करता है।
टिप्पणि (1)
Vibhor Jain
बैंक बंद रहेंगे, फिर भी एटीएम अब भी काम नहीं करेगा।