स्विगी का आईपीओ लॉन्च, 11,327.4 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद

स्विगी का आईपीओ लॉन्च, 11,327.4 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद

स्विगी का आईपीओ: भारतीय शेयर बाजार में बड़ी हलचल

स्विगी, जो कि भारत का प्रमुख फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म है, ने अपने निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रस्तुत किया है। हाल ही में कंपनी ने अपनी शुरुआती सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस जारी किया है। इस ऐतिहासिक मौके का उद्देश्य 11,327.4 करोड़ रुपये जुटाना है, जो कि भारत के बड़े आईपीओ में से एक होगा। आईपीओ की तारीख 6 नवंबर से 8 नवंबर के बीच रखेंगी गई है, जहां हर शेयर की कीमत 371 रुपये से 390 रुपये तक निर्धारित की गई है।

आईपीओ के विवरण

स्विगी ने आईपीओ में 4,499 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करने की योजना बनाई है। इसके साथ-साथ कंपनी की 17.5 करोड़ शेयरों की बिक्री की पेशकश भी है। यह प्रस्तावित बिक्री 1 करोड़ शेयर कम कर दी गई है जो पहले 18.5 करोड़ थी। यदि शेयरों की सबसे ऊंची कीमत मिलती है, तो स्विगी का मूल्यांकन 87,299 करोड़ रुपये पर पहुँच सकता है, जो कि लगभग 10.38 बिलियन डॉलर के बराबर है।

पिछले साल की तुलना में स्विगी की वित्तीय स्थिति में मामूली गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में कंपनी की आय 3,222.2 करोड़ रुपये रही, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में बढ़त दर्शाता है। हालांकि, स्विगी का पिछले वर्ष के मुकाबले घाटा भी बढ़कर 611 करोड़ रुपये हो गया है।

प्रौद्योगिकी और विस्तार के लिए रणनीति

प्रौद्योगिकी और विस्तार के लिए रणनीति

इस आईपीओ के माध्यम से जुटाई जाने वाली राशि का एक बड़ा हिस्सा स्विगी अपनी सहायक कंपनी, स्कूट्सी, के विस्तार के लिए आवंटित करेगा। इसके साथ ही, कंपनी अपने त्वरित कॉमर्स का समर्थन करने वाले डार्क स्टोर नेटवर्क का विस्तार करेगी और प्रौद्योगिकी व क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की दिशा में निवेश करेगी।

स्विगी की यात्रा: 2014 से अभी तक

स्विगी की स्थापना 2014 में बैंगलोर में हुई थी और आज यह 580 से अधिक शहरों में कार्यरत है। कंपनी ने 200,000 से अधिक रेस्टोरेंट्स के साथ साझेदारी कर के अपनी जगह बनाई है। इसके चलते फूड डिलीवरी में यह एक प्रमुख भूमिका निभाती है। स्विगी के लिए यह आईपीओ केवल एक धन उगाही का जरिया नहीं है, बल्कि एक नई ऊँचाइयों पर पहुँचने का माध्यम भी है।

भारतीय शेयर बाजार में यह नवीनतम आईपीओ एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। यह निश्चित ही निवेशकों के लिए एक अनूठा अवसर है, जो स्विगी की तेज गति की बढ़ती यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं।

टिप्पणि (12)

  1. Upendra Gavale
    Upendra Gavale
    30 अक्तू॰, 2024 AT 06:08 पूर्वाह्न

    ये तो बस शुरुआत है भाई... अब तो हर दूकानदार भी अपना डार्क स्टोर बना रहा है। बस अब डिलीवरी वाले के लिए टैक्सी का बैग नहीं, ड्रोन चाहिए 😅

  2. Keshav Kothari
    Keshav Kothari
    30 अक्तू॰, 2024 AT 06:24 पूर्वाह्न

    इसका घाटा बढ़ रहा है और आईपीओ कर रहे हैं? ये तो बिजनेस मॉडल ही फेल है... इन्हें टैक्स रिफंड देना चाहिए, न कि निवेशकों से पैसा लेना।

  3. Swapnil Shirali
    Swapnil Shirali
    30 अक्तू॰, 2024 AT 10:10 पूर्वाह्न

    क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप ऑर्डर करते हैं तो आपके लिए 15 मिनट का डिलीवरी वाला आपके लिए 4 घंटे का घूमना होता है? स्विगी का बिजनेस मॉडल... एक जंगली भूख का खेल है जो डिलीवरी वालों को खाता है... और आप उसके IPO में निवेश करने वाले हैं? 😐

  4. Viraj Kumar
    Viraj Kumar
    31 अक्तू॰, 2024 AT 02:33 पूर्वाह्न

    आईपीओ के लिए रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस जारी करना एक वित्तीय अपराध है। जब कंपनी का घाटा बढ़ रहा हो और वह निवेशकों को बताए बिना डार्क स्टोर्स के निर्माण का दावा करे, तो यह निवेशकों के विश्वास का दुरुपयोग है।

  5. Ronak Samantray
    Ronak Samantray
    1 नव॰, 2024 AT 14:01 अपराह्न

    ये सब बातें तो बस धुंध है... असल में ये आईपीओ सिर्फ बड़े निवेशकों के लिए है। छोटे लोगों को तो बस फेक न्यूज़ दिखाकर फंसाया जाता है... 👁️‍🗨️

  6. Anindita Tripathy
    Anindita Tripathy
    2 नव॰, 2024 AT 03:39 पूर्वाह्न

    इतना बड़ा आईपीओ और फिर भी डिलीवरी वालों की तनख्वाह नहीं बढ़ी? ये तो बस नए लोगों को बेच रहे हैं एक बड़ा सपना... लेकिन वो जो इसे पूरा कर रहे हैं, उनके लिए तो सपना बन गया है बदला हुआ सच।

  7. Jay Sailor
    Jay Sailor
    2 नव॰, 2024 AT 22:30 अपराह्न

    भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य इन फूड डिलीवरी कंपनियों पर निर्भर है? ये सब बस एक अमेरिकी मॉडल का नकली अनुकरण है। हमारे देश में तो खेती और छोटे व्यापारी का भविष्य है, न कि ड्राइवरों की भुखमरी का व्यापार।

  8. Anil Tarnal
    Anil Tarnal
    3 नव॰, 2024 AT 00:56 पूर्वाह्न

    मैंने आज फिर एक ऑर्डर किया... और डिलीवरी वाले ने कहा, 'भैया, अभी तो दो घंटे बाद पहुंचेगा'... और मैंने सोचा, ये जो लोग इस IPO में पैसा डाल रहे हैं, क्या उन्हें पता है कि उनका पैसा किसके लिए खर्च हो रहा है? मैं तो अब खुद बन गया इसका भाग्य बदलने वाला एक अंग... बस इतना ही जानता हूँ।

  9. Shubham Ojha
    Shubham Ojha
    4 नव॰, 2024 AT 19:07 अपराह्न

    देखो भाई, ये आईपीओ बस एक नया अध्याय है... पहले हम घर से खाना बनाते थे, फिर दूकान पर जाते थे, अब फोन उठाते हैं और खाना आ जाता है। ये तो भारत की जीवन शैली का बदलाव है! बस इसे बड़ा बनाने के लिए थोड़ा सा पैसा चाहिए... और जो लोग डर रहे हैं, वो तो अभी भी बाजार में बैठे हैं चाय पीते हुए 😄

  10. tejas maggon
    tejas maggon
    6 नव॰, 2024 AT 04:42 पूर्वाह्न

    yrr yeh IPO kuch bhi nahi... yeh toh ek scam hai... sabhi log ke paas phone hai par koi bhi delivery boy ko paise nahi deta... aur ye log 11k cr utha rahe hain... yeh kaise possible hai??

  11. Subashnaveen Balakrishnan
    Subashnaveen Balakrishnan
    7 नव॰, 2024 AT 23:35 अपराह्न

    अगर स्विगी के घाटे को देखें तो यह एक अस्थायी चरण है और तकनीकी निवेश लंबे समय में लाभ देगा। डार्क स्टोर्स और क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में निवेश करने से व्यापार की दक्षता बढ़ेगी और लागत में कमी आएगी

  12. abhimanyu khan
    abhimanyu khan
    8 नव॰, 2024 AT 06:14 पूर्वाह्न

    इस आईपीओ के लिए निवेशकों को यह बताना चाहिए कि वे किस तरह के अनुचित श्रम नियमों के साथ निवेश कर रहे हैं। यदि डिलीवरी वाले अपने जीवन के लिए नहीं जी रहे हैं, तो यह आईपीओ एक नैतिक अपराध है। यह निवेश नहीं, एक व्यापारिक अत्याचार है।

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