NEET UG 2025: राजस्थान के महेश कुमार ने देशभर में मारी बाजी, 99.99995 परसेंटाइल के साथ AIR 1

NEET UG 2025: राजस्थान के महेश कुमार ने देशभर में मारी बाजी, 99.99995 परसेंटाइल के साथ AIR 1

राजस्थान के महेश कुमार ने NEET UG 2025 में रचा इतिहास

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 14 जून 2025 को NEET UG 2025 के नतीजे जारी किए। इस बार महेश कुमार ने टॉप रैंक हासिल कर समूचे राजस्थान का मान बढ़ाया। वह हनुमानगढ़ जिले के रहने वाले हैं और महज 99.99995 परसेंटाइल स्कोर के साथ ऑल इंडिया रैंक (AIR 1) अपने नाम की। ये उपलब्धि हाल के वर्षों में राजस्थान के लिए पहली बार है, जिससे राज्य में खुशी की लहर दौड़ गई है। परीक्षार्थियों की जबरदस्त संख्या के बीच इस बार परीक्षा का स्तर सख्त रहा, कट-ऑफ भी कम हुई, यानी चयन और मुश्किल हो गया।

महेश कुमार के अलावा मध्य प्रदेश के उत्कर्ष अवधिया ने AIR 2 और महाराष्ट्र के कृषांग जोशी ने AIR 3 हासिल किया। वहीं, दिल्ली की अविका अग्रवाल (AIR 5) महिला श्रेणी में सबसे आगे रहीं। इन टॉपर्स ने न सिर्फ अपने राज्यों, बल्कि देशभर के लाखों छात्रों के लिए मिसाल कायम की है।

इस बार की परीक्षा में क्या रहा खास

2025 की NEET UG परीक्षा अभ्यर्थियों के लिहाज से खास रही। करीब 22 लाख परीक्षार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया, जिनमें से 12.36 लाख ने क्वालीफाई कर लिया।

  • उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों के परीक्षार्थियों ने कमाल का प्रदर्शन किया। यूपी और महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा अभ्यर्थियों ने क्वालीफाई किया।
  • पिछले साल की तुलना में इस बार परीक्षा थोड़ी टफ रही, जिससे जनरल कैटेगरी का कट-ऑफ गिरकर 144 पहुंच गया। 2024 के मुकाबले यह गिरावट है, जिससे साफ है कि इस बार प्रश्नपत्र में अधिक गहराई और विस्तार था।

रिजल्ट के जरिए ये भी साफ हुआ कि अलग-अलग राज्यों के बच्चे मेडिकल की तैयारी में कितना मजबूत प्रतिभागी बन चुके हैं। हरियाणा, पंजाब से लेकर गुजरात, दिल्ली तक के छात्रों ने टॉप 10 में जगह बनाई।

  • 1. महेश कुमार (राजस्थान)
  • 2. उत्कर्ष अवधिया (मध्य प्रदेश)
  • 3. कृषांग जोशी (महाराष्ट्र)
  • 4. मृणाल किशोर झा (दिल्ली)
  • 5. अविका अग्रवाल (दिल्ली)
  • 6. जेनिल विनोदभाई भायानी (गुजरात)
  • 7. केशव मित्तल (पंजाब)
  • 8. झा भाव्या चिराग (गुजरात)
  • 9. हर्ष केड़ावत (दिल्ली)
  • 10. आरव अग्रवाल (महाराष्ट्र)

सोशल मीडिया पर टॉपर्स के नाम ट्रेंड हो रहे हैं। राजस्थान के कोचिंग हब्स, जैसे कोटा, में उत्साह का माहौल है और राज्य के शिक्षक व माता-पिता इस उपलब्धि को नए युग की शुरुआत मान रहे हैं। वहीं, कट-ऑफ के कम होने से जो छात्र इस बार पास नहीं कर पाए, उन्हें भी उम्मीद है कि बेहतर तैयारी से आगे मौका मिलेगा।

परीक्षार्थियों, शिक्षकों और कोचिंग संस्थानों के बीच चर्चा छिड़ गई है कि आखिर किस रणनीति ने महेश और बाकी टॉपर्स को सबसे आगे पहुंचाया। अब सबकी नजरें टॉपर्स की मार्कशीट, उनकी तैयारी के तरीके और अगले फेज की काउंसलिंग प्रक्रिया पर टिकी हैं।

टिप्पणि (20)

  1. Rajesh Dadaluch
    Rajesh Dadaluch
    17 जून, 2025 AT 08:41 पूर्वाह्न

    99.99995? ये नंबर तो AI ने निकाला होगा।

  2. Deeksha Shetty
    Deeksha Shetty
    18 जून, 2025 AT 09:39 पूर्वाह्न

    इस बार कटऑफ कम हुई तो ये बात बताओ कि प्रश्न कहाँ गहरे थे जब सभी के नंबर बढ़ गए

  3. DHEER KOTHARI
    DHEER KOTHARI
    19 जून, 2025 AT 01:02 पूर्वाह्न

    बहुत बढ़िया खबर है भाई 😊 राजस्थान के लिए गर्व की बात है। कोटा के बच्चे हमेशा धमाका करते हैं।

  4. vineet kumar
    vineet kumar
    20 जून, 2025 AT 12:00 अपराह्न

    एक छात्र के अंकों को आदर्श बनाना गलत है। ये एक अपवाद है, न कि नियम। लाखों बच्चे जिन्होंने दिल से मेहनत की लेकिन नहीं बन पाए, उनकी कहानी किसने सुनी?

  5. Swapnil Shirali
    Swapnil Shirali
    20 जून, 2025 AT 18:08 अपराह्न

    हर साल कोटा का कोई न कोई AIR 1 बनता है, लेकिन अभी तक किसी ने बताया नहीं कि ये लोग कैसे इतना पढ़ लेते हैं? असली सवाल ये है कि क्या ये प्रणाली इंसानी है?

  6. Ratna El Faza
    Ratna El Faza
    21 जून, 2025 AT 18:30 अपराह्न

    मैं भी एक छात्रा हूँ और इस खबर ने मुझे बहुत प्रेरित किया। अगर राजस्थान से ऐसा लड़का बन सकता है तो मैं भी कर सकती हूँ।

  7. Upendra Gavale
    Upendra Gavale
    23 जून, 2025 AT 12:07 अपराह्न

    जब तक हम इंटरनेट पर टॉपर्स की तस्वीरें डालते रहेंगे, तब तक वो बच्चे जिन्होंने 143 मारे वो भी तो इंसान हैं 😔

  8. Keshav Kothari
    Keshav Kothari
    24 जून, 2025 AT 02:18 पूर्वाह्न

    99.99995%? ये नंबर तो गलत है। NTA कभी इतनी सटीकता नहीं देता। ये फेक न्यूज है।

  9. Nihal Dutt
    Nihal Dutt
    25 जून, 2025 AT 11:37 पूर्वाह्न

    ये सब बस एक धोखा है जिसे सरकार ने बनाया है ताकि लोग नौकरी के लिए नहीं बल्कि डॉक्टर बनने के लिए तैयार हों। डॉक्टर बनने से पहले दुनिया कैसे चलती है ये नहीं समझते।

  10. Jay Sailor
    Jay Sailor
    26 जून, 2025 AT 05:50 पूर्वाह्न

    महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बच्चे नंबरों में आगे हैं, लेकिन इनके घरों में कितने कोचिंग के बिल हैं? राजस्थान का ये लड़का असली शिक्षा का प्रतीक है। बाकी सब बस पैसे के लिए लड़ रहे हैं।

  11. Anindita Tripathy
    Anindita Tripathy
    27 जून, 2025 AT 05:46 पूर्वाह्न

    महेश के बारे में बहुत कुछ बोला जा रहा है, लेकिन उसके शिक्षकों और माता-पिता का योगदान कितना था? उनकी कहानी भी सुनने लायक है।

  12. Shubham Ojha
    Shubham Ojha
    27 जून, 2025 AT 09:39 पूर्वाह्न

    ये लड़का अपने गाँव के छोटे से घर से निकलकर देश का नंबर एक बना। ये ही है भारत की असली ताकत। इस बार राजस्थान के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। 🇮🇳

  13. tejas maggon
    tejas maggon
    27 जून, 2025 AT 11:06 पूर्वाह्न

    ये सब फेक है भाई… NTA ने अपने दोस्त को नंबर 1 बनाया… तुम्हें नहीं पता? 😏

  14. Subashnaveen Balakrishnan
    Subashnaveen Balakrishnan
    28 जून, 2025 AT 06:29 पूर्वाह्न

    क्या इस बार का पेपर किसी विशेष बोर्ड के अनुसार बनाया गया था? क्या इसकी तुलना 2024 के साथ की गई है? मैंने देखा कि कुछ प्रश्न बिल्कुल वही थे।

  15. Viraj Kumar
    Viraj Kumar
    28 जून, 2025 AT 08:26 पूर्वाह्न

    एक छात्र के अंकों के लिए इतना उत्साह क्यों? ये परीक्षा एक जन्मजात असमानता का दर्पण है। जिसके पास पैसा है, वो टॉप करता है। ये न्याय नहीं, ये अत्याचार है।

  16. abhimanyu khan
    abhimanyu khan
    30 जून, 2025 AT 02:10 पूर्वाह्न

    प्रश्नपत्र की गहराई के बारे में बात करने से पहले, ये बताओ कि क्या इस परीक्षा का उद्देश्य डॉक्टर बनाना है या एक अनुक्रमिक अनुकूलन का परीक्षण करना है? विज्ञान और अनुकूलन में अंतर है।

  17. Ronak Samantray
    Ronak Samantray
    30 जून, 2025 AT 13:57 अपराह्न

    ये सब एक नियोजित योजना है… कोटा में कोचिंग के लिए बच्चों को भेजकर फिर उन्हें टॉप बनाकर दिखाया जा रहा है… ताकि लोग और पैसे खर्च करें।

  18. Anil Tarnal
    Anil Tarnal
    1 जुल॰, 2025 AT 04:55 पूर्वाह्न

    मैं भी इसी जिले से हूँ… उसके पिता एक टीचर हैं… और उसकी माँ ने उसे रोज बिना खाए बिना सोए दो घंटे पढ़ाया… ये बात किसने बताई? कोई नहीं।


    मैंने भी NEET दिया था… मैंने 142 मारे… और अब मैं टैक्सी चलाता हूँ… क्या मेरी मेहनत कम है?


    ये दुनिया सिर्फ टॉपर्स को देखती है… बाकी सब अदृश्य हैं।

  19. Pratyush Kumar
    Pratyush Kumar
    2 जुल॰, 2025 AT 09:14 पूर्वाह्न

    हर बच्चे के पीछे एक कहानी होती है। महेश की कहानी सुनकर लगता है कि वो अकेले नहीं थे। उसके पिता शिक्षक थे, माँ ने घर का काम छोड़ दिया, बहन ने अपना खिलौना बेचकर किताबें खरीदीं। ये नंबर नहीं, ये बलिदान है।


    और हाँ, कटऑफ कम होने का मतलब ये नहीं कि परीक्षा आसान हुई। इसका मतलब है कि जिन लोगों ने असली गहराई से पढ़ा था, वो आगे निकल गए।


    कोचिंग के बिना भी ये हो सकता है। बस इच्छा, धैर्य और एक अच्छा मार्गदर्शक चाहिए।


    अगर आपको लगता है कि ये बस पैसे की बात है, तो आप नहीं जानते कि राजस्थान के कुछ गाँवों में बच्चे रात में लाइट के बिना भी पढ़ते हैं।


    हमें उनकी कहानियाँ सुननी चाहिए। न कि सिर्फ नंबरों को शो करना।

  20. nishath fathima
    nishath fathima
    3 जुल॰, 2025 AT 19:11 अपराह्न

    इस तरह के नतीजे देखकर लगता है कि बच्चों को अपने जीवन के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए पढ़ना पड़ता है। ये गलत दिशा है।

एक टिप्पणी लिखें