मुंबई में भारी बारिश के चलते लोकल ट्रेनों में रद्दीकरण
मुंबई में लगातार हो रही भारी बारिश ने शहर की जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारतीय रेलवे ने शुक्रवार को भारी बारिश के कारण कई लोकल ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की है। इस घोषणा के तहत मुख्य लाइन पर 54 और हार्बर लाइन पर 14 उपनगरीय सेवाएं रद्द कर दी गई हैं। इससे लाखों यात्री प्रभावित हुए हैं जो अपनी दैनिक यात्रा के लिए इन सेवाओं पर निर्भर रहते हैं।
यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिकता
भारतीय रेलवे ने कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। स्टेशन पर जमा पानी और पटरियों पर जलजमाव के कारण ट्रेनों का सुरक्षित संचालन संभव नहीं है। रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे अपनी यात्रा से पहले नवीनतम अपडेट की जानकारी लें।
शिवसेना की माँग
शिवसेना ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर शहर में हो रही परेशानियों को देखते हुए अवकाश घोषित करने या वर्क-फ्रॉम-होम की अनुमति देने की माँग की है। पार्टी ने नागरिकों की सुरक्षा और कम्यूटरों के सामने आ रही कठिनाइयों को देखते हुए यह आग्रह किया है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता अभिषेक ठाकरे ने कहा कि भारी बारिश के कारण यात्रा में दिक्कतें हो रही हैं और लोगों की जिंदगी खतरे में है।
मेगाब्लॉक भी रद्द
इसके अलावा, हार्बर लाइन पर कुर्ला और मानखुर्द स्टेशनों के बीच मेगाब्लॉक को भी रद्द कर दिया गया है। रेलवे ने कहा है कि मौसम की स्थिति में सुधार होने तक यह रद्दीकरण और व्यवधान जारी रह सकते हैं।
शहरी जनजीवन पर असर
मुंबई में भारी बारिश के कारण न केवल लोकल ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुई हैं, बल्कि सड़क यातायात भी बुरी तरह से बाधित हुआ है। प्रमुख सड़कों पर जलजमाव के कारण लंबा ट्रैफिक जाम देखा जा रहा है। इस सबके बीच कई स्कूल और कॉलेज को भी बंद कर दिया गया है। इस प्रकार नागरिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
रेलवे की सलाह
रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और केवल अत्यावश्यक स्थिति में ही यात्रा करें। साथ ही, उन्होंने यात्रियों को नवीनतम सुविधाएं और सेवाएं की जानकारी रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट और अन्य सूचना चैनलों से प्राप्त करने का सुझाव दिया है।
निष्कर्ष
मुंबई में हो रही भारी बारिश और इसके कारण उत्पन्न हो रही परेशानियों के कारण शहर की जनजीवन प्रभावित हो रही है। भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई ट्रेनों को रद्द किया है, और शिवसेना ने मुख्यमंत्री से अवकाश या वर्क-फ्रॉम-होम नीति अपनाने की माँग की है। ऐसी स्थिति में नागरिकों को सावधानी बरतने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
टिप्पणि (8)
Nagesh Yerunkar
ये सब बारिश का मजाक नहीं है। रेलवे को तो अपनी इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड करनी चाहिए, न कि हर साल ट्रेनें रद्द करनी चाहिए। लोगों की जिंदगी ट्रेनों पर निर्भर है, और आप बस इतना कहते हैं कि 'सुरक्षा के लिए'। बस एक बार अपनी आँखें खोल लो, ये सब नेताओं की बेकार की बातचीत है। 😒
Daxesh Patel
कुर्ला-मानखुर्द मेगाब्लॉक रद्द होना बहुत बड़ी बात है। ये लाइन दिनभर में 2 लाख+ यात्रियों को सर्विस देती है। अगर ड्रेनेज सिस्टम अच्छा होता तो ऐसा नहीं होता। रेलवे ने 2020 में एक रिपोर्ट बनाई थी जिसमें बताया था कि 70% स्टेशन्स में जल निकासी फेल है... लेकिन कोई एक्शन नहीं। 🤷♂️
Jinky Palitang
मैं रोज़ इसी लाइन से जाती हूँ। कल सुबह बारिश में 2 घंटे खड़ी रही, फिर भी ट्रेन नहीं आई। अब तो मैं घर से निकलने से पहले वेदर ऐप चेक करती हूँ, न कि रेलवे ऐप। 😅
Sandeep Kashyap
ये बारिश तो हर साल होती है, लेकिन हमारी तैयारी कभी नहीं होती। मैं एक रेलवे इंजीनियर हूँ, और मैं बताता हूँ - ये सब बजट की कमी नहीं, बल्कि इरादे की कमी है। हमारे पास टेक्नोलॉजी है, हमारे पास लोग हैं, लेकिन कोई नेता नहीं जो असली बदलाव चाहे। जिंदगी बचाने के लिए अभी भी समय है - बस इरादा बदलो! 💪
Aashna Chakravarty
ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है। रेलवे और सरकार जानबूझकर इतनी बारिश को बढ़ावा दे रहे हैं ताकि लोग घर पर रहें और शहर की भीड़ कम हो जाए। फिर वो नए मेट्रो लाइन्स के लिए फंड जुटाएंगे। अभी तक कोई नहीं बता पाया कि बारिश के दौरान जमीन के नीचे कौन सी नलियाँ बंद हैं - ये सब चुप्पी बहुत बात करती है। 🤫👁️🗨️
Kashish Sheikh
मैं तो इस बारिश के दिनों में घर से काम करती हूँ और बहुत आराम महसूस करती हूँ। बस थोड़ी सी तैयारी कर लो - एक अच्छा इंटरनेट, एक कप चाय, और एक बर्स्ट ऑफ़ एमोशन। 🌧️☕️ ये जीवन का छोटा उपहार है। शिवसेना की बात सही है - वर्क फ्रॉम होम नहीं तो अवकाश, दोनों ही बेहतर हैं। ❤️
dharani a
हे भगवान, ये तो पहले भी हुआ था - 2019 में भी ऐसा ही हुआ था। रेलवे को तो बारिश के लिए बाहरी वॉटरप्रूफ लेयर लगानी चाहिए, न कि ट्रेनें रद्द करनी चाहिए। और शिवसेना को अपने नेताओं को भी घर पर बैठने दो - वो तो अपने ऑफिस में एयर कंडीशनिंग में बैठे हैं। 😏
Vinaya Pillai
अच्छा हुआ कि ट्रेनें रद्द हुईं... वरना कल मेरा भाई ट्रेन में फंसकर अपनी जान गंवा देता। आज तक कोई नहीं बोला कि लोकल ट्रेनों के डिब्बे असल में एक जहाज की तरह हैं - जिन पर बारिश के बाद पानी भर जाता है। और फिर भी हम चलते हैं। क्या हम जीवित रहना चाहते हैं या बस ऑफिस पहुँचना है? 🙃