नोवाक जोकोविच की शानदार जीत और नियम बदलाव की मांग
ओलंपिक खेलों में हमेशा से ही रोमांचक मुकाबले देखने को मिलते हैं, और टेनिस में तो यह रोमांच और भी बढ़ जाता है। नोवाक जोकोविच, जिन्होंने 24 ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं, ने हाल ही में पेरिस ओलंपिक में मैथ्यू एबडेन के खिलाफ 6-0, 6-1 की शानदार जीत दर्ज की। यह जीत एक प्रतीकात्मक है, क्योंकि जोकोविच इसी के साथ ओलंपिक टेनिस के नियमों में बदलाव की मांग कर रहे हैं।
मैच का विश्लेषण
जोकोविच शीर्ष बीज हैं और उन्हें ऑलंपिक के पहले दौर में मैथ्यू एबडेन का सामना करना पड़ा। ध्यान देने वाली बात यह है कि एबडेन मुख्यत: डबल्स खिलाड़ी हैं और उन्हें सिंगल्स मुकाबले में खेलने के लिए बुलाया गया था। यह निर्णय तब लिया गया जब जैनिक सिनर टॉन्सिलाइटिस की वजह से मुकाबले से हट गए। मैथ्यू एबडेन, जिन्होंने पिछले दो सालों में सिंगल्स का अभ्यास नहीं किया था, ने अपने उत्साह के साथ मैच को खेला और एक गेम जीतने पर अपना शर्ट उठाकर दर्शकों का मनोरंजन भी किया।
नोवाक जोकोविच की प्रतिक्रिया
जीत के बाद नोवाक जोकोविच ने कहा कि इस तरह के अचानक निर्णय खिलाड़ियों की प्रदर्शन क्षमता पर असर डालते हैं। उन्होंने कहा कि डबल्स खिलाड़ियों को सिंगल्स मैचों में उतारना उचित नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि एबडेन का खेल फिर भी सराहनीय था, लेकिन हमें इसके नियमों को सुधारने की जरूरत है ताकि खिलाड़ियों को सही तैयारी का मौका मिल सके।
एबडेन का उत्साह
जोकोविच से हारने के बावजूद मैथ्यू एबडेन ने अपने खेल का पूरा आनंद लिया। जितने के बाद उनके चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। उन्होंने कहा कि यह एक दुर्लभ अवसर था जब उन्हें जोकोविच के खिलाफ खेलने का मौका मिला। उनकों इसके बारे में कोई दुख नहीं है, बल्कि वह इसे अपने करियर का एक महत्वपूर्ण पल मानते हैं।
अगला मुकाबला
जोकोविच का अगला मुकाबला स्पेनिश स्टार राफेल नडाल से हो सकता है, जो रविवार को अपने पहले दौर का मैच खेलेंगे। नडाल ने 22 ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं और यह मुकाबला दर्शकों के लिए बेहद रोमांचक होने वाला है।
नियमों में बदलाव की संभावना
इस संदर्भ में हेदर बॉलर, जो अंतरराष्ट्रीय टेनिस फेडरेशन की प्रवक्ता हैं, ने कहा कि किसी भी तरह के संशोधन को पेश करने से पहले पेशेवर टेनिस की गवर्निंग बॉडीज से विचार विमर्श करना आवश्यक है। यह प्रक्रिया समय ले सकती है, लेकिन खिलाड़ियों की भलाई के लिए यह जरूरी है।
कुल मिलाकर, नोवाक जोकोविच की जीत ने न केवल उन्हें अगले दौर में प्रवेश दिलाया है, बल्कि टेनिस के नियमों में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद भी जगाई है। इसे खेल की न्यायिकता और खिलाड़ियों की तैयारियों के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है। भविष्य में टेनिस के नियमों में किस प्रकार के बदलाव होंगे, यह देखने लायक होगा।
टिप्पणि (15)
Anindita Tripathy
इस मैच को देखकर लगा जैसे टेनिस का भाव बदल रहा है - जोकोविच की शानदार तकनीक और एबडेन का जज़्बा दोनों ही खेल की असली आत्मा हैं। नियमों में बदलाव की जरूरत है, लेकिन इससे पहले खिलाड़ियों के अनुभव को समझना जरूरी है।
tejas maggon
ये सब बातें बकवास हैं। जोकोविच को अपना टाइम नहीं मिला तो फिर नियम बदलने की बात क्यों? ये सब बड़े खिलाड़ियों का चालाकी का खेल है।
Jay Sailor
यहाँ कोई भी नियम बदलने की बात नहीं कर सकता क्योंकि ओलंपिक टेनिस एक रूढ़िवादी संरचना है जिसे अंतरराष्ट्रीय फेडरेशन ने लंबे समय तक संरक्षित किया है। एबडेन के जैसे खिलाड़ियों को अचानक बुलाना तो खेल के नैतिक आधार का ही अनुपालन है - न कि अन्याय। जोकोविच की जीत तो उनकी श्रेष्ठता का प्रमाण है, लेकिन उनकी आलोचना उनके अहंकार का परिणाम है।
Viraj Kumar
क्या आपने कभी सोचा कि जोकोविच को जब तक नियम बदले नहीं जाते, तब तक वह खुद को एक शहंशाह समझने लग गया है? एबडेन ने तो बस अपना जीवन दिखाया - जोकोविच ने अपना रिकॉर्ड दिखाना चाहा। यह अंतर समझना चाहिए।
Ronak Samantray
ये सब एक धोखा है 🤫 जोकोविच को नडाल से लड़ने का डर है... इसलिए नियम बदलने की बात कर रहे हैं।
Shubham Ojha
एबडेन का खेल देखकर लगा जैसे टेनिस की आत्मा जीवित है - न कि रिकॉर्ड्स या रैंकिंग। जोकोविच की जीत तो बड़ी है, लेकिन एबडेन की मुस्कान उससे भी बड़ी है। ये खेल नहीं, ये जीवन है।
Subashnaveen Balakrishnan
एबडेन का मैच देखकर लगा जैसे टेनिस का असली मतलब खेलना है न कि जीतना। जोकोविच ने जीता लेकिन एबडेन ने खेल को जिंदा रखा। नियम बदलने की बात तो सही है लेकिन इससे पहले खिलाड़ियों के लिए अधिक फ्लेक्सिबिलिटी चाहिए।
Keshav Kothari
जोकोविच की जीत एक नियमित घटना है। एबडेन का मैच एक अपवाद। नियम बदलने की बात बस एक बहाना है जिससे वह अपने रिकॉर्ड को और भी बड़ा बनाना चाहता है।
nishath fathima
यह बिल्कुल गलत है। ओलंपिक टेनिस में खिलाड़ियों को अपने विशेषज्ञता के अनुसार चुना जाना चाहिए। डबल्स खिलाड़ी को सिंगल्स में नहीं डालना चाहिए। यह अनुचित है।
vineet kumar
एबडेन का खेल एक अद्भुत उदाहरण है कि खेल का मुख्य उद्देश्य जीतना नहीं, बल्कि अपने आप को दिखाना है। जोकोविच के नियमों के बदलाव की मांग तकनीकी रूप से सही है, लेकिन इसका भावनात्मक पहलू भूल जाना आसान है। खेल में असमानता हो सकती है, लेकिन उसे न्याय से भरना होगा।
Deeksha Shetty
एबडेन को बुलाना गलत था और जोकोविच को इसकी आलोचना करनी चाहिए थी न कि नियम बदलने की बात करनी। ये सब बस अपनी छवि बनाने की कोशिश है।
Rajesh Dadaluch
ये सब बहुत लंबा लिखा है। बस एक बात - एबडेन को नहीं बुलाना चाहिए था।
DHEER KOTHARI
जोकोविच की जीत बहुत बढ़िया थी और एबडेन का जज़्बा देखकर लगा जैसे खेल की आत्मा जिंदा है 😊 नियम बदलने की बात सही है, लेकिन इससे पहले खिलाड़ियों को अधिक समय देना चाहिए।
Pratyush Kumar
एबडेन के लिए यह मैच उनके करियर का सबसे बड़ा पल था। जोकोविच ने उनकी भावनाओं को समझा और उनकी तारीफ की - यही तो असली चैंपियनशिप है। नियम बदलने की बात सही है, लेकिन इसके लिए एक टीम बनानी चाहिए जो खिलाड़ियों के साथ बात करे।
Anil Tarnal
मैंने इस मैच को देखा और रो पड़ा। एबडेन का जज़्बा... जोकोविच की शान... दोनों ने मुझे याद दिलाया कि खेल जीवन है। मैं अब खुद भी टेनिस खेलने जा रहा हूँ। आप भी खेलें।