शक्तिकांत दास की नियुक्ति का महत्व
पूर्व भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया गया है, जो अपने आप में एक नया पद है। यह नियुक्ति उनके छः साल के सफल कार्यकाल के बाद हुई है, जिसमें उन्होंने आर्थिक संकटों जैसे नोटबंदी और COVID-19 महामारी के समय अहम भूमिका निभाई।
दास ने गवर्नर रहते हुए बाजार को स्थिर रखने और केंद्र सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच संवाद बढ़ाने में मदद की।
क्या है नया रोल और इसका महत्व?
यह नियुक्ति प्रधानमंत्री के मौजूदा कार्यकाल तक जारी रहेगी और वह वर्तमान प्रमुख सचिव पीके मिश्रा के साथ काम करेंगे। 1980 बैच के IAS अधिकारी दास के पास वित्त, कराधान और आर्थिक नीति में गहरा अनुभव है। उन्हें पहले आर्थिक मामलों के सचिव और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं देने का अनुभव है।
यह कदम इस बात का संकेत है कि सरकार आर्थिक स्थिरता और संकट के समय पर नीति-संयोजन पर निरंतरता बनाए रखने की दिशा में आगे बढ़ रही है। दास की नियुक्ति यह भी दिखाता है कि देश की मौजूदा आर्थिक रणनीति को कायम रखते हुए सरकार भविष्य में भी उनकी विशेषज्ञता का लाभ उठाना चाहती है।
दास का अनुभव विशेष रूप से संकट प्रबंधन में उनका मार्गदर्शन करना संभव बनाता है, जैसा कि उन्होंने नोटबंदी और महामारी के दौरान दिखाया। इन हालात में उन्होंने मौद्रिक नीति का समायोजन करने और बाहरी और आंतरिक आर्थिक दबावों के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया था।
टिप्पणि (14)
DHEER KOTHARI
वाह! शक्तिकांत दास अब PMO में 😍 ये तो बहुत बड़ी बात है। जब भी कोई संकट आया, वो हमेशा शांत रहे... अब देखना है कि वो यही शांति PMO में लाते हैं 🙌
vineet kumar
यह नियुक्ति सिर्फ एक शुभ इशारा नहीं, बल्कि एक जानबूझकर किया गया संकेत है कि देश की आर्थिक नीतियों में अस्थिरता का कोई स्थान नहीं है। दास का अनुभव बाजार के भावों को नियंत्रित करने के लिए अनुमानित नहीं, बल्कि विश्लेषणात्मक रूप से उपयोग किया जाएगा।
Deeksha Shetty
ये पद ही क्या है प्रमुख सचिव-2 अब नया ट्रेंड बन गया क्या
Ratna El Faza
मुझे लगता है ये बहुत अच्छा फैसला है। दास जी तो हमेशा से समझदार रहे हैं। अब जब वो PM के पास हैं तो लगता है ज्यादा स्थिरता आएगी। मैं उम्मीद करती हूँ कि छोटे बच्चों के घरों में भी बेहतर बैंकिंग मिलेगी 😊
Nihal Dutt
ये सब फेक न्यूज है ना? क्या वो असली में नियुक्त हुए हैं? क्या ये सब किसी और के लिए धुंध बना रहे हैं? बस इतना ही लगता है... अब फिर कौन बदलेगा? 🤔
Swapnil Shirali
अरे भाई, शक्तिकांत दास को नोटबंदी के बाद भी बचाया गया... अब वो PMO में? ये तो बस एक बड़ा फ्लैशबैक है जहां एक आदमी को उसकी गलतियों के लिए नहीं, बल्कि उसकी शांति के लिए पुरस्कृत किया जा रहा है। 😏
Upendra Gavale
जब तक दास जी बैंक में थे, तब तक लोग कहते थे 'ये तो बस एक आदमी है'... अब जब वो PM के पास हैं, तो लोग कह रहे हैं 'वो तो देश के दिमाग हैं' 😂 जीवन का अजीब नियम है ना?
abhimanyu khan
इस नियुक्ति के पीछे का व्यवस्थापकीय तर्क अत्यंत सूक्ष्म है। एक अर्थव्यवस्था के लिए नीति-स्थिरता का अर्थ है निरंतरता का आधार, जिसे व्यक्तिगत अहंकार या राजनीतिक अस्थिरता नहीं बदल सकती। शक्तिकांत दास इस अवधारणा का प्रतीक हैं।
Jay Sailor
यह नियुक्ति देश के विरोधियों के लिए एक चेतावनी है। जो लोग आर्थिक नीतियों को निरंतर आलोचना करते हैं, उन्हें याद दिलाया जा रहा है कि भारत की आर्थिक राष्ट्रीय सुरक्षा किसी भी विदेशी या आंतरिक शक्तियों के हाथ में नहीं जाएगी। दास जी एक असली देशभक्त हैं।
Anindita Tripathy
मैं बस इतना कहना चाहती हूँ कि जब एक आदमी इतने सालों तक शांति और स्थिरता लाया है, तो उसे बस एक नया रोल देना बहुत छोटी बात है। उनके लिए ये नियुक्ति एक आदर है। बहुत बढ़िया 😊
Ronak Samantray
अगर ये सच है तो... क्या ये सब एक बड़ा डिजिटल फ्रॉड है? क्या वो असली में जिंदा हैं? या फिर ये सब किसी और के लिए एक धोखा है? 🤫
Anil Tarnal
इतनी बड़ी नियुक्ति के बाद भी कोई नहीं बता रहा कि इसका क्या मतलब है आम आदमी के लिए। क्या मेरी बचत का ब्याज बढ़ेगा? या फिर मेरा बिल बढ़ेगा? कोई जवाब दो यार।
Viraj Kumar
यह नियुक्ति अत्यंत उचित है। शक्तिकांत दास के अनुभव को अनदेखा करना आर्थिक नीति में अनुशासन के खिलाफ होगा। उनकी नियुक्ति का उद्देश्य नियमित और पारदर्शी वित्तीय व्यवस्था को बनाए रखना है, जिसे किसी भी व्यक्ति द्वारा नहीं बदला जा सकता।
Shubham Ojha
दास जी को याद करो जब नोटबंदी हुई थी... वो बस एक शांत आदमी थे, लेकिन उनके पीछे एक जादू था। अब वो PMO में हैं - मतलब अब देश का दिल भी एक बैंक की तरह धड़केगा... शांत, लेकिन बहुत ताकतवर 💪🇮🇳