जम्मू-कश्मीर में नई सरकार का दावा: उमर अब्दुल्ला का नेतृत्व
जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय सम्मेलन (एनसी) और कांग्रेस ने मिलकर 48 सीटें जीतकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। 90 सदस्यीय विधानसभा में दोनों दलों ने इस तरह से मजबूत स्थिति प्राप्त की है। एनसी ने 42 सीटें हांसिल की हैं जबकि कांग्रेस ने 6 सीटों पर विजय प्राप्त की है। इन नतीजों के बाद उमर अब्दुल्ला को एक सुर में एनसी लेजिस्लेटिव पार्टी का नेता चुना गया। उनका कहना है कि उनके नेतृत्व में गठबंधन सरकार जल्द ही राज्य के लोगों की सेवा में कार्यरत होगी।
गठबंधन को मिला अन्य दलों का समर्थन
उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में गठबंधन ने चार स्वतंत्र विधायक और आम आदमी पार्टी के एक विधायक से भी समर्थन हासिल किया है। ये सभी सर्मथन पत्र उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को प्रस्तुत किए गए हैं। इसके साथ ही, अब धीरे-धीरे सरकार के गठन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है।
शपथ ग्रहण समारोह और सरकार गठन की प्रक्रिया
उमर अब्दुल्ला ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह बुधवार को आयोजित होने की संभावना है, हालांकि इसमें थोड़ा समय लग सकता है क्योंकि वर्तमान में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर सीधे केंद्र के अधीन है। राज्यपाल श्री सिन्हा को दस्तावेज़ तैयारकर राष्ट्रपति भवन भेजना होता है, जो फिर गृह मंत्रालय में प्रक्रिया के लिए जाती है और यह प्रक्रिया लगभग 2-3 दिन ले सकती है। उमर अब्दुल्ला ने इस प्रक्रिया की विस्तार में जानकारी दी और उम्मीद जताई कि यह जल्दी संपन्न हो जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बधाई संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सम्मेलन को उनकी सफलता के लिए बधाई दी है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए इसे एक नया अवसर बताया और उम्मीद जताई कि नई सरकार लोगों की अपेक्षाओं पर खरी उतरेगी।
पहली बार बिना अनुच्छेद 370 के चुनाव
यह चुनाव जम्मू-कश्मीर के लिए इसलिए भी खास था क्योंकि यहां पहली बार अनुच्छेद 370 के रद्द होने के बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं। चुनाव कुल तीन चरणों में संपन्न हुए, जिनमें 19 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान हुआ। तीसरे चरण में सबसे अधिक 69.69% की वोटिंग दर्ज की गई। इस परिणाम ने दर्शाया की लोग न केवल लोकतंत्रीय प्रक्रिया में विश्वास रखते हैं, बल्कि वे अपने अधिकारों और शासन-प्राप्ति के लिए भी उत्सुक हैं।
चुनाव परिणाम की विस्तृत समीक्षा
जम्मू और कश्मीर के इन चुनावों के परिणाम एनसी-कांग्रेस गठबंधन के लिए सुखद रहे। भारतीय जनता पार्टी ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में 29 सीटें हांसिल की हैं। एनसी और कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी को इस बार कुछ कम सीटें मिलीं। इस परिणाम का यह भी संकेत है कि राज्य के लोग केंद्र की नीतियों से कुछ असंतोषी हैं।
जनता की अपेक्षाएं और आगे की राह
अब जब उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में राष्ट्रीय सम्मेलन-कांग्रेस गठबंधन ने सरकार बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं, तो जनता की नजरें अब उनके कार्यकलापों पर टिकी होंगी। राज्य के चुनौतियों से निपटना और नए परिसीमन में संतुलन साधना अब उनके सामने सबसे बड़ी जिम्मेदारी होगी। नई सरकार से लोगों को काफी उम्मीदें होंगी, जिसमें रोजगार, सुरक्षा, और शिक्षा प्रमुख मुद्दे होंगे।
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