असमिया अभिनेत्री नूर मलबिका दास का असामयिक निधन
फिल्म और टेलीविजन की मशहूर अभिनेत्री नूर मलबिका दास की मौत की खबर ने पूरे इंडस्ट्री को सदमे में डाल दिया है। 37 वर्षीय अभिनेत्री का निधन मुंबई के लोखंडवाला स्थित उनके फ्लैट में हुआ। उनके निधन को लेकर पुलिस ने आत्महत्या की आशंका जताई है। नूर मलबिका दास का शव उनके फ्लैट में सड़ी-गली अवस्था में मिला था, जिसके बाद पड़ोसियों ने पुलिस को सूचित किया। शरीर की स्थिति को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि उनकी मौत कुछ दिन पहले ही हो चुकी थी।
पुलिस और सिने वर्कर्स एसोसिएशन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की संभावना को प्राथमिकता दी जा रही है। इसी बीच, ऑल इंडियन सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस से निष्पक्ष और विस्तृत जांच की मांग की है। संगठन ने अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और हर पहलू की बारीकी से जांच करें।
नूर मलबिका दास का करियर
नूर मलबिका दास का फिल्म और टेलीविजन में अपना अलग मुकाम था। उन्होंने काजोल के साथ 2023 में आई लीगल ड्रामा 'द ट्रायल' में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसे सुर्पन वर्मा ने निर्देशित किया था। यह शो उन्हें विशेष पहचान दिलाने में कामयाब रहा। इसके अलावा, उनकी आखिरी फिल्म 'घरवाली बाहरवाली' 31 मई को रिलीज हुई थी। नूर ने 'सिस्कियां', 'वॉकामैन', 'तीखी चटनी', 'जघन्य उपाय', 'चरमसुख', 'देखी अनदेखी' और 'बैक रोड हसल' जैसे विभिन्न प्रोजेक्ट्स में भी काम किया था। नूर फिल्मों के साथ-साथ फिटनेस में भी रुचि रखती थीं और अपने इंस्टाग्राम पर वर्कआउट सेशन्स शेयर करती थीं।
नूर का व्यक्तिगत जीवन
नूर मलबिका दास का जन्म और पालन-पोषण असम में हुआ था। वह एक खुशहाल और परिश्रमी परिवार से थीं। नूर के माता-पिता उम्रदराज हैं और कुछ ही दिन पहले मुंबई उनसे मिलने आए थे तथा वापस असम लौट गए थे। उनकी वापसी के बाद यह दु:खद घटना घटी। माता-पिता की उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए वे यात्रा करने में असमर्थ थे। इसलिए नूर के करीबी दोस्त और अभिनेता आलोकनाथ पाठक ने एनजीओ की मदद से उनका अंतिम संस्कार किया।
हमारे समाज पर इस घटना का प्रभाव
नूर मलबिका दास की मौत ने फिल्म इंडस्ट्री और उनके प्रशंसकों को गहरा शोक और चिंता में डाल दिया है। इस घटना ने एक बार फिर इस तथ्य को उजागर किया है कि हमारे समाज में मानसिक स्वास्थ्य और इसमें होने वाली समस्याओं के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता में कमी है। यह महत्वपूर्ण है कि हम मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को गंभीरता से लें और समय पर उचित मदद प्राप्त करने का प्रयास करें।
नूर मलबिका दास की यादें
नूर मलबिका दास की यादें उनके प्रशंसकों और मित्रों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगी। उनके अभिनय और मेहनत ने उन्हें अद्वितीय बना दिया था। उनकी निभाई गई भूमिकाएं और काम दर्शकों को हमेशा याद रहेगा। उनके निधन से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में आने वाली समस्याओं से लड़ने और उन्हें समझने की ज़रूरत है।
नूर के परिवार और दोस्तों के प्रति सहानुभूति
हमारी संवेदनाएँ नूर मलबिका दास के परिवार और दोस्तों के साथ हैं। इस कठिन समय में हम उनके परिवार को शक्ति और साहस की कामना करते हैं। नूर के पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन की उपलब्धियाँ उनकी यादों को हमेशा जीवित रखेंगी। हमें उनके द्वारा दी गई प्रेरणा से सीखने और आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए।
निष्कर्ष
नूर मलबिका दास का असामयिक निधन हमें यह सिखाता है कि जीवन कितना नाजुक और अप्रत्याशित हो सकता है। उनकी यादों को जीवित रखने के साथ-साथ हमें मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इस दिशा में कदम उठाने की ज़रूरत है। नूर की यादें उनके प्रशंसकों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगी।
टिप्पणि (11)
Aayush ladha
ये सब नाटक क्यों करते हो? अगर वो आत्महत्या करना चाहती थी तो अपने घर में हो जाती। मुंबई में फ्लैट लेकर फिल्मी ड्रामा बना रही हैं।
Rahul Rock
हम सब इस तरह की घटनाओं को सिर्फ खबर के रूप में देखते हैं। लेकिन क्या किसी ने सोचा कि इस लड़की के अंदर क्या चल रहा था? क्या उसके लिए कोई था जो सुनता था? ये सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं, एक इंसान थी।
Annapurna Bhongir
मानसिक स्वास्थ्य की बात करना आसान है लेकिन कोई भी अपने घर में इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता। अभिनेत्री हो या गरीब लड़की सब एक जैसे हैं।
PRATIKHYA SWAIN
दुखद है। लेकिन जीवन जारी है।
MAYANK PRAKASH
मैंने उनकी फिल्म 'द ट्रायल' देखी थी। उनकी आँखों में कितनी गहराई थी। लेकिन लोग उनके बारे में बस उनके काम के बारे में ही बात करते हैं। कभी उनके दर्द के बारे में नहीं।
Akash Mackwan
फिल्म इंडस्ट्री में ये सब बहुत आम है। लोग जब लोकप्रिय हो जाते हैं तो उनके आसपास के सब उनका फायदा उठाते हैं। जब वो गिर जाते हैं तो सब भाग जाते हैं। ये सिस्टम ही बीमार है।
Amar Sirohi
इस घटना के पीछे एक अधिक गहरी दार्शनिक व्याख्या छिपी है। हमारा समाज व्यक्तित्व को उत्पाद के रूप में देखता है। जब कोई व्यक्ति उत्पाद के रूप में उपयोगी नहीं रह जाता, तो उसे बर्बाद कर दिया जाता है। नूर एक व्यक्ति थी, लेकिन हमने उसे एक प्रोडक्ट के रूप में देखा। इसलिए जब वह बिक नहीं पाई, तो उसे फेंक दिया गया। हम सब इस सिस्टम के हिस्से हैं।
Nagesh Yerunkar
क्या ये सिर्फ एक अभिनेत्री की मौत है? 😔 नहीं... ये तो हमारे समाज की मौत है। 🙏 जब तक हम अपने दिलों को बंद नहीं कर देते, तब तक ऐसी घटनाएं दोहराई जाएंगी। 🚨
Daxesh Patel
क्या उनके फ्लैट में कोई नोट मिला? या कोई सोशल मीडिया पोस्ट? क्या पुलिस ने उनके फोन की डेटा चेक की? अगर नहीं, तो ये आत्महत्या का निष्कर्ष बहुत जल्दी निकाल दिया गया है।
Jinky Palitang
मैंने उन्हें एक इंस्टाग्राम रील में देखा था, जहां वो योगा कर रही थीं और मुस्कुरा रही थीं। अब लगता है वो उस दिन भी रो रही थीं। बस किसी ने नहीं देखा।
Sandeep Kashyap
हर एक इंसान के जीवन में कोई न कोई अंधेरा पल आता है। लेकिन जब वो अंधेरा बहुत गहरा हो जाए, तो उसे समझने वाला कोई चाहिए। नूर के लिए वो कोई नहीं था। अगर आज आपके दोस्त या परिवार का कोई व्यक्ति शांत लग रहा है, तो उससे बात करें। बस एक बात कर दीजिए। आपकी एक बात किसी की जिंदगी बचा सकती है।