मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न का खुलासा
मलयालम अभिनेत्री मिनु मुनीर का यौन उत्पीड़न का आरोप मलयालम फिल्म उद्योग में एक गंभीर मामला बनता जा रहा है। मुनीर ने कई प्रमुख कलाकारों पर आक्षेप लगाए हैं, जिनमें प्रमुख नाम मुखेश, जयसूर्या, मणियानपिल्ला राजू और इडवेला बाबू शामिल हैं।
आपबीती: यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप
मुनीर ने बताया कि कुछ फिल्म शूटिंग के दौरान उन पर शारीरिक और मौखिक हमला किया गया था। उन्होंने विस्तार से बताया कि किस प्रकार एक अभिनेता ने उन्हें होटल में 'कैलेंडर' (2009) और 'नदकमे उल्लकम' (2011) की शूटिंग के दौरान हमला करने का प्रयास किया था। दूसरी घटना जयसूर्या से जुड़ी है, जिसमें उन्होंने मुनीर को शौचालय से बाहर आते समय जबरदस्ती गले लगाया और चूम लिया।
मणियानपिल्ला राजू ने भी उन पर अनुचित प्रस्ताव रखने का आरोप लगाया गया है, जबकि इडवेला बाबू ने एएमएमए की सदस्यता के बदले यौन संबंध की मांग की थी। मुनीर ने बताया कि इस यौन उत्पीड़न के कारण उन्होंने 2013 में मलयालम फिल्म उद्योग छोड़ दिया और चेन्नई शिफ्ट हो गईं।
न्याय की खोज
मुनीर की यौन उत्पीड़न की कहानी सामने आने के बाद, अनेक लोग चौंक गए हैं। हालांकी, मुनीर ने पहले भी अपनी यह कहानी मलयालम अखबार 'केरला कौमुदी' में एक लेख के जरिए साझा की थी, लेकिन अब वह न्याय और जवाबदेही की मांग कर रही हैं। उन्होंने राज्य पुलिस की उन टीमों से भी संपर्क किया है जो हेम समिति की रिपोर्ट के मद्देनजर इन घटनाओं की जांच कर रही हैं।
हेम समिति की रिपोर्ट
हेम समिति की रिपोर्ट 2019 में प्रस्तुत की गयी थी, जिसमें मलयालम फिल्म उद्योग में व्याप्त यौन उत्पीड़न की घटनाओं को उजागर किया गया था। इस रिपोर्ट ने नामों को गुप्त रखते हुए घटनाओं का वर्णन किया था और इसे हाल ही में सरकार ने सार्वजनिक कर दिया है। इस रिपोर्ट ने मुनीर जैसी अन्य पीड़िताओं को भी अपनी आवाज बुलंद करने की प्रेरणा दी है।
सरकारी कदम
मिनु मुनीर के आरोपों की गंभीरता को देखते हुए केरल सरकार ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाने का निर्णय लिया, जिसमें मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के इन आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया जाएगा। मणियानपिल्ला राजू ने इस मामले में जांच का स्वागत किया है।
उद्योग में बदलाव की मांग
मिनु मुनीर की कहानी ने मलयालम फिल्म उद्योग में बदलाव की मांग को बढ़ावा दिया है। अब तमाम लोग उद्योग में व्याप्त यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और उम्मीद की जा रही है कि सरकार और संबंधित संगठन इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगे। मिनु का यह साहसिक कदम न केवल उनके लिए न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह उद्योग के अन्य सदस्यों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है, जिससे वे भी अपनी कहानियां दुनिया के सामने ला सकें।
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