IMD का रेड अलर्ट: मुंबई में 102 mm बारिश, 3,000 mm सत्र वार्षिक सीमा पार

IMD का रेड अलर्ट: मुंबई में 102 mm बारिश, 3,000 mm सत्र वार्षिक सीमा पार

जब इंडियन मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने 28 सितंबर 2025 को रेड अलर्ट जारी किया, तो पूरे महाराष्ट्र में घबराहट तेज़ हो गई। मेट ऑफ़िस ने बताया कि माँ के आँचल को एक कमजोर डिप्रेशन घेर रहा है, जो पश्चिम विदर्भ से आगे बढ़कर अरब समुद्र के उत्तर‑पूर्व में लो‑प्रेशर एरिया बन रहा है। इसका सीधा असर अब मुंबई‑पश्चिमी तट, नासिक, थाने और पालघर पर तेज़ बारिश के रूप में पड़ रहा है।

मौसम विज्ञान के पीछे की वजहें

वेस्टर्न घाटी के ऊपर बनी इस डिप्रेशन की तीव्रता घटती जा रही है, परंतु उसका नमी‑भरा द्रव्यमान अभी भी उत्तर‑पश्चिमी भारत में घूम रहा है। क्षेत्रीय मौसम केन्द्र (RMC) मुंबई ने कहा: “यह परिसंचरण 30 सितंबर तक जारी रहेगा और विशेष रूप से उत्तर कोन्कण व मध्य महाराष्ट्र के घाटी क्षेत्रों में भारी‑से‑भारी बारिश की संभावना है।”

ज्यादातर बारिश का झोंका समुद्री हवा से उठे जलवाष्प से बना है, जिससे हाइड्रो‑मेटीऑरोलॉजी के हिसाब से बाढ़‑प्रवण क्षेत्रों में जल स्तर तेज़ी से बढ़ता है। गोडावरी नदी के जल स्तर ने अब तक के ऐतिहासिक आंकड़े तोड़ते हुए खतरे के नज़रिये से देखा जा रहा है।

मुंबई व आसपास के इलाकों में बारिश की स्थिति

इसी रविवार, 28 सितंबर, मुंबई के दिंदोशी ने 102 mm, मालाड ने 101 mm, और बोरिवली ने 97 mm की बारिश दर्ज की। अन्य प्रमुख स्थानीयities – मालवानी, बायकुला, मगाथाने, वाटोला, पॉवई, मतुंगा, मुलुंड, और चेंबूर – ने क्रमशः 95‑84 mm तक की जलवृष्टि गिनाई। थाने ने दो‑दिन में मिलाकर 116 mm और नवी मुंबई के एरोली ने 161 mm तक का आँकड़ा दिखाया, जो इस महीने के औसत 383 mm से कहीं अधिक है।

कुल मिलाकर, 28 सितंबर तक मुंबई ने 524.1 mm बारिश सहा, जबकि पूरे सितंबर में अब तक का आंकड़ा 3,000 mm तक पहुँचने की शुरुआती क्या‍र्ता है, जो रिकॉर्ड‑ब्रेकिंग कहा जा सकता है।

सरकारी & आपातकालीन प्रतिक्रिया

राज्य सरकार ने तुरंत महाराष्ट्र राज्य सरकार के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर सभी जिलों को 30 सितंबर तक ‘उच्च सतर्कता’ बनाए रखने का आदेश दिया। राज्य आपदा संचालन केंद्र (State Emergency Operations Centre) ने नागरिकों से घर में रहने, गैर‑ज़रूरी यात्रा न करने और स्थानीय अपडेट पर नजर रखने का आग्रह किया।

ब्रीहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने कई प्रमुख सड़कों पर जल‑जाम साफ़ करने हेतु रेत‑बांध और पंप ट्रकों को तैनात किया। साथ ही, नेशनल डिसास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) को हाई‑एलेर्ट पर रख कर बाढ़‑पीड़ित इलाकों में तुरंत मदद पहुँचाने की तैयारी में जुटा दिया गया।

शिक्षा विभाग ने भी एक स्पष्ट घोषणा की: लाल‑अलर्ट वाले नासिक, पालघर, धुले और नंदुरबार में स्कूलों को 29 सितंबर पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा; थाने, रायगड और मुंबई उपनगरीय क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट के कारण कई स्कूलों को संक्षिप्त अवकाश दिया गया।

सामाजिक एवं आर्थिक प्रभाव

बिजली और जल आपूर्ति में अस्थायी व्यवधान की उम्मीद है। कई परिवहन कंपनियों ने उड़ानों को रद्द कर दिया, जिससे यात्रियों को हवाई अड्डा‑पोर्ट‑टर्मिनल पर भीड़‑भाड़ देखी गई। स्थानीय बस सेवाओं में देरी और रूट बंद होने की रिपोर्टें आईं।

बाजार में तरलता पर असर पड़ता हुआ दिख रहा है; रियल‑एस्टेट शेयर और कृषि‑उत्पादकों के मूल्य में हल्की‑हल्की हिलचाल दर्ज हुई। विशेषकर मराठवाड़ा में जल‑जमाव के कारण कई छोटे किसानों को फसलों के नुकसान का डर सताने लगा है।

पर्यटक क्षेत्रों में भी रेनफॉल के कारण पर्यटन स्थलों पर आगंतुकों की संख्या घटने का अनुमान है, जिससे होटल‑रेस्टॉरेंट उद्योग पर क्षणिक प्रभाव पड़ सकता है।

आगे क्या संभावित है? – सलाह एवं तैयारी

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 30 सितंबर तक भारी‑से‑भारी वर्षा जारी रह सकती है। इसलिए, घरों में जल निकासी के उपाय तेज़ करने, बेसमेंट व निचले मंज़िलों को जल‑रोधी बनाकर रख‑रखाव में मदद मिल सकती है।

यदि आप थाने, नासिक या पालघर जैसे क्षेत्रों में रहते हैं, तो स्थानीय प्रशासन के अलर्ट के अनुसार अपने घर के बाहर रख‑रखाव सामग्री, फर्स्ट‑एड किट और आवश्यक दवाइयों को तैयार रखें। साथ ही, सीडीएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय एम्बुलेंस सेवाओं के हॉटलाइन नंबरों को अपने मोबाइल में सेव कर रखें।

अंत में, हवाओं के झोंके और जल‑जलाव के कारण सड़कों पर फिसलन बढ़ सकती है, इसलिए ड्राइवरों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

रेड अलर्ट के कारण स्कूल बंद क्यों किए जा रहे हैं?

भारी‑से‑भारी बारिश के कारण जल‑जमाव और बाढ़ का जोखिम बढ़ गया है; इसलिए छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने नासिक, पालघर, धुले और नंदुरबार जैसे लाल‑अलर्ट वाले जिलों में सभी स्कूलों को 29 सितंबर बंद करने का आदेश दिया है।

क्या मुंबई में ट्रैफिक पर असर पड़ेगा?

हाँ, जल‑जमाव और बाढ़ की वजह से कई मुख्य सड़कों पर रुकावटें पैदा होंगी। BMC ने वार्षिक रूट बंदी और रेत‑बांध स्थापित करने की बात कही है, इसलिए ड्राइवरों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी गई है।

गोडावरी नदी के जल स्तर में वृद्धि का क्या असर होगा?

लगातार तेज़ बारिश के कारण गोडावरी का जल स्तर अभी खतरनाक सीमा के करीब पहुंच रहा है। यदि स्तर और बढ़ा, तो निचले क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका बढ़ जाएगी और स्थानीय प्रशासन आपदा‑राहत कार्य तेज़ करेगा।

क्या अगले दो दिनों में मौसम सुधरने की संभावना है?

IMD के अनुसार, 30 सितंबर तक भारी‑से‑भारी बारिश जारी रहने की संभावना है, विशेषकर उत्तर कोन्कण और मध्य महाराष्ट्र के पहाड़ी क्षेत्रों में। इसलिए सतर्कता बनाए रखना आवश्यक है।

स्थानीय लोग किन आपात‑सेवाओं से संपर्क कर सकते हैं?

बाढ़‑संकट में नज़दीकी पुलिस थाने, NDRF हेल्पलाइन (101) और ब्रीहन्मुंबई नगरपालिका (022‑2265‑7777) के कॉल सेंटर पर तुरंत संपर्क कर सकते हैं।