गुजरात लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे: विजेताओं और निर्वाचन क्षेत्रों की पूरी सूची

गुजरात लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे: विजेताओं और निर्वाचन क्षेत्रों की पूरी सूची

गुजरात लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे: प्रमुख उम्मीदवारों और परिणामों का विश्लेषण

4 जून, 2024 की सुबह गुजरात के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया अध्याय तब लिखा गया जब लोकसभा चुनावों की 26 में से 25 सीटों की गिनती शुरू हुई। शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक बड़ी बढ़त बनाई है, जो गुजरात की राजनीति में उसकी पकड़ को दर्शाती है। सुबह के 8 बजे से शुरू हुई गिनती में भाजपा ने 22 सीटों पर बढ़त हासिल कर ली जबकि कांग्रेस केवल 3 सीटों पर ही अच्छी पकड़ बना पाई।

अमित शाह और अन्य प्रमुख उम्मीदवारों की स्थिति

गृह मंत्री अमित शाह गांधीनगर सीट से दो लाख से अधिक मतों से आगे चल रहे हैं। उनकी यह बढ़त न केवल भाजपा की मज़बूत स्थिति को दर्शाती है, बल्कि उनके व्यक्तिगत करिश्मे और राजनैतिक कुशलता का भी प्रमाण है। इसके साथ ही पोरबंदर सीट से स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी काफ़ी आगे हैं। राजकोट से परशोत्तम रुपाला जैसे प्रमुख उम्मीदवार भी अच्छी बढ़त बना चुके हैं।

इसके अतिरिक्त, सूरत सीट से मुकेश दलाल को निर्विरोध विजेता घोषित किया गया है, जो एक रोचक और अद्वितीय स्थिति है। यह केवल भाजपा के लिए गर्व का विषय नहीं है, बल्कि पार्टी की रणनीतिक योजना की कामयाबी का भी संकेत है।

प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों के नतीजे

गुजरात के प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में किस प्रकार से चुनावी नतीजे बनाए हैं, यह जानना बेहद दिलचस्प है। कुछ प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों के नतीजे इस प्रकार हैं:

  • कच्छ
  • बनासकांठा
  • पटना
  • महेसाणा
  • साबरकांठा
  • अहमदाबाद पूर्व
  • गांधीनगर - अमित शाह (BJP)
  • सुरेंद्रनगर
  • अहमदाबाद पश्चिम
  • खेड़ा
  • राजकोट - परशोत्तम रुपाला (BJP)
  • पोरबंदर - मनसुख मांडविया (BJP)
  • जूनागढ
  • अमरेली
  • भावनगर
  • आणंद
  • पंचमहाल
  • दाहोद
  • छोटा उदयपुर
  • वडोदरा
  • भरूच
  • सूरत - मुकेश दलाल (BJP) (निर्विरोध विजेता)
  • बारडोली
  • नवसारी
  • वलसाड

प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में यह देखा गया कि कैसे भाजपा ने चुनावी मैदान में अपनी स्थिति को मजबूत किया, खासकर उन स्थानों पर जहां परम्परागत रूप से कांग्रेस का दबदबा रहा था।

चुनावी रुझानों का विश्लेषण

इस बार के चुनावी रुझान संकेत देते हैं कि जनता का समर्थन भाजपा के पक्ष में ज्यादा है। पिछले चुनावों की अपेक्षा भाजपा ने अपनी राजनीतिक रणनीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए, जिनका असर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। केंद्र सरकार की नीतियों का राज्य स्तर पर क्रियान्वयन और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की मेहनत ने भाजपा को बढ़त दिलाई है।

कांग्रेस के खाते में केवल 3 सीटें आना इस बात का संकेत है कि उसे अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। खासकर गुजरात जैसे महत्वपूर्ण राज्य में भाजपा की भारी जीत कांग्रेस के लिए एक गंभीर चिंतन का विषय बन गया है।

स्थानीय मुद्दे और राष्ट्रीय परिदृश्य

गुजरात के चुनावी परिणाम देश के राष्ट्रीय परिदृश्य पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है और यहां के नतीजे हमेशा से राष्ट्रीय राजनीति में मील का पत्थर साबित होते हैं।

गुजरात के मतदाताओं ने इस बार के चुनाव में स्थानीय मुद्दों के साथ ही राष्ट्रीय मुद्दों को भी ध्यान में रखा। विकास, रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे विषयों पर ध्यान देते हुए जनता ने मतदान किया। अमित शाह, मनसुख मांडविया और परशोत्तम रुपाला जैसे नेताओं ने अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों को प्राथमिकता दी, जिसकी वजह से उन्हें बड़े पैमाने पर समर्थन मिला।

इस बार के चुनाव में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी भी महत्वपूर्ण रही। महिलाओं ने जहां सुरक्षा और सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर ध्यान दिया, वहीं युवाओं ने रोजगार और शिक्षा पर अपना मत व्यक्त किया।

भविष्य की संभावनाएं

गुजरात के चुनावी नतीजों का असर आगामी विधानसभा चुनावों और यहां तक कि अगले लोकसभा चुनावों पर भी दिखाई देगा। भाजपा की यह भारी जीत इस बात का संकेत है कि पार्टी ने मतदाताओं में अपना विश्वास बनाए रखा है।

कांग्रेस को अपनी राजनीतिक रणनीति पर गहन विचार करना होगा और नए मुद्दों को पहचानकर जनता के बीच खोई हुई जमीन को वापस पाने की कोशिश करनी होगी।

गुजरात में भाजपा की जीत न केवल एक राजनीतिक जीत है, बल्कि यह नीति और योजना की भी जीत है। आने वाले समय में देखना यह है कि क्या कांग्रेस इस चुनौती को स्वीकार कर पाने में सफल होती है या फिर भाजपा अपनी जीत की कहानी को दोहराना जारी रखती है।

टिप्पणि (10)

  1. Akash Mackwan
    Akash Mackwan
    5 जून, 2024 AT 18:03 अपराह्न

    ये सब तो बस धोखा है। जिन लोगों ने अमित शाह को वोट दिया, उन्हें अपने घरों की बिजली और पानी की समस्या के बारे में पूछो। बस नारे चलाने से कुछ नहीं बनता।

  2. Amar Sirohi
    Amar Sirohi
    5 जून, 2024 AT 22:13 अपराह्न

    इस जीत के पीछे एक गहरा दार्शनिक अर्थ छिपा है। यह न केवल एक राजनीतिक विजय है, बल्कि एक ऐसे समाज की आत्मा का प्रतिबिंब है जो अपने अतीत के बोझ को छोड़कर एक नए अहंकार की ओर बढ़ रहा है। हम जिस दिशा में जा रहे हैं, वह दिशा में भावनाओं का बहाव और तर्क का संघर्ष एक साथ चल रहा है। यह विजय असल में एक अस्तित्व की लड़ाई है - कौन है हम? क्या हम एक राष्ट्र हैं या केवल एक नारे का जमावड़ा? इस चुनाव ने एक नए इतिहास की शुरुआत की है, जिसका अंत अभी तक किसी को नहीं पता।

    और जो लोग कांग्रेस को आलोचित करते हैं, वे भूल रहे हैं कि विपक्ष की अनुपस्थिति में शक्ति अकेली नहीं बचती। वह भी अंततः अपने आप को खाए जाती है।

  3. Nagesh Yerunkar
    Nagesh Yerunkar
    6 जून, 2024 AT 03:39 पूर्वाह्न

    क्या आपने देखा? सूरत से निर्विरोध विजेता? 😮 ये तो लोकतंत्र की मृत्यु है। इतनी बड़ी जीत के बाद भी कोई चुनौती नहीं? 🤨 ये नहीं हो सकता। शायद बॉक्स में बाकी सब कुछ डाल दिया गया होगा। ये सब तो नियंत्रित रिजल्ट हैं। 🇮🇳 #DemocracyInDanger

  4. Daxesh Patel
    Daxesh Patel
    7 जून, 2024 AT 21:27 अपराह्न

    अमित शाह के 2 लाख से ज्यादा मतों की बढ़त तो बहुत अच्छी है, पर गांधीनगर के वोटिंग रिकॉर्ड देखो - 2019 में भी वही बढ़त थी। अब बात ये है कि गांधीनगर में वोटर लिस्ट में कितने नए नाम जुड़े? और क्या उनकी पहचान वेरिफाई हुई? कुछ जगहों पर तो बार-बार वोटिंग के आरोप भी आए हैं। आंकड़े तो अच्छे हैं, पर प्रक्रिया पर सवाल हैं।

  5. Jinky Palitang
    Jinky Palitang
    8 जून, 2024 AT 05:21 पूर्वाह्न

    कांग्रेस की जगह पर नए नेता उभर रहे हैं, लेकिन उनके नाम तो अभी भी बहुत कम लोग जानते हैं। अब तो सिर्फ अमित शाह और मोदी के नाम से ही चुनाव लड़े जा रहे हैं।

  6. Sandeep Kashyap
    Sandeep Kashyap
    9 जून, 2024 AT 10:48 पूर्वाह्न

    ये जीत सिर्फ भाजपा की नहीं, ये गुजरात के हर उस व्यक्ति की जीत है जिसने सुबह 5 बजे उठकर वोट डाला। ये जीत उन नौकरियों की है जो बनीं, उन स्कूलों की है जो खुले, उन दवाओं की है जो मिलीं। ये जीत एक आम इंसान की है - जिसने कभी नहीं सोचा था कि उसका एक वोट कितना बदल सकता है। अगर आप इसे नहीं महसूस कर पाए, तो आप इस देश के दिल को नहीं जानते। ❤️🇮🇳

  7. Aashna Chakravarty
    Aashna Chakravarty
    9 जून, 2024 AT 21:29 अपराह्न

    सूरत से निर्विरोध विजेता? ये तो शुरुआत है। अब देखो कैसे स्कूलों में बच्चों को राष्ट्रीय नारे गाने का बंदोबस्त किया जा रहा है। और जो लोग इसके खिलाफ हैं, उनकी फोन लाइनें बंद हो रही हैं। मैंने अपने दोस्त को फोन किया - उसका नंबर बंद है। ये सब नहीं बस चुनाव है... ये तो एक राष्ट्रीय आंदोलन है जिसके खिलाफ बोलने वाले गायब हो रहे हैं। 🕵️‍♀️ #ShadowState

  8. Kashish Sheikh
    Kashish Sheikh
    10 जून, 2024 AT 17:03 अपराह्न

    गुजरात की ये जीत हम सबके लिए गर्व की बात है ❤️ यहां की महिलाएं और युवा बहुत बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। अमित शाह की जीत सिर्फ एक नेता की नहीं, बल्कि एक नए जनसामूहिक विश्वास की है। अब देखना है कि हम इसे और भी बेहतर कैसे बना सकते हैं। आइए साथ मिलकर इस दिशा को बनाए रखें! 🙏✨

  9. dharani a
    dharani a
    11 जून, 2024 AT 22:04 अपराह्न

    पटना? गुजरात में पटना कैसे? 😅 ये तो टाइपो है भाई। असली नाम तो पाटन है। और बारडोली में भी कांग्रेस का कोई उम्मीदवार नहीं था? ये तो बहुत अजीब है। आप लोग आंकड़े तो ठीक से चेक कर लेते।

  10. Vinaya Pillai
    Vinaya Pillai
    13 जून, 2024 AT 10:32 पूर्वाह्न

    अरे भाई, ये जीत तो बस इसलिए हुई कि कांग्रेस ने अपने आप को बिल्कुल नहीं दिखाया। जब तुम खाली नारे चलाते हो और लोगों के घरों में नहीं जाते, तो लोग तुम्हें भूल जाते हैं। अब तो भाजपा ने ये साबित कर दिया कि वो घर घर जाती है - और तुम ट्वीट करते हो। 😏

एक टिप्पणी लिखें