भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज ओपनर बल्लेबाज शिखर धवन ने अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की है। उन्होंने एक वीडियो संदेश के माध्यम से सोशल मीडिया पर अपने इस फैसले का ऐलान किया। धवन ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए अब 'पन्ना पलटना' जरूरी है। उन्होंने अपने करियर को लेकर आभार व्यक्त किया और यह भी कहा कि भारतीय टीम के लिए खेलते हुए उन्हें जो खुशी और शांति मिली है, वह अद्वितीय है।
शिखर धवन का क्रिकेट करियर बहुत ही शानदार रहा है। उनकी शुरुआत अक्टूबर 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विशाखापत्तनम में हुई थी। धवन ने 14 साल के लंबे करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। विशेष रूप से वनडे और टी20 क्रिकेट में उनकी परफॉर्मेंस हमेशा उत्कृष्ट रही। उन्होंने 167 वनडे मैच खेले जिसमें 6793 रन बनाए, जिसमें 17 शतक और 39 अर्धशतक शामिल हैं। टी20 क्रिकेट में उन्होंने 68 मैचों में 1759 रन बनाए।
शिखर धवन की खेल शैली और अंगद माहौल में 'थाई सेलिब्रेशन' उनकी पहचान बन गई थी। उन्होंने रोहित शर्मा के साथ मिलकर वनडे क्रिकेट में बहुत ही सफल ओपनिंग पार्टनरशिप बनाई। यह जोड़ी भारतीय टीम की सफलता में अहम भूमिका निभाई। धवन ने 2004 में आईपीएल वर्ल्ड कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब जीता और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी और 2018 में एशिया कप में भी यह खिताब अपने नाम किया। वनडे क्रिकेट में 6,000 रन पूरा करने वाले सबसे तेज बल्लेबाज बनने का गौरव भी धवन को प्राप्त है।
शिखर धवन के संन्यास की खबर सुनते ही पूर्व क्रिकेटर और टीममेट्स जैसे गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी जैसे सईद अनवर ने उनका सराहना की और उनके शानदार करियर को याद किया। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और अन्य क्रिकेटिंग बॉडीज ने भी धवन को उनके ब्रिलियंट करियर के लिए बधाई दी।
धवन ने अपने संन्यास के बारे में कहा कि वह हर पल का आनंद लेते थे और उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला बहुत सोच-विचार के बाद लिया है। धवन ने अपने संदेश में कहा, 'मैं हमेशा भारतीय टीम के लिए खेलते हुए गर्व महसूस करता रहा हूं और अपने प्रशंसकों के प्यार और समर्थन के लिए हमेशा आभार व्यक्त करता हूं।'
शिखर धवन के संन्यास ने भारतीय क्रिकेट में एक युग के अंत की तरह है। उनकी क्रिकेट यात्रा में हमें कई यादगार पल मिले हैं। धवन का योगदान भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा याद रहेगा और उनकी उपलब्धियां आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बनी रहेंगी।
शानदार करियर की झलकियाँ
शिखर धवन ने अपने करियर की शुरुआत घरेलू क्रिकेट से की थी और सफलता के नए पायदान चढ़ते गए। उन्होंने भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की की और वनडे और टी20 क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया। उनके द्वारा बनाए गए अद्वितीय रिकॉर्ड्स और उनके खेल की प्रमोशन हमेशा यादगार रहेगी।
रोहित शर्मा के साथ शानदार साझेदारी
धवन और रोहित शर्मा की जोड़ी ने वनडे क्रिकेट में कई शानदार साझेदारियां की हैं। उनकी जोड़ी ने भारतीय टीम को बड़े टूर्नामेंट्स में सफलता दिलाई और विपक्षी टीमों के लिए चुनौती पेश की। उनकी बैटिंग संगत और मैदान पर उनकी समझ उन्हें दूसरों से अलग बनाती थी।
भविष्य की योजनाएँ
शिखर धवन ने अपने भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया कि वह अब अपना समय परिवार के साथ बिताएंगे और यंग क्रिकेटरों के मेंटॉर के तौर पर कार्य करेंगे। उनका उद्देश्य क्रिकेट से जुड़ी अन्य गतिविधियों में रहकर नई प्रतिभाओं को प्रेरित करना है।
धवन ने कहा, 'अब मैं अपने परिवार के साथ अपना समय बिताऊंगा और साथ ही क्रिकेट से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में विचार करूंगा। मुझे भविष्य में यंग क्रिकेटरों को मार्गदर्शन देने की उम्मीद है और उन्हें अपने अनुभवों से सिखाने का मौका मिलेगा।'
शिखर धवन का संन्यास भारतीय क्रिकेट के एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन है। उनके योगदान और उनकी उपलब्धियों को हम सभी सलाम करते हैं। उन्होंने अपने अद्वितीय खेल और संघर्ष से हमें गर्व महसूस कराया है।
टिप्पणि (11)
Swapnil Shirali
शिखर धवन का करियर बस एक बल्लेबाज़ का नहीं, एक भावनात्मक अनुभव था। उनकी ओपनिंग जोड़ी रोहित के साथ तो बस एक बार नहीं, बल्कि हर बार जैसे एक बारिश के बाद आए इंद्रधनुष की तरह थी - चमकदार, अस्थायी, और दिल को छू जाने वाली। उनका थाई सेलिब्रेशन? वो तो बस एक नाच नहीं, एक अल्फाबेट था जिसमें खुशी का अक्षर लिखा हुआ था।
मैंने उन्हें एक बार एक टी20 मैच में देखा था - 18 ओवर में 75 रन, और फिर भी वो मुस्कुरा रहे थे। ऐसे लोगों का संन्यास नहीं, बल्कि एक अनुभव का अंत होता है।
Nihal Dutt
क्या ये सच में संन्यास है या बस फॉर्म गया तो बचने का रास्ता ढूंढ रहे हैं? मैंने तो पिछले 3 मैचों में उनकी बैटिंग देखी थी - बल्ला लग रहा था लेकिन रन नहीं बन रहे थे। शायद ये फैसला बस एक फिर नहीं लगने के डर से लिया गया।
Upendra Gavale
धवन भाई के लिए एक बड़ा थैंक्स 😭❤️ उन्होंने जो खुशियां दीं, वो हमें अब तक याद आती हैं। उनका वो डांस जब विकेट गिरता था - बस दिल जीत लेता था। अब घर पर बैठकर बच्चों को क्रिकेट सिखाएंगे, तो अगली पीढ़ी के लिए एक नया गुरु बन जाएंगे।
मैं तो उनके लिए एक रोटी बनाऊंगा और उस पर एक बल्ला बना दूंगा 🤣
abhimanyu khan
संन्यास का घोषणा करना एक व्यक्तिगत निर्णय है, लेकिन इसके पीछे की व्यवस्थागत असफलताओं को अनदेखा नहीं किया जा सकता। भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने उनके लंबे करियर के दौरान उन्हें कभी निरंतर रणनीतिक समर्थन नहीं दिया, जिसके कारण उनकी टीम में नियमित जगह बनाने में असमर्थता दिखी। यह एक व्यवस्था की विफलता है, न कि केवल एक खिलाड़ी का अंत।
Jay Sailor
इतना करियर बनाया, और अब बस एक राज्य के लिए बात कर रहे हैं? ये लोग तो हमेशा वही करते हैं - जब जीतते हैं तो सबका नाम लेते हैं, जब गिरते हैं तो बाहर निकल जाते हैं। अगर ये अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का अंत है, तो ये अंतर्राष्ट्रीय भारतीयता का भी अंत है। हमारे खिलाड़ी तो हमेशा जाते हैं, लेकिन हमारा दिल तो वहीं रह जाता है।
Anindita Tripathy
शिखर धवन ने जो दिया, वो केवल रन नहीं - वो आशा थी। जब मैं छोटी थी, तो मैं उनके खेल को देखकर खुद को बल्लेबाज़ बनने की कल्पना करती थी। उनकी बैटिंग ने मुझे बताया कि आप जितना जोश से खेलेंगे, उतना ही दुनिया आपको देखेगी। आपका संन्यास अंत नहीं, बल्कि एक नया अध्याय है। हम आपका इंतज़ार करेंगे - जब आप अगली पीढ़ी को राह दिखाएंगे।
Ronak Samantray
ये संन्यास बस एक ढोंग है। बीसीसीआई ने उन्हें धमकी दी होगी - नहीं तो क्यों अचानक? और वो थाई सेलिब्रेशन? वो तो बस एक छल था - उनके दिमाग में बस एक ही चीज़ थी: 'कौन जीतेगा?' और जब वो नहीं जीत रहे थे, तो वो चले गए।
Anil Tarnal
मैंने उन्हें एक बार राजस्थान में खेलते देखा था - उस दिन बारिश हो रही थी, और वो फिर भी बल्ला घुमा रहे थे। उस दिन मैंने समझा - क्रिकेट बस खेल नहीं, एक जीवनशैली है। अब वो चले गए, लेकिन उनकी आवाज़ अभी भी मेरे दिल में है।
Viraj Kumar
यह संन्यास अनैतिक है। एक ऐसे खिलाड़ी जिसने 167 वनडे खेले, उसे अपने करियर के अंत को नियंत्रित करना चाहिए था - न कि एक वीडियो में भावुक बनकर। यह एक अहंकारी निर्णय है। उन्हें अपने अंत को एक औपचारिक बैठक में घोषित करना चाहिए था, न कि एक फोन कैमरे के सामने।
Shubham Ojha
शिखर धवन ने जो किया, वो बस क्रिकेट नहीं - वो एक रंगीन राग था जो हर भारतीय के दिल में बजा। उनकी बैटिंग जैसे बांग्लादेश की गाड़ी में चलने वाली चाय की खुशबू - छोटी, लेकिन दिल को छू जाने वाली। अब वो चले गए, लेकिन उनकी यादें हमेशा रहेंगी - जैसे गुड़िया वाला बच्चा जिसकी आंखें अभी भी चमक रही हों। 🌈
tejas maggon
क्या ये सच में अलविदा है? या बस बीसीसीआई ने उन्हें बाहर निकाल दिया? मैंने तो एक ट्विटर अकाउंट पर पढ़ा - कहीं न कहीं बोर्ड ने उनका कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया होगा। ये तो बस एक धोखा है।