स्कॉलरशिप की मुख्य बातें
Azim Premji Foundation ने Azim Premji Scholarship 2025 के तहत एक विशेष योजना आरंभ की है, जो सरकारी स्कूलों से स्नातक या डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेने वाली आर्थिक रूप से वंचित लड़कियों को समर्थन देती है। चयनित छात्र को उनके पूरे कोर्स के दौरान प्रतिवर्ष ₹30,000 सीधे बैंक खाते में ट्रांसफ़र किया जाएगा। यह सहायता दो से पाँच वर्ष की अवधि के मान्य कोर्सों पर लागू होगी, चाहे वह विज्ञान, वाणिज्य या तकनीकी डिप्लोमा हो।
स्कॉलरशिप का लक्ष्य सिर्फ वित्तीय मदद नहीं, बल्कि महिला शिक्षा के अवसरों को व्यापक बनाना है। इस पहल के माध्यम से नींबु, कर्ज और सामाजिक बाधाओं को कम करके सक्षम महिला छात्राओं को अपने करियर की नींव रखने का मौका मिलेगा।
आवेदन प्रक्रिया और सावधानियाँ
आवेदन पूरी तरह से डिजिटल है। इच्छुक छात्राएँ Azim Premji Foundation की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भर सकती हैं। सभी दस्तावेज़ PDF, PNG या JPG फॉर्मेट में, 30 KB से 500 KB के बीच होनी चाहिए। निकटतम डेडलाइन 30 सितंबर 2025, रात 11:59 PM है, इसलिए समय पर आवेदन करना आवश्यक है।
पात्रता को लेकर कुछ स्पष्ट बिंदु हैं:
- केवल महिला छात्राएँ जो पहले बार किसी मान्य विश्वविद्यालय या कॉलेज में पहले वर्ष में प्रवेश ले रही हैं।
- उम्मीदवारी के लिए 10वीं और 12वीं की पढ़ाई सरकारी स्कूल या कॉलेज से नियमित रूप से पूरी की होनी चाहिए।
- कोर्स दो से पाँच साल का होना चाहिए और वह या तो सरकारी या मान्य निजी संस्थान में चल रहा हो।
- भौगोलिक रूप से इस स्कॉलरशिप का कवरेज राजस्थान के 22 और उत्तर प्रदेश के 35 निर्दिष्ट जिलों तक सीमित है।
अंत में, फाउंडेशन ने फर्जी वाणिज्यिक प्रयोगों के खिलाफ चेतावनी दी है। स्कॉलरशिप के लिए कोई आवेदन शुल्क नहीं लिया जाता, और किसी भी चरण में धन की मांग करना धोखाधड़ी माना जाएगा। इस चेतावनी को गंभीरता से लेना चाहिए, ताकि योग्य छात्रों को त्रासदी से बचाया जा सके।
भविष्य की योजना के हिस्से के रूप में, Azim Premji Foundation इस पायलट को सफलतापूर्वक चलाने के बाद इसे अन्य राज्यों में भी विस्तारित करने की सोच रखती है। तब तक, इस पहल का लाभ उठाने वाली प्रत्येक लड़की को वह शिक्षा मिलेगी, जो उनके तथा उनके परिवार की आर्थिक स्थिति से नहीं, बल्कि उनकी मेहनत और प्रतिभा से तय होगी।
टिप्पणि (18)
Anindita Tripathy
ये स्कॉलरशिप बहुत बड़ी बात है। जब तक गरीब लड़कियों को पढ़ने का मौका मिलेगा, तब तक हमारी समाज की असली ताकत बनेगी। मैंने अपने गाँव की एक लड़की को इसके बारे में बताया, वो अभी फॉर्म भर रही है। उम्मीद है वो चुनी जाएगी।
abhimanyu khan
इस प्रारंभिक पहल को व्यापक रूप से विश्लेषण करने की आवश्यकता है। आर्थिक वंचितता के आधार पर चयन करना एक विधिवत असमानता को स्थायी बनाने का तरीका है, जो वास्तविक योग्यता के आधार पर नहीं, बल्कि सामाजिक स्थिति के आधार पर निर्णय लेता है।
Jay Sailor
इस तरह की योजनाएँ तभी सफल होती हैं जब वे भारतीय गुणवत्ता के अनुरूप हों। यहाँ कोई भी लड़की जो 10वीं में 60% से कम लाती है, उसे यह स्कॉलरशिप नहीं मिलनी चाहिए। हम अपने बच्चों को आलसी बना रहे हैं, जो सिर्फ फंड मांगते हैं। भारत को नौकरी नहीं, नैतिकता चाहिए।
Ronak Samantray
ये सब झूठ है। 🤫 असल में ये पैसा किसी बड़े नेता के बेटे के खाते में जाता है। आपको लगता है कि कोई फाउंडेशन अपना पैसा गरीबों को देगा? बस लोगों को भ्रमित करने का नाटक है।
Anil Tarnal
मैंने अपनी बहन के लिए आवेदन किया था... लेकिन जब उन्होंने कहा कि डॉक्यूमेंट्स 500KB से ज्यादा नहीं हो सकते, तो मैंने उसका फोटो फिर से लिया... और फिर भी फिल्टर हो गया। अब वो घर पर रो रही है। मैं इस दुनिया से निराश हूँ।
Viraj Kumar
आवेदन प्रक्रिया में तकनीकी त्रुटियाँ गंभीर हैं। यदि एक छात्रा ने अपने 12वीं के अंक पत्र को PNG में अपलोड किया और उसका आकार 501KB है, तो उसका आवेदन अस्वीकार कर दिया जाता है, जबकि उसकी योग्यता पूर्णतः उपयुक्त है। यह एक अव्यवस्थित और अनुचित प्रक्रिया है।
Shubham Ojha
ये स्कॉलरशिप बस एक टिकट नहीं, ये एक नई शुरुआत है। जब एक लड़की अपने परिवार के लिए पहली बार कॉलेज जाती है, तो वो सिर्फ एक छात्रा नहीं, वो एक बदलाव की आग बन जाती है। ये पैसा नहीं, ये आशा है।
tejas maggon
ye 500kb limit ek jhoot hai... sabhi files 100kb me hi upload ho jate hain... yeh sab kuch fake hai... government ne kuch nahi kiya... bas logo ko khel diya
Subashnaveen Balakrishnan
मैंने अपनी बहन के लिए आवेदन किया है और उसने 12वीं में 87% लिया है और वो राजस्थान के जोधपुर से है तो उसे मिलेगा ना ये स्कॉलरशिप अगर नहीं मिला तो ये बहुत बुरा होगा
Keshav Kothari
इस तरह की योजनाओं का असली परिणाम कभी नहीं दिखता। जब तक शिक्षा की गुणवत्ता नहीं बदलती, तब तक ये सिर्फ एक चिकित्सा है, जो बीमारी को नहीं, बल्कि लक्षण को छिपाती है।
Rajesh Dadaluch
बस फॉर्म भर दो। बाकी सब अंदाज़ा है।
Pratyush Kumar
मैंने अपने छात्रों को इसके बारे में बताया। एक लड़की ने कहा कि उसकी माँ ने उसे शादी के लिए तैयार कर रखा है। इस स्कॉलरशिप ने उसे एक नया विकल्प दिया। ये बस एक पैसा नहीं, ये एक अधिकार है।
nishath fathima
यह अनुचित है कि सिर्फ लड़कियों को ही इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। लड़कों के लिए भी ऐसी योजनाएँ होनी चाहिए। अगर लड़कियों को मदद करनी है, तो लड़कों को नहीं? यह भेदभाव है।
DHEER KOTHARI
ये बहुत अच्छी बात है 🙌 मैं अपने भाई की बेटी को भी बता रहा हूँ। उम्मीद है वो भी आवेदन करे। दुनिया बदल रही है, और ये एक छोटा सा कदम है जो बहुत बड़ा है।
vineet kumar
इस योजना की वास्तविक सफलता का मापदंड यह होगा कि कितनी लड़कियाँ अपने कोर्स को पूरा कर पाती हैं और फिर उनकी रोजगार योग्यता कैसी होती है। बस आवेदन करना ही काफी नहीं है, अंतिम परिणाम अहम है।
Deeksha Shetty
ये स्कॉलरशिप बस एक नकली जाल है जिसे बनाया गया है ताकि लोग खुश रहें लेकिन असली शिक्षा व्यवस्था को नहीं बदला जा रहा। ये बस धोखा है
Ratna El Faza
मेरी बहन ने आवेदन किया है। उसका घर उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में है। उसके पास कोई कंप्यूटर नहीं है, तो मैंने उसके लिए बाजार में एक इंटरनेट कैफे में फॉर्म भरवाया। अगर ये मिल गया तो उसकी जिंदगी बदल जाएगी।
Nihal Dutt
मैंने अपनी बहन के लिए आवेदन किया था... फिर उसका फोटो बदल गया... और फिर उन्होंने कहा कि आधार कार्ड नहीं है... अब वो रो रही है... मैं इस दुनिया से नाराज़ हूँ... ये सब बेकार है