हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव जीता
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 8 जुलाई 2024 को झारखंड विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव जीत लिया। यह विजय महत्वपूर्ण है न सिर्फ सोरेन के लिए बल्कि पूरे झारखंड मुकति मोर्चा (JMM) गठबंधन के लिए। सोरेन को कुल 45 विधायकों का समर्थन मिला, जिसमें 27 सदस्य JMM के, 17 कांग्रेस के और एक राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के शामिल थे।
गठबंधन की मजबूती
झारखंड विधानसभा में कुल सीटों की संख्या 81 है, लेकिन वर्तमान में 5 सीटें खाली हैं, जिससे कुल सदस्यों की संख्या 76 हो जाती है। ऐसे में विश्वास प्रस्ताव पास करने के लिए 38 सदस्यों का समर्थन आवश्यक था। हेमंत सोरेन ने इस आवश्यक संख्या से अधिक समर्थन प्राप्त कर विश्वास प्रस्ताव जीत लिया।
हेमंत सोरेन ने 4 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जिससे पहले चंपई सोरेन ने इस्तीफा दिया था। यह इस्तीफा आगामी विधान सभा चुनावों से कुछ महीने पूर्व ही दिया गया था। हेमंत सोरेन की इस जीत के बाद अब कैबिनेट विस्तार की संभावनाएं भी प्रबल हो गई हैं।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
इस विश्वास प्रस्ताव को लेकर कई राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी सामने आए हैं। हेमंत सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने और 'घोड़ों की खरीद-फरोख्त' में शामिल होने का आरोप लगाया। इन आरोपों के बीच हेमंत सोरेन ने बेहद सूझबूझ और राजनीतिक कौशल का परिचय दिया और विधानसभा में अपनी स्थिति मजबूत की।
हाल ही में, हेमंत सोरेन को एक कथित भूमि घोटाले के मामले में जमानत मिली थी। इस घटना के बावजूद, JMM ने लोकसभा चुनावों में तीन सीटें जीतकर अपनी ताकत दिखाई। 2019 के विधानसभा चुनावों में JMM की कांग्रेस और RJD के साथ गठबंधन ने मजबूत बहुमत हासिल किया था, जिसमें गठबंधन ने 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 सीटें जीतीं।
आगामी चुनौतियां और संभावनाएं
हेमंत सोरेन की यह जीत उनके और उनके गठबंधन के लिए कई चुनौतियों और संभावनाओं का द्वार भी खोलती है। सबसे पहले तो कैबिनेट विस्तार का मुद्दा आएगा, जिसे सोरेन को सुलझाना होगा। साथ ही, आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए बीजेपी का सामना करना भी एक बड़ी चुनौती साबित होगी।
झारखंड में सामाजिक और आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए हेमंत सोरेन को कई कदम उठाने होंगे। केवल राजनीतिक स्थिरता ही नहीं, बल्कि विकास के मुद्दों पर भी जनता की उम्मीदें जमीनी स्तर पर पूरी होनी चाहिए।
जनता की उम्मीदें और जिम्मेदारियां
सोरेन की इस जीत से जनता को भी काफी उम्मीदें हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकताएं बनी हुई हैं। हेमंत सोरेन की सरकार को इन मुद्दों पर खास ध्यान देना होगा ताकि जनता के विश्वास को कायम रखा जा सके।
कुल मिलाकर, हेमंत सोरेन की यह जीत उनके लिए राजनीतिक स्थिरता और विश्वास का प्रतीक है, जिससे न केवल उनका नेतृत्व मजबूत होगा बल्कि गठबंधन की भी स्थिति मजबूत होगी। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि सोरेन इन सभी चुनौतियों का कैसे सामना करते हैं और झारखंड को एक समृद्ध और विकसित राज्य बनाने के लिए क्या कदम उठाते हैं।
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