मुंबई में नवंबर 2025 में अभूतपूर्व बारिश: सैंटाक्रूज़ ने छह साल का रिकॉर्ड तोड़ा

मुंबई में नवंबर 2025 में अभूतपूर्व बारिश: सैंटाक्रूज़ ने छह साल का रिकॉर्ड तोड़ा

मुंबई में नवंबर 2025 की शुरुआत ही असामान्य बारिश के साथ हुई — सैंटाक्रूज़ वेधशाला ने तीन दिनों में 35.6 मिमी बारिश दर्ज की, जो पिछले छह सालों में नवंबर का सबसे गीला दौर है। ये बारिश भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर में बने एक गहरे अवनमन और ऊपरी हवाओं के चक्रवाती प्रवाह के कारण हुई। यह तब तक अजीब है कि ओसारी मानसून का अंत 10 अक्टूबर को ही हो चुका था, और मुंबई के लिए नवंबर आमतौर पर गर्म और सूखा महीना होता है।

बारिश का अचानक आना और लोगों की प्रतिक्रिया

2 नवंबर को दोपहर 1:00 बजे, मुंबई के एक लोकप्रिय स्वतंत्र मौसम ट्रैकर, Rushikesh Agre के X (पहले ट्विटर) अकाउंट Mumbai Rains ने लिखा: ‘पश्चिमी उपनगरों में तेज़ बारिश! बांद्रा, वर्शोवा, बोरिवली, विरार जैसे क्षेत्रों में पिछले एक घंटे में 20-30 मिमी बारिश हुई।’ इस तरह की तेज़ और अल्पकालिक बारिशें शहर के बहुत से हिस्सों में बाढ़, बिजली की खराबी और यातायात अवरोध पैदा कर रही हैं।

5 नवंबर को सैंटाक्रूज़ में 4 मिमी और कोलाबा में 6.7 मिमी बारिश हुई। इसी दिन भारतीय मौसम विभाग ने मुंबई, ठाणे और पालघर के लिए पीली चेतावनी जारी की — हल्की से मध्यम बारिश और तूफानी गतिविधि की उम्मीद है। दरअसल, नवंबर के इस महीने का तापमान भी सामान्य से 4.4 डिग्री कम रहा — 4 नवंबर को अधिकतम तापमान केवल 30.3°C रहा। इससे वायु प्रदूषण में थोड़ी राहत मिली, लेकिन लोगों के लिए अचानक बारिश ने नए खतरे खड़े कर दिए।

जलवायु परिवर्तन और जीवन का दाम

ये असामान्य बारिश सिर्फ एक अजीब मौसमी घटना नहीं है। एक स्प्रिंगर नेचर में प्रकाशित अध्ययन, जिसे ThePrint ने 8 नवंबर 2023 को रिपोर्ट किया, बताता है कि 2006 से 2015 के बीच मुंबई में मानसून के दौरान बारिश के कारण हर साल लगभग 2,718 लोगों की मौत हो रही है — ये संख्या कैंसर से होने वाली मौतों के बराबर है। इस अध्ययन के नेतृत्व में थीं आर्चना पाटनकर, जो मुंबई स्थित पर्यावरण सलाहकार संस्था ग्रीन ग्लोब की संस्थापक हैं, और सुबिमल घोष, आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर।

उनके अनुसार, इस दशक में बारिश से होने वाले नुकसान का आर्थिक अनुमान 12 अरब डॉलर था। इन मौतों में से लगभग 80% लोग मुंबई की झुग्गी-झोपड़ियों में रहते थे। बच्चे, महिलाएं और 65 साल से अधिक उम्र के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित। एक अन्य चिकागो विश्वविद्यालय की रिपोर्ट ने भी पुष्टि की कि जलवायु परिवर्तन मुंबई की बाढ़ों को अधिक घातक बना रहा है।

मुंबई का भूगोल: बाढ़ का खतरा दोगुना

मुंबई के तीन ओर समुद्र का होना, नालों की अपर्याप्त क्षमता और उच्च ज्वार के साथ बारिश का मिलना — ये तीनों मिलकर एक आपदा का सूत्र बनाते हैं। डीकन हर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, एक दिन में 150 मिमी बारिश होने पर अगले पांच हफ्तों में सामान्य मृत्यु दर में 2.2% की वृद्धि होती है। इसमें पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 5.3% तक पहुंच जाती है — डूबने, बिजली के झटके और डायरिया, टीबी, मलेरिया जैसी बीमारियों के कारण।

जब बारिश के साथ ज्वार भी चढ़ जाता है, तो नालियां पूरी तरह बंद हो जाती हैं। बारिश का पानी गलियों में जमा हो जाता है, और जहां घर बने हैं वहां लोग अपनी जिंदगी खो देते हैं। इसलिए आज भी नवंबर की इस असामान्य बारिश के बाद, लोग डर रहे हैं — ये क्या सिर्फ एक असामान्य मौसम था, या अब ये हर साल होने वाला है?

अगले कदम: आपातकालीन तैयारी या लंबी अवधि का समाधान?

भारतीय मौसम विभाग ने 6 नवंबर को चेतावनी जारी की: ‘6-8 नवंबर तक तमिलनाडु और 8-10 नवंबर तक केरल में अलग-अलग तीव्र बारिश की संभावना है।’ यानी ये मौसमी असामान्यता सिर्फ मुंबई तक सीमित नहीं है।

सुबिमल घोष के अनुसार, शहर अब बाढ़ के लिए पहले से चेतावनी प्रणाली लागू कर रहा है। लेकिन वे कहते हैं, ‘अगर हम बस चेतावनी देते रहेंगे और नींव नहीं बदलेंगे, तो हर साल नए नए बच्चे डूबेंगे।’ आर्चना पाटनकर ने एक बार कहा था: ‘10 साल पहले जहां बाढ़ नहीं आती थी, आज वहां पानी आ रहा है। ये बहुत स्पष्ट है — बात बदल रही है।’

एक अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि अगर समुद्र का स्तर 40 सेमी बढ़ जाए, तो बाढ़ से होने वाली मौतों में 56% की वृद्धि होगी। ये कोई दूर की बात नहीं — ये अगले 30 सालों में संभावित है।

अगले क्या होगा?

अगले दो हफ्तों में भारतीय मौसम विभाग ने फिर से हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की है। लेकिन लोग अब सिर्फ बारिश के लिए तैयार नहीं हो रहे — वे अपने घरों, नालों, और शहर के नियोजन के लिए भी तैयार हो रहे हैं। आईआईटी बॉम्बे और ग्रीन ग्लोब जैसे संस्थान अब हाइपरलोकल डेटा का उपयोग कर रहे हैं — जहां कौन सी गलियां सबसे ज्यादा खतरे में हैं, वहां जल्दी से नालियां बनाई जा सकें।

लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है: क्या हम बस बारिश का इंतजार करेंगे, या हम अपने शहर को बदलेंगे?

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

नवंबर 2025 में मुंबई में बारिश क्यों असामान्य है?

भारतीय मौसम विभाग ने 10 अक्टूबर को मानसून का अंत घोषित कर दिया था, जिसके बाद नवंबर में बारिश आमतौर पर नहीं होती। लेकिन 2025 में अरब सागर में गहरा अवनमन और ऊपरी हवाओं के चक्रवाती प्रवाह के कारण 35.6 मिमी बारिश हुई — यह पिछले छह सालों में सबसे अधिक है।

इस बारिश से कौन सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है?

80% मौतें मुंबई की झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों की हो रही हैं, जिनमें बच्चे (5 साल से कम), महिलाएं और 65 साल से अधिक उम्र के लोग शामिल हैं। बाढ़ के बाद डायरिया, टीबी और मलेरिया जैसी बीमारियां फैलती हैं, और बिजली के झटके या डूबने से भी जान चली जाती है।

क्या यह बारिश केवल मुंबई के लिए खतरनाक है?

नहीं। भारतीय मौसम विभाग ने तमिलनाडु और केरल में भी 6-10 नवंबर के बीच तीव्र बारिश की भविष्यवाणी की है। यह एक व्यापक जलवायु पैटर्न है, जो अरब सागर के तापमान और वायु प्रवाह में बदलाव का परिणाम है।

क्या ये बारिश अब हर साल होने लगेगी?

हां, वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण अब मानसून के बाद भी असामान्य बारिश होने लगी है। अरब सागर का तापमान बढ़ रहा है, जिससे चक्रवाती तूफान अधिक बार और तीव्र हो रहे हैं। 2015 के बाद से ऐसी घटनाएं अधिक आम हो गई हैं।

40 सेमी समुद्र स्तर बढ़ने से क्या होगा?

एक अध्ययन के अनुसार, अगर समुद्र का स्तर 40 सेमी बढ़ जाए, तो मुंबई में बाढ़ से होने वाली मौतों में 56% की वृद्धि होगी। ये इसलिए क्योंकि नालियां और निचले क्षेत्र अब ज्वार के साथ जल्दी बह जाएंगे, और लोगों के लिए बचने का समय कम हो जाएगा।

मुंबई में बाढ़ के खिलाफ क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

आईआईटी बॉम्बे और ग्रीन ग्लोब जैसे संस्थान अब हाइपरलोकल डेटा के आधार पर जो इलाके सबसे ज्यादा खतरे में हैं, उनकी पहचान कर रहे हैं। शहर सरकार भी बाढ़ चेतावनी प्रणाली लागू कर रही है, लेकिन लंबी अवधि के नियोजन, नालियों का विस्तार और बाढ़-प्रतिरोधी निर्माण अभी तक कमजोर है।