केंद्रीय बजट 2025: विकास की नई दिशा में उड़ान के लिए मुख्य बिंदु
1 फरवरी, 2025 को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 प्रस्तुत किया। यह बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट है और इसका प्रमुख उद्देश्य 'विकसित भारत 2047' की योजना की दिशा में अग्रसर होना है। इस बजट में आर्थिक वृद्धि को गति देने, रोजगार सृजन, और मांग में वृद्धि के लिए कई नीतिगत सुधार प्रस्तुत किए गए हैं। इस बजट के माध्यम से देश की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है।
बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान
बजट में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए ₹11,11,111 करोड़ की भारी राशि का आवंटन किया गया है, जो जीडीपी का 3.4% है। यह निवेश राजमार्ग, रेलवे, हवाईअड्डों, बंदरगाहों, और ग्रामीण क्षेत्रों के कनेक्टिविटी में सुधार के लिए किया जाएगा। इसका लक्ष्य है स्थानिक विकास और दिन-प्रतिदिन के यातायात को सुगम बनाना।
युवाओं के कौशल विकास पर जोर
इस बजट में सरकार ने 4.1 करोड़ युवाओं के कौशल विकास के लिए पांच नई योजनाएं शुरू करने की घोषणा की है, जिन पर ₹2 लाख करोड़ से अधिक खर्च होगा। इन योजनाओं का उद्देश्य रोजगार के लिए मौके तैयार करना और युवाओं को बेहतर भविष्य देना है। यह कदम भारत में बढ़ती जनसंख्या के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
कर सुधार और नई कर नीति
कर क्षेत्र में सुधारों के तहत सभी प्रकार के निवेशकों के लिए एंजेल टैक्स को समाप्त कर दिया गया है। इसके साथ ही घरेलू क्रूज संचालन के लिए एक सरल कर प्रणाली भी प्रस्तुत की गई है। विदेशी खनन कंपनियों के लिए सुरक्षित हार्बर दरें लागू की गई हैं और विदेशी कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट कर की दर को 40% से घटाकर 35% कर दिया गया है।
वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दिया गया है, वहीं पेंशन भोगियों के लिए फैमिली पेंशन पर कटौती ₹15,000 से बढ़ाकर ₹25,000 कर दी गई है। नई कर श्रेणी संरचना: ₹3 लाख से ₹7 लाख पर 5%, ₹7 लाख से ₹10 लाख पर 10%, ₹10 लाख से ₹12 लाख पर 15%, ₹12 लाख से ₹15 लाख पर 20%, और ₹15 लाख से अधिक पर 30% कर निर्धारित किया गया है।
कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़त
कृषि और संबंधित गतिविधियों के लिए ₹1,51,851 करोड़ का बड़ा आवंटन किया गया है। सरकार का मकसद अगले दो वर्षों में एक करोड़ किसानों को जैविक खेती से जोड़ना है। स्वास्थ्य क्षेत्र में ₹89,287 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जिससे नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर और व्यापक उनकी पहुंच में आएंगी।
शिक्षा क्षेत्र में सुधार
शिक्षा के लिए ₹1,25,638 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। इससे देश के विभिन्न हिस्सों में गुणवत्ता शिक्षा के अवसर बेहतर होंगे, जिससे दीर्घकालिक रूप से विद्यार्थी कौशल विकास में लगे सकेंगे। यह सरकार की दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है जो देश के भविष्य को संरचना प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है।
विशेष बजटीय घोषणाएं और योजनाएं
वर्ष 2025 के बजट में मुख्यतः विभिन्न सार्वजनिक-निजी भागीदारी योजनाओं को प्रोत्साहन दिया गया है, जो कि महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए लाभकारी होंगे। साथ ही, बजट में पारिस्थितिकी संतुलन, नवोन्मेषी योजनाओं, और रोजगार सृजन पर भी जोर दिया गया है। मोबाइल और चार्जर पर कस्टम ड्यूटी 15% घटाई गई है, जिससे डिजिटल एक्सेसिबिलिटी को प्रोत्साहन मिलेगा।
इसके अलावा, मुद्रा लोन सीमा को भी 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दिया गया है, जो TARUN श्रेणी के अंतर्गत आता है। इससे छोटे से मध्यम कारोबारियों को आर्थिक सहायता मिलेगी। बजट में पुन: ऊर्जा, जल प्रबंधन और बड़े शहरों के स्ट्रीट मार्केट्स और ट्रांजिट-ओरिएंटिड विकास योजनाओं पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
इस दिशा में केंद्र सरकार का प्रयास है कि भारत को एक उन्नत, समृद्ध और व्यवसायिक रूप से सक्रिय 'विकसित भारत 2047' के लक्ष्य की दिशा में अग्रसर किया जा सके। इस उद्देश्य के लिए, बजट में विभिन्न नीतिगत उपायों के माध्यम से नवोन्मेष और समसामयिक विकास की संभावनाओं को बढ़ावा दिया गया है। नई योजनाओं और प्रावधानों के साथ, सरकार देश के उज्जवल भविष्य की दिशा में ठोस कदम उठा रही है।
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