झारखंड चुनाव: मतदान की अभूतपूर्व गूंज
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 का प्रचार शुरू होते ही पूरे राज्य के राजनीतिक वातावरण में असाधारण उत्साह दिखा। 13 नवंबर को पहले चरण में 81 विधानसभा सीटों में से 43 सीटों पर मतदान हुआ। विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवार, उनके कार्यकर्ता और समर्थक पूरे चुनावी परिदृश्य को जीवंत कर रहे हैं। इस चरण में 683 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं, जहां उन पर अमूल्य जनादेश है।
उम्मीदवारों में कई प्रमुख चेहरे शामिल हैं जैसे पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, पूर्व सांसद गीता कोड़ा और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाला गठबंधन, जिसमें कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) भी शामिल है, चुनाव मैदान में हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में विपक्षी दल भी अपनी भूमिका निभा रहे हैं। भाजपा के प्रमुख नेता प्रधानामंत्री नरेंद्र मोदी ने मतदाताओं से अपने मताधिकार का प्रयोग पूरी "ऊर्जा और उत्साह" से करने की अपील की।
चुनाव में मुद्दों की भरमार
जहां एक तरफ जेएमएम का गठबंधन अपनी "मैयान सम्मान योजना" जैसी विकास योजनाओं पर भरोसा कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने भी कुछ बड़े वादे किये हैं जैसे यूनिफार्म सिविल कोड लागू करना और हर महिला को प्रति माह 2,100 रुपये की सहायता। इसके साथ ही पांच लाख रोजगार देने का भी वादा किया है। इन्हीं मुद्दों के सहारे भाजपा और अन्य विपक्षी दल झारखंड की जनता को एक नए भविष्य का सपना दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि, जमीनी हकीकत अलग हो सकती है। राज्य में भ्रष्टाचार पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति तेज है। प्रमुख चिंताओं में से एक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी, जो विपक्ष द्वारा गठबंधन सरकार को चुनौती के तौर पर देखी जा रही है।
चुनाव के पूर्वानुमान और मतदान केंद्र
राज्य में कुल मिलाकर 15,000 से अधिक मतदान केंद्र बनाये गए हैं। इनमें 12,716 केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और 2,628 शहरी क्षेत्रों में। यह राज्य में मतदान की भौगोलिक चुनौती को रेखांकित करता है। मतदान प्रक्रिया की सरलता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 194 मतदान केंद्रों पर पहले से ही मतदान अधिकारियों को तैनात किया गया है।
मतदाता सूची के अनुसार, पहले चरण के मतदान में शाम 5 बजे तक 65 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। राज्य के कई महत्वपूर्ण सीटों जैसे सरायकेला, रांची, जमशेदपुर पश्चिम, जगन्नाथपुर और जमशेदपुर पूर्व में कांटे की टक्कर देखने को मिली है।
आगामी चरण और मतगणना
पहले चरण के मतदान के कार्यक्रम की समाप्ति के बाद, दूसरा चरण 20 नवंबर को होना है। इसी तरह 23 नवंबर को मतगणना की जाएगी, जिससे राज्य का भविष्य तय होगा। सभी राजनीतिक दलों के लिए यह चुनाव केवल सरकार बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वक्तव्य देने का भी वक्त है कि कौन राज्य के लिए जरूरी योजनाओं और परिवर्तन की दिशा में बेहतर काम कर सकता है।
इस चुनावी माहौल ने पूरे राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में नई गतिविधियों को जन्म दिया है। नेताओं का आना-जाना, रैलियों का आयोजन और मीडिया में चर्चाओं का दौर चरम पर है। कौन सा दल अपनी योजनाओं और वादों के आधार पर जनता का विश्वास जीतकर सत्ता हासिल करेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
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