भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने लगभग डेढ़ साल बाद वनडे क्रिकेट में जोरदार वापसी की है। 2023 विश्व कप के बाद हुई टखने की सर्जरी के चलते लंबे समय से बाहर रहे शमी ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में बांग्लादेश के खिलाफ 5/53 का शानदार स्पेल किया। इस स्पेल के साथ उन्होंने भारतीय गेंदबाज ज़हीर खान के रिकॉर्ड को पार कर दिया, और भारत के लिए आईसीसी सफेद गेंद टूर्नामेंट में सबसे सफल गेंदबाज बन गए हैं।
शमी ने अपने पहले वनडे से ही रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया है। उन्होंने 2023 विश्व कप फाइनल के बाद अपने पहले वनडे में ही 200 वनडे विकेट्स का आंकड़ा पार कर लिया, जो रिकॉर्ड समय में हासिल किया गया। मिचेल स्टार्क के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए उन्होंने यह मील का पत्थर 5,126 गेंदों में पूरा किया।
इस वापसी के लिए शमी ने नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) में कठोर पुनर्वास प्रक्रियाओं का सामना किया, जिसमें उनके दैनिक 8 घंटे के ट्रेनिंग शेड्यूल शामिल थे। इस दौरान शमी ने आत्म-संदेह और शारीरिक परेशानियों को पार करते हुए रणजी ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी जैसे घरेलू टूर्नामेंट में भी खेल कर अपनी स्ट्रेंथ को साबित किया।
भारत की वर्तमान तेज गेंदबाजी लाइनअप को देखते हुए शमी की वापसी बहुत मायने रखती है, क्योंकि जसप्रीत बुमराह फिलहाल मैदान से बाहर हैं। युवा गेंदबाज अर्शदीप सिंह और हर्षित राणा को अब तक पाकिस्तान का सामना करना बाकी है।
शमी का यह प्रदर्शन इसलिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि भारत को अब चैंपियंस ट्रॉफी के ग्रुप चरण में पाकिस्तान और न्यूजीलैंड जैसी टीमों से सामना करना है। उनके अनुभव और कप्तानी का अभी और बड़े मैचों में भी उपयोग किया जाएगा। शमी ने भारत की तेज गेंदबाजी की चिंताओं को काफी हद तक कम कर दिया है और उनके प्रदर्शन ने एक बार फिर से उन्हें भारतीय क्रिकेट के लिए अति महत्वपूर्ण बना दिया है।
टिप्पणि (10)
Shubham Ojha
शमी की वापसी बस एक खिलाड़ी की वापसी नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के दिल की धड़कन की वापसी है। उसकी गेंदें बस गेंद नहीं, वो एक कहानी हैं - जिसमें टूटन, जुगाड़, और फिर फिर से उठने का जज्बा है। जब वो लाइन पर आता है, तो मैदान शांत हो जाता है, और फिर... बारिश शुरू हो जाती है।
tejas maggon
शमी की वापसी सबसे बड़ा जाल है जो बीबीसी और स्टार स्पोर्ट्स ने बनाया है ताकि विज्ञापनों का दाम बढ़े। वो अब बस एक और बूढ़ा गेंदबाज है जिसे बाहर नहीं निकाला जा रहा।
Viraj Kumar
शमी के रिकॉर्ड को तोड़ने का जिक्र करना बेकार है। उसने जो किया वो बस अपनी बीमारी के बाद एक अच्छा मैच खेल दिया। बुमराह के बिना टीम जीत रही है तो शमी का क्या अहमियत? ये सब भारतीय मीडिया का भावुकता का खेल है।
Pratyush Kumar
मैंने उसके पुनर्वास के दौरान एक इंटरव्यू देखा था - उसने कहा था कि उसके टखने में दर्द अभी भी आता है, लेकिन वो गेंद फेंकते वक्त भूल जाता है। वो अपने शरीर को नहीं, अपने दिमाग को जीत रहा है। इस तरह की मेहनत को सिर्फ रिकॉर्ड्स से नहीं मापा जा सकता।
vineet kumar
200 विकेट 5,126 गेंदों में - ये आंकड़ा बस एक आंकड़ा नहीं, ये एक दर्शन है। शमी ने गेंदबाजी को बल्लेबाजी की तरह नहीं, बल्कि एक निर्माण के रूप में देखा। हर गेंद एक निर्णय, हर लाइन एक चिंतन। उसका अनुभव न सिर्फ टीम के लिए बल्कि एक पीढ़ी के लिए एक मार्गदर्शक है।
Keshav Kothari
बुमराह के बाहर होने का फायदा उठाने के लिए शमी को बढ़ाया जा रहा है। अगर बुमराह खेल रहे होते तो शमी को शुरुआती ओवर में ही बैठना पड़ता। ये सब रचना है।
Rajesh Dadaluch
शमी अच्छा है, लेकिन बुमराह बेहतर है।
DHEER KOTHARI
शमी की वापसी देखकर लगा जैसे कोई पुराना दोस्त घर आ गया हो 😊 उसकी गेंदें बस एक बार फिर से दिल को छू गईं। भारत के लिए ये बहुत बड़ी बात है।
nishath fathima
इस प्रकार के रिकॉर्ड्स की घोषणा करना अनावश्यक है। एक खिलाड़ी का मूल्य उसके आंकड़ों से नहीं, बल्कि उसके व्यवहार और नैतिकता से मापा जाना चाहिए।
Subashnaveen Balakrishnan
शमी के लिए ये वापसी बस एक शुरुआत है। अगर वो अगले तीन मैचों में भी ऐसा ही प्रदर्शन करता है तो वो वाकई भारत का असली टूल है। बुमराह के बाद कोई और नहीं आया तो शमी को लीडर बनाना चाहिए। उसकी बातें बस गेंदों से नहीं, बल्कि उसकी मुस्कान से भी बोलती हैं।