भारत व अर्जेंटीना: पेरिस ओलंपिक 2024 का रोमांच
पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने अपने दूसरे पूल बी मैच में अर्जेंटीना के खिलाफ रोमांचक मुकाबला खेला। यह मैच यव-दु-मानोइर स्टेडियम में आयोजित हुआ। अर्जेंटीना ने 22वें मिनट में लुकास मार्टिनेज के गोल से बढ़त बनाई, जो भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश से डिफ्लेक्ट होकर गोल में पहुंचा। इसके बाद, भारतीय टीम ने कई मौकों पर अर्जेंटीना की डिफेंस को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।
मैच के प्रमुख मोड़
अर्जेंटीना ने मैच में काफी आक्रामकता दिखाई और भारतीय डिफेंस को चुनौती दी। हालांकि, भारतीय टीम ने भी अपने श्रेष्ठ खेल का प्रदर्शन किया। 22वें मिनट में अर्जेंटीना को एक मौका मिला और लुकास मार्टिनेज ने इस मौके को गोल में तब्दील कर दिया। यह गोल पीआर श्रीजेश से डिफ्लेक्ट होकर गया जो तकरीबन अचूक था।
भारतीय टीम ने हार मानने से इनकार किया और फिर अपने खेल में तेजी लाई। टीम ने कई पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए लेकिन अर्जेंटीना के गोलकीपर सैंटियागो ने उन्हें बेअसर कर दिया। हारमनप्रीत सिंह, अमित रोहिदास, सुमित, मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह और गुरजंट सिंह की एनर्जी और प्रयास सराहनीय रहे। मैदान पर उनकी गतिशीलता ने भारतीय प्रशंसकों को गर्व महसूस कराया।
हारमनप्रीत का निर्णायक शॉट
आखिरकार, चौथे क्वार्टर में हारमनप्रीत सिंह ने एक पेनल्टी कॉर्नर से शानदार स्ट्राइक कर स्कोर को 1-1 की बराबरी पर लाया। यह शॉट भारतीय टीम और प्रशंसकों के लिए किसी संघर्ष की चेतावनी के समान था। इस गोल ने टीम को मानसिक रूप से बढ़ावा दिया और उन्होंने मैच समाप्ति तक अर्जेंटीना के सभी हमलों को नाकाम कर दिया।
आयरलैंड से मुकाबले की तैयारी
इस मैच के बाद भारतीय टीम अब अपने अगले मुकाबले के लिए तैयार हो रही है, जिसमें उनका सामना आयरलैंड से होगा। यह मुकाबला मंगलवार को खेला जाएगा और भारतीय टीम इस मैच में जीत दर्ज करने के लिए प्रयासरत रहेगी। कप्तान मनप्रीत सिंह और मुख्य कोच का मानना है कि टीम इस मुकाबले में पूरी तैयारी के साथ आएगी और अपने खेल का बेहतरीन प्रदर्शन करेगी।
इस रोमांचक मैच का सीधा प्रसारण स्पोर्ट्स18 और जियोसिनेमा पर किया गया, जिससे देशभर के दर्शक इसकी गहराइयों को महसूस कर सके। भारतीय हॉकी टीम के इस प्रदर्शन ने देशवासियों की उम्मीदें और बढ़ा दी हैं और वे आगामी मैचों में भी विश्वस्तरीय खेल की उम्मीद कर रहे हैं।
विश्वस्तरीय खेल की ओर बढ़ते कदम
भारतीय हॉकी के इस मुकाबले ने बता दिया कि टीम हर चुनौती के लिए तैयार है। खिलाड़ियों का उत्साह, समर्पण और टीम वर्क देखने लायक था। अर्जेंटीना के खिलाफ ड्रॉ मैच भारतीय हॉकी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए यह ड्रॉ उनके आत्मविश्वास में वृद्धि करेगा। खिलाड़ियों ने दिखा दिया कि वे किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सक्षम हैं।
आने वाले दिनों में भारतीय हॉकी टीम को और भी कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। आयरलैंड के खिलाफ उनके अगले मैच में भी टीम को पूरी शक्ति और योजना के साथ उतरना होगा। कोच और सपोर्ट स्टाफ का भी इस संबंध में विशेष योगदान रहेगा कि वे खिलाड़ियों की मानसिक और शारीरिक स्थिति को मजबूत बनाए रखें।
प्रशंसकों की उम्मीदें और समर्थन
इस मैच के बाद भारतीय हॉकी प्रशंसक और भी उत्सुक हो गए हैं। टीम का प्रदर्शन भविष्य के मैचों के प्रति सकारात्मक संकेत है। दर्शकों ने अपने हीरो खिलाड़ियों पर विश्वास जताया है और उन्हें हर कदम पर समर्थन देने का संकल्प लिया है। भारतीय खिलाड़ियों ने भी यह भरोसा जताया है कि वे अपने प्रशंसकों की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे और देश को गर्व महसूस कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
पेरिस 2024 ओलंपिक में यह मुकाबला भारतीय हॉकी की नई दिशा और नई उपाधियों की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। टीम के इस प्रदर्शन ने साबित कर दिया है कि उन्हें छोटे-छोटे अवसरों में भी बड़ा करने की क्षमता है। अगले मैच में टीम की रणनीति और खिलाड़ियों का प्रदर्शन देखने लायक होगा।
टिप्पणि (20)
Rajesh Dadaluch
बस एक ड्रॉ ही निकला, असली जीत तो अभी बाकी है।
Shubham Ojha
ये मैच बस एक गोल नहीं, एक भावना थी। हर एक टैक्टिक, हर एक ड्रिबल, हर एक टैकल में भारत की आत्मा बोल उठी। अर्जेंटीना के खिलाफ इतना जिद्दी खेल कभी नहीं देखा था। हारमनप्रीत का गोल न सिर्फ स्कोरबोर्ड बदला, बल्कि देश के दिलों को भी जगा दिया।
DHEER KOTHARI
वाह बहुत अच्छा खेल था 😊 भारतीय टीम ने अपना दिमाग और दिल दोनों लगाया।
Deeksha Shetty
श्रीजेश का डिफ्लेक्ट गोल नियम के खिलाफ है ये बात फिर से उठी तो कौन सुनेगा फिर से बाहरी हस्तक्षेप की शिकायत करेंगे लेकिन आज का मैच उनकी नहीं टीम की जीत है
Pratyush Kumar
हारमनप्रीत का गोल देखकर लगा जैसे कोई जादू हुआ। उसके बाद टीम का रवैया बदल गया। ये बस एक ड्रॉ नहीं, ये एक नए युग की शुरुआत है।
Nihal Dutt
ये ड्रॉ तो बस एक धोखा है... अगर श्रीजेश ने वो बॉल रोक लिया होता तो हम जीत रहे होते... ये सब फिक्स्ड है बस बड़े लोगों को खुश करने के लिए इतना ही किया गया
Swapnil Shirali
अर्जेंटीना के खिलाफ ड्रॉ? वाह... ये तो बर्बरी की तरह है... आप लोग ये सब बड़े-बड़े शब्द लगाते हैं, पर देखो तो ये एक टीम है जिसने अपने गोलकीपर के गलती पर भी फिर भी खुद को बचाया... ये जीत नहीं बल्कि बच निकलना है... और फिर भी आप गर्व कर रहे हैं?
Jay Sailor
यहाँ तक कि एक ड्रॉ को भी जीत के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है? भारतीय टीम ने अर्जेंटीना के खिलाफ एक ऐसा अनुभव दिया जो उनकी विश्वस्तरीय श्रेष्ठता के लिए एक अत्यंत निराशाजनक आधार बन गया है। यह अर्जेंटीना ने अपने श्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ एक आदर्श टीम का निर्माण किया है, जबकि भारत अभी भी अपनी तकनीकी कमजोरियों को नहीं सुधार पा रहा है। एक ड्रॉ को जीत के रूप में देखना भारतीय खेल प्रशंसकों के लिए एक विकृत विचार है।
Anindita Tripathy
मैं बस ये कहना चाहती हूँ कि जिन लड़कों ने आज ये मैच खेला, वो हर एक बार जब भी देश के लिए खेलते हैं, वो एक असली हीरो हैं। श्रीजेश ने जो बचाव किया, हारमनप्रीत ने जो गोल किया, और जिन सभी ने बिना किसी शिकायत के पूरा मैच दौड़ते रहे - ये बस खेल नहीं, ये जीवन का संदेश है।
Ronak Samantray
ड्रॉ = चांदी नहीं... ये तो गोल्ड है... 🌟
Anil Tarnal
मैं तो बस यही कहूंगा कि जब श्रीजेश का गोल डिफ्लेक्ट हुआ, तो मेरा दिल रुक गया... फिर जब हारमनप्रीत ने गोल मारा, तो मैं रो पड़ा... इतना लंबा रोया मैंने कभी नहीं... ये टीम मेरी जिंदगी की तरह है - गिरती है, फिर उठती है... बस इतना ही चाहिए।
Viraj Kumar
प्रशंसकों के अतिरिक्त व्यवहार को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन की व्याख्या अत्यधिक भावनात्मक रूप से की जा रही है। एक ड्रॉ को जीत के रूप में प्रस्तुत करना, जिसमें आक्रामक खेल का अभाव था, एक विश्लेषणात्मक असफलता है। इस तरह की आत्म-अवधारणा भारतीय खेल संस्कृति के लिए विनाशकारी हो सकती है।
tejas maggon
kya bhai... ye match fix tha... shreejesh ke baad se koi bhi goal nahi hua... sab ko pata hai... par log bol rahe hain 'team ne fight ki'... bhai yeh fight toh hamari ghar ki hai... stadium mein toh koi fight hi nahi thi
Subashnaveen Balakrishnan
मैच अच्छा लगा टीम ने अच्छा खेला अर्जेंटीना का गोल डिफ्लेक्ट हुआ था लेकिन हारमनप्रीत का गोल बहुत अच्छा था
Upendra Gavale
दोस्तों... ये मैच बस एक गोल नहीं... ये तो एक सपना था। जब श्रीजेश ने बॉल को रोकने की कोशिश की, तो मैंने सोचा - अब तो खत्म हो गया। फिर जब हारमनप्रीत ने बॉल को उड़ाया... वो लगा जैसे देश के दिल ने एक बार फिर धड़कन शुरू कर दी। ये टीम हमारी आत्मा है।
vineet kumar
एक ड्रॉ भी जीत है जब आप जानते हैं कि आप अपने आप को बहुत बेहतर बना चुके हैं। अर्जेंटीना के खिलाफ यह प्रदर्शन भारतीय हॉकी के लिए एक नए आधार की शुरुआत है। यह बात नहीं कि कितना गोल हुआ, बल्कि यह कि कितना बदलाव आया।
Ratna El Faza
मुझे लगता है टीम ने अच्छा खेला बस अगले मैच में थोड़ा ज्यादा ध्यान देना होगा डिफेंस पर
abhimanyu khan
भारतीय हॉकी टीम के इस ड्रॉ को जीत के रूप में प्रस्तुत करना, एक अत्यधिक असंगठित और अतिशयोक्तिपूर्ण विश्लेषण है। यह एक विश्वस्तरीय प्रतियोगिता में असफलता का एक आधिकारिक रूपांतरण है। एक ड्रॉ नहीं, एक अवसर का निराशाजनक उपयोग है। इस तरह के विचारों के विकास से भारतीय खेल नीति का विकास अवरुद्ध होगा।
Keshav Kothari
ड्रॉ को जीत कहना बस एक बड़ा झूठ है। ये टीम अभी भी एक बड़ी जीत के लिए तैयार नहीं है। इस बार तो बच गए, अगली बार फिर से गिर जाएंगे।
nishath fathima
यह मैच एक निराशाजनक प्रदर्शन था। एक ड्रॉ को जीत के रूप में प्रस्तुत करना, एक अत्यधिक अनुचित और भावनात्मक अतिशयोक्ति है। भारतीय टीम ने अर्जेंटीना के खिलाफ एक विश्वस्तरीय खेल का प्रदर्शन नहीं किया। इस तरह के अतिरिक्त आत्म-सम्मान के विचार भारतीय खेल के लिए विनाशकारी हैं।