कर्नाटक में दूध की कीमत में बढ़ोतरी
कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) ने हाल ही में घोषणा की है कि नंदिनी दूध के सभी प्रकारों की कीमतों में 2 रुपये की वृद्धि की जाएगी। यह परिवर्तन 26 जून से प्रभावी होगा। हालांकि, उपभोक्ताओं को इस वृद्धि के साथ हर पाउच में 50 मिलीलीटर दूध अधिक मिलेगा। नए मूल्य के अनुसार, जहां पहले 500 मिलीलीटर के पाउच में 500 मिली दूध मिलता था, अब उसमें 550 मिलीलीटर दूध मिलेगा। इसी प्रकार, 1 लीटर के पाउच में 1050 मिलीलीटर दूध मिलेगा।
यह निर्णय मुख्य रूप से राज्य में दूध उत्पादन में हो रही 15% वृद्धि को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। वर्तमान में कर्नाटक में दैनिक दूध उत्पादन 90 लाख लीटर से बढ़कर 99 लाख लीटर हो गया है। राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया कि इस अतिरिक्त उत्पादन को सही तरीके से उपयोग करने के लिए यह कदम उठाया गया है। यदि पाउच के आकार में वृद्धि नहीं की गई होती, तो यह अतिरिक्त दूध संग्रहण केंद्रों पर अस्वीकार कर दिया गया होता।
केएमएफ के अनुसार यह कीमत वृद्धि नहीं है, बल्कि पाउच के आकार में वृद्धि है और प्रति यूनिट दूध की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है। कर्नाटक, भारत में दूसरा सबसे बड़ा दूध उत्पादक राज्य है और दक्षिण भारत में सबसे बड़ा। यहां के लगभग 27 लाख किसान KMF को दूध की आपूर्ति करते हैं।
अन्य राज्यों से कम कीमत
नए मूल्य वृद्धि के बावजूद, कर्नाटक में दूध की कीमत अन्य राज्यों की तुलना में कम है, जैसे कि केरल और गुजरात। वर्तमान में नंदिनी टोंड दूध के 1 लीटर की कीमत 42 रुपये है, जो 44 रुपये हो जाएगी।
कर्नाटक मिल्क फेडरेशन का कहना है कि यह कदम राज्य में दूध उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों के हित में उठाया गया है। अधिक उत्पादन का सही उपयोग और उत्पादकों को उचित मुनाफा मिल सके, इसके लिए यह महत्त्वपूर्ण है।
उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया
नंदिनी दूध उपभोक्ताओं ने इस बदलाव को मिश्रित रूप से स्वीकार किया है। कुछ उपभोक्ताओं ने इस अतिरिक्त 50 मिलीलीटर दूध की सराहना की है, वहीं कुछ ने कीमत वृद्धि पर चिंता जताई है। हालांकि, अधिकतर उपभोक्ताओं का कहना है कि अतिरिक्त दूध के साथ यह मूल्य वृद्धि उचित है और इसे स्वीकार किया जा सकता है।
समीक्षकों का मानना है कि किसानों को उनके श्रम का उचित मोल मिलना चाहिए और राज्य के दूध उत्पादकों को इसकी विशेष आवश्यकता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
- नंदिनी दूध के सभी प्रकारों में 2 रुपये की वृद्धि।
- प्रति पाउच 50 मिलीलीटर दूध अधिक मिलेगा।
- 500 मिलीलीटर पाउच में अब 550 मिलीलीटर और 1 लीटर पाउच में 1050 मिलीलीटर दूध।
- मूल्य वृद्धि 26 जून से प्रभावी।
- कर्नाटक में दूध उत्पादन में 15% वृद्धि।
इस निर्णय को कर्नाटक के ग्रामीण क्षेत्रों और दूध उत्पादकों के लिए एक प्रभावी कदम के रूप में देखा जा रहा है। राज्य में दूग्ध उत्पादन एवं वितरण प्रणाली को और भी सुगम बनाने के लिए इस तरह के निर्णय आगे भी लिए जा सकते हैं।
टिप्पणि (12)
DHEER KOTHARI
ये तो बहुत अच्छी बात है! 🥛✨ पहले 500ml मिलता था, अब 550ml! यानी 10% ज्यादा दूध, और कीमत वही। किसानों को भी मिल रहा है उचित मूल्य, हमें भी ज्यादा मिल रहा है। ये ही सही तरीका है! 😊
vineet kumar
यह वृद्धि कीमत बढ़ाने की नहीं, बल्कि आकार बढ़ाने की है। यह एक तकनीकी और आर्थिक दोनों दृष्टिकोण से समझदारी भरा फैसला है। जब उत्पादन बढ़ जाए तो उसे बर्बाद नहीं करना चाहिए। यह एक नियोजित वितरण प्रणाली का उदाहरण है।
Deeksha Shetty
2 रुपये बढ़ा दिया और 50ml डाल दिया बस इतना ही झूठ बोल रहे हो। किसी को ये बात समझ में आती है कि प्रति लीटर की कीमत वही रही? ये गणित तो बच्चों के लिए है ना
Ratna El Faza
मैंने तो सोचा था कि दूध की कीमत बढ़ जाएगी लेकिन अच्छा हुआ कि थोड़ा ज्यादा दूध मिल रहा है। घर पर बच्चे हैं तो ये तो बहुत अच्छा है। धन्यवाद KMF!
Nihal Dutt
ये सब झूठ है यार... असल में दूध में पानी मिला दिया जा रहा है और ये बातें बना रहे हैं। मैंने देखा है दूध का रंग अब और हल्का हो गया है। ये फेडरेशन लोग सब कुछ छिपाते हैं
Upendra Gavale
दूध बढ़ा दो, भाई... जिंदगी बढ़ जाएगी! 🤙🥛 जब तक दूध है, तब तक जिंदगी है। अब तो रोटी के साथ दूध भी बढ़ गया... अब तो बस चाय का बड़ा पाउच चाहिए!
abhimanyu khan
यह घोषणा आर्थिक तर्कसंगतता के संदर्भ में एक अत्यंत व्यवस्थित और नियंत्रित निर्णय है। उत्पादन वृद्धि के साथ संरचनात्मक वितरण में सुधार करने का यह एक उचित तार्किक उपाय है। यह व्यवहारिक आर्थिक नीति का उदाहरण है।
Jay Sailor
भारत के दूध उत्पादन में यह वृद्धि केवल एक अस्थायी चीज़ है। अगर आप इसे देखें तो ये सब कर्नाटक के लोगों के लिए एक चाल है। बाकी राज्यों को ये देखना चाहिए कि कैसे वे अपने दूध को बेच रहे हैं। ये तो बस एक छोटा सा फायदा है।
Anindita Tripathy
ये बहुत अच्छा है। किसानों को सम्मान मिल रहा है और ग्राहकों को भी ज्यादा मात्रा। ये जो बात है, ये सिर्फ एक बदलाव नहीं, ये एक न्याय है। बधाई हो!
Ronak Samantray
50ml बढ़ा दिया... लेकिन अगले महीने ये 100ml घटा देंगे। ये सब चाल है। अगले साल दूध का पाउच छोटा हो जाएगा। ये सब जाल है।
Anil Tarnal
मैंने आज सुबह दूध पिया और लगा कि थोड़ा ज्यादा है... अब समझ आया। ये तो बहुत अच्छा है। लेकिन अगर ये 100ml बढ़ जाए तो क्या होगा? मैं अभी भी डर रहा हूँ।
Viraj Kumar
इस घोषणा में एक गंभीर त्रुटि है। यदि पाउच के आकार में वृद्धि की गई है, तो उसका अंकन भी बदलना चाहिए था। उपभोक्ता के अधिकारों के अनुसार, इस प्रकार के परिवर्तन का स्पष्ट रूप से सूचना देना आवश्यक है। इस बात को नज़रअंदाज़ किया गया है।