जब मिचेल सैंटर, न्यूज़ीलैंड टीम के कप्तान ने टॉस जीत कर पहले बैटिंग करने का फैसला किया, तो लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम की रोशनी ने सबको एक चमकीला सीन दिया। ढाई घंटे की देर रात, 5 मार्च, 2025 को, न्यूज़ीलैंड ने 362/6 का अभूतपूर्व स्कोर रखा और साउथ अफ्रीका को 312/9 पर रोक दिया, अंततः 50 रन से जीत हासिल की।
पृष्ठभूमि और टुर्नामेंट का इतिहास
यह मैच ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2024-25 का दूसरा सेमी‑फ़ाइनल था, जो पाकिस्तान, भारत और यूएई के साझा मंच पर आयोजित हो रहा था। इस टूर्नामेंट में अब तक 12 टीमों ने भाग लिया, लेकिन न्यूज़ीलैंड का फाइनल तक पहुँचना पहली बार हुआ। साउथ अफ्रीका की टीम ने पहले कई बार क्वार्टर‑फ़ाइनल में जगह बनाई, पर कभी भी न्यूज़ीलैंड को नॉकआउट चरण में नहीं हरा पाई।
सेमीफ़ाइनल टक्कर का विवरण
मैच का आरम्भ गद्दाफी स्टेडियम में शाम 7 बजे (पीएसटी) हुआ। न्यूज़ीलैंड ने टॉस जीत कर पहले बैटिंग करने का विकल्प चुना, जैसा कि मैच रेफ़री रोशन महानामा ने पुष्टि की। शुरुआती ओवरों में रिचिन राविंद्रा ने बिनती नहीं, 98 गेंदों में 123 रन बनाए। उसके बाद कैप्टेन केन विलियमसन ने 105 गेंदों पर 117 रन बनाकर एक सुनहरी साझेदारी लिखी। दोनो ने मिलकर 240 से अधिक रन का प्लेटफ़ॉर्म तैयार किया, जो इस टूर्नामेंट में सबसे अधिक रहा।
विपरीत दिशा में, साउथ अफ्रीका की टीम के लिए डेविड मिलर ने ध्यान खींचा। केवल 67 गेंदों में 100 रन बनाकर वह भी शतक तक पहुँचा, पर अंत में टीम को 312 रन से रोकना पूरी तरह से न्यूज़ीलैंड की गेंदबाज़ी के दम पर संभव रहा। लुंगी निग़डी की आखिरी ओवर में केवल 1 रन आ पाया, जब मिचेल सैंटर ने 10 ओवर में 3 विकेट लिये, 31 रन देकर खेल को तय किया।
खिलाड़ियों के प्रदर्शन और आँकड़े
- रिचिन राविंद्रा – 123 रन (98 गेंद), स्ट्राइक रेट 125.5
- केन विलियमसन – 117 रन (105 गेंद), स्ट्राइक रेट 111.4
- डेविड मिलर – 100 रन (67 गेंद), स्ट्राइक रेट 149.3
- मैथ्यू सैंटर – 3/31 (10 ओवर), पहले गेंद में ही दबाव बना दिया
- ग्लेन फिलिप्स – 2/18 (4 ओवर), स्पिन में मददगार
नीले रंग के गेंदबाज़ काइल जेमीसन ने 57 रन देकर 7 ओवर बनाए, जबकि विल ओ'रुके ने 69 रन पर 8 ओवर नहीं लिए। न्यूज़ीलैंड की स्पिनिंग डिप्थ ने मैच में बड़ा अंतर पैदा किया, क्योंकि चार ऑल‑राउंडर (मिचेल सैंटर, ग्लेन फिलिप्स, राविंद्रा और एक अज्ञात स्पिंर) ने गेंद को घुमा कर बॉल की गति को नियंत्रित किया।
कोच, विश्लेषक और मीडिया की राय
मैच के बाद साउथ अफ्रीका के कोच रॉब वाल्टर ने कहा, “हम 2027 विश्व कप की तैयारी में हैं, इस सेमी‑फ़ाइनल से सीख लेने की जरूरत है।” वहीं पूर्व तेज़ गेंदबाज़ वर्नोन फिलैंडर ने संभावित कप्तान परिवर्तन पर टिप्पणी की, “बावुमा को जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए।”
फ़ील्ड पर मौजूद विश्लेषकों ने ICC द्वारा कोविड‑काल के दौरान लागू किए गए थूक‑नियम को हटाने की मांग पर बात की। न्यूज़ीलैंड के ट्रेंट बौल्ट और साउथ अफ्रीका के फिलैंडर दोनों ने शमी के इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
आगे का मार्ग और फाइनल तैयारी
न्यूज़ीलैंड अब 9 मार्च को दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में भारत का सामना करेगा। मिचेल सैंटर ने कहा, “हम 320 रन से कम नहीं रहेंगे, इस पिच ने हमें 360 रन बनाने पर मजबूर किया। दुबई में भारत पर दबाव डालना हमारा लक्ष्य है।” टीम ने अपनी स्पिनिंग विकल्पों को और निखारने का वादा किया, जबकि भारत की बॉलिंग आक्रमण को भी गंभीरता से देख रहे हैं।
संपूर्ण सारांश
इस जीत से न्यूज़ीलैंड ने न सिर्फ़ अपने पहले फाइनल का रास्ता तैयार किया, बल्कि टीम की बैटिंग‑बॉलिंग बैलेंस पर भी भरोसा दिखाया। साउथ अफ्रीका की निराशा ने उनके भविष्य के टूर्नामेंट लक्ष्यों को स्पष्ट कर दिया – 2027 विश्व कप की ओर ध्यान। खेल प्रेमियों के लिए यह मैच एक यादगार शाम रही, जिसमें शतक, पाँच‑अंकीय स्कोर और तीव्र स्पिनिंग बॉलों का जादू मिल गया।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
न्यूज़ीलैंड की जीत से भारत को क्या सीख मिलती है?
भारत को हाई‑स्कोर बनाकर और स्पिनिंग डिप्थ को अधिकतम उपयोग करके दबाव बनाने की जरूरत है। न्यूज़ीलैंड ने 360 रन से आगे बढ़कर दिखाया कि तेज़ भागीदारों के साथ सीमेंटेड पार्टनरशिप फाइनल में भी मायने रखती है।
साउथ अफ्रीका के कोच ने किस बात पर ज़ोर दिया?
रॉब वाल्टर ने कहा कि टीम को ‘लर्निंग मोमेंट’ के रूप में इस हार को देखना चाहिए और 2027 विश्व कप की दिशा में तैयारी को तेज़ करना चाहिए। उन्होंने विशेष तौर पर बॉलिंग के वैरिएशन और फ़िनिशिंग स्ट्रैटेजी को सुधारने की बात कही।
ICC के थूक‑नियम को लेकर क्या नया विकास है?
ट्रेंट बौल्ट और वर्नोन फिलैंडर दोनों ने इस नियम को हटाने की बात कही है, क्योंकि यह बॉल की प्राकृतिक पॉलिशिंग में बाधा डालता है। अब यह मुद्दा ICC के अगले बोर्ड मीटिंग में चर्चा का विषय बन सकता है।
गद्दाफी स्टेडियम की पिच ने मैच को कैसे प्रभावित किया?
पिच ने गति और आभासी स्पिन दोनों को संतुलित किया। शुरुआती ओवरों में तेज़ बॉलिंग की मदद मिली, पर बीच की ओवरों में स्पिनर्स ने धारा बदल कर बॉल को घूमण बनाया, जिससे दोनों टीमों के बैट्समैन को अलग‑अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
न्यूज़ीलैंड के कौन‑से खिलाड़ी फाइनल में मुख्य भूमिका निभाएंगे?
केन विलियमसन और रिचिन राविंद्रा की टॉप ऑर्डर बैटिंग, साथ ही मिचेल सैंटर की ऑल‑राउंडर भूमिका फाइनल में निर्णायक होगी। स्पिनिंग विकल्पों में ग्लेन फिलिप्स और संभावित अनाम स्पिनर भी महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
टिप्पणि (1)
Abhimanyu Prabhavalkar
अरे वाह, न्यूज़ीलैंड ने फिर से रूटीन तोड़ दिया।