M. Night Shyamalan की फिल्म ‘Trap’ पर The Verge की समीक्षा
M. Night Shyamalan का नाम सुनते ही ज़ेहन में उलझी हुई कहानियों के साथ अप्रत्याशित मोड़ की छवि उभरने लगती है। उनकी नवीनतम फिल्म ‘Trap’ भी दर्शकों को कुछ इसी तरह के अनुभव की उम्मीद थी। मगर, The Verge द्वारा की गई समीक्षा के अनुसार, यह फिल्म उस उम्मीद पर खरी नहीं उतरती है।
आश्चर्य और रोमांच की कमी
शायमालन की अधिकांश फिल्मों में एक ऐसा ट्विस्ट देखने को मिलता है, जो दर्शकों को कुर्सी से बांध देता है। लेकिन ‘Trap’ में यह प्रयास विफल हो जाता है। समीक्षा के अनुसार, फिल्म का प्लॉट इतना अनुमानित है कि दर्शक पहले ही जान सकते हैं कि आगे क्या होने वाला है। इसके बावजूद, कहानी कोई नया या रोचक मोड़ नहीं ले पाती, जिससे पूरा अनुभव फीका पड़ जाता है।
परिचित कथानक और क्लिशे
फिल्म में ऐसे कई तत्व हैं जो शायमालन की पिछली फिल्मों से मिलते-जुलते लगते हैं। ‘Trap’ देखने के बाद ऐसा लगता है मानो शायमालन ने अपनी ही पुरानी फिल्म ‘The Village’ और ‘Signs’ के तत्वों को एक बार फिर से इस्तेमाल किया है। यह देख कर लगता है कि फिल्म का नया कुछ भी पेश नहीं कर पाया है। पाठकों के अनुसार, यह फिल्म एक नई कहानी होने के बजाय पिछले कार्यों का पुनःसृजन मात्र है।
कलाकारों का संघर्ष
फिल्म में अनुभवी कलाकारों की टोली है, जिनमें से कईयों की अदाकारी की प्रशंसा की जाती रही है। परंतु, एक कमजोर कहानी और बासी ट्विस्ट के सामने, वे भी दर्शकों को पुरी तरह से संतुष्ट नहीं कर पाए। अभिनेता अभिनेता अपने-अपने पात्रों को न्याय देने की कोशिश तो करते हैं, लेकिन एक थकाऊ और अनावश्यक रूप से जटिल स्क्रिप्ट के चलते, उनकी अदाकारी भी फीकी पड़ जाती है।
देरी और सिनेमैटोग्राफी की गड़बड़
‘Trap’ का मुख्य दोष इसकी गति और सिनेमैटोग्राफी में भी है। फिल्म के लंबे और अनावश्यक खींचे गए सीन्स दर्शकों को ऊबा देते हैं। सिनेमैटोग्राफी भी साधारण है, जिससे दृश्य और कहानी में थ्रिल की कमी महसूस होती है।
निश्चित रूप से एक कमजोर कड़ी
शायमालन के प्रशंसकों को इस फिल्म में उनसे वही अपेक्षा थी जो वे हमेशा रखते हैं - एक रोचक कहानी, अप्रत्याशित ट्विस्ट और शानदार प्रस्तुतिकरण। लेकिन, ‘Trap’ इन बिंदुओं पर बिलकुल खरा नहीं उतरता। The Verge के अनुसार, यह फिल्म उनकी फिल्मोग्राफी में एक कमजोर कड़ी साबित होती है।
समाप्ति आलोचना
समीक्षा में यह भी कहा गया है कि फिल्म के pacing और cinematography में भी कई खामियां हैं। The Verge के अनुसार, फिल्म का निर्देशन और प्रस्तुति दोनों ही औसत दर्जे का है और इसे कोई खास नई दृष्टि या नव्यता नहीं मिलती। शायमालन के प्रशंसकों को उम्मीद है कि उनकी आने वाली फिल्में पहले की तरह ही चौंकाने और रोमांचित करने वाली हो।
कुल मिलाकर, ‘Trap’ से दर्शक और आलोचक दोनों मायूस हुए हैं। फिल्म अपने पूर्ववर्ती कार्यों की तुलना में कमजोर साबित होती है और यही कारण है कि यह शायमालन की फिल्मों की सूची में एक कमजोर कड़ी मानी जा रही है।
टिप्पणि (6)
Ronak Samantray
ये फिल्म सिर्फ़ एक ट्रैप नहीं, बल्कि हमारे दिमाग़ का ट्रैप है। 🤯 शायमालन ने हमें अपनी पुरानी फिल्मों के छायाचित्र में फंसा दिया।
Anil Tarnal
मैंने इसे देखा था... बस बैठ गया। दिमाग़ बंद। ऐसा लगा जैसे कोई मुझे एक घंटे तक बिना रुके बता रहा हो कि चाय ठंडी हो गई। बस इतना ही।
Viraj Kumar
यह फिल्म निर्माता के लिए एक निराशाजनक असफलता है, जिसने अपने व्यक्तिगत ब्रांड को नष्ट कर दिया। वह अब तक अपने अतीत के छायाचित्रों में भटक रहा है। इसका निर्माण विधिवत् अनुचित है।
अभिनय की गुणवत्ता भी अपेक्षित स्तर पर नहीं है। यह एक विफल अनुकरण है, जिसका उद्देश्य नवीनता नहीं, बल्कि भूतकाल की याद दिलाना है।
Shubham Ojha
दोस्तों, मैं तो इस फिल्म को एक गुलाबी आँखों वाली रात का सपना समझता हूँ - जिसमें रंग थे, लेकिन जीवन नहीं। शायमालन ने एक ऐसा नाटक बनाया जो बाहर से चमकता है, अंदर से खाली है।
मैं उनकी पिछली फिल्मों का बड़ा फैन हूँ, लेकिन ये फिल्म उनके दिल का आहिस्ता सा तनाव है। जैसे कोई गीत गाता है, लेकिन आवाज़ खो चुकी हो।
हमें उम्मीद है कि अगली फिल्म में वो वापस आएंगे - उनके अपने तरीके से, उनकी आत्मा के साथ।
tejas maggon
yeh sab fake hai.. trap kisi ke liye nahi.. yeh government ka experiment hai.. jisme logon ko bharosa dilaya jaa raha hai ki ye film hai.. asal mein yeh ek mind control ka tool hai.. 😈
Subashnaveen Balakrishnan
Trap mein kuch naya nahi tha par phir bhi maine dekha kyun ki Shyamalan ke baare mein sochne ka maza hai. Abhi tak koi bhi uski film ko poori tarah se samajh nahi paya. Yehi toh uski genius hai.