अजाक खान की रिहाई: दो साल के बाद स्पीकर के बंधन से मुक्त, यूपी की राजनीति में नई लहर

अजाक खान की रिहाई: दो साल के बाद स्पीकर के बंधन से मुक्त, यूपी की राजनीति में नई लहर

अजाक खान की रिहाई की पृष्ठभूमि

उपेक्षा में रहने वाले उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ समजवादी पार्टी नेता, पूर्व मंत्री अजाक खान को 23‑24 सितम्बर 2025 को सिटापुर जेल से अजाक खान रिहाई के तहत रिहा किया गया। यह रिहाई लगभग 23 महीने के कारावास के बाद हुई, जब उन्हें रैम्पुर क्वालिटी बार ज़मीनी जब्ती मामले सहित कई आपराधिक मामलों में बंधक रखा गया था। उनके खिलाफ पहली बार फ़ोर्जरी केस में फरवरी 2020 में आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद विभिन्न कोर्टों में बगैर निर्धारित अवधि के विभिन्न आरोपों की सुनवाई चलती रही।

रिहाई के दौरान जेल प्रशासन ने उन्हें सुरक्षा का विशेष प्रावधान दिया, और जेल से निकालते ही उन्हें एक बड़ा जमीनी जैनवस्था में आयोजित किया गया। इस जैनवस्था में कई वरिष्ठ पार्टी इकॉम्पी और उनके निकटतम सहयोगी भी शामिल रहे, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि पार्टी का समर्थन अभी भी निष्ठावान है।

राजनीतिक परिप्रेक्ष्य और भविष्य

राजनीतिक परिप्रेक्ष्य और भविष्य

रैम्पुर में वापस आते ही अजाक खान को हजारों समर्थकों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। उनका कांवॉयर जब रैम्पुर के सीमावर्ती पुलिस चौकी पर पहुँचा, तो थोड़ी देर के लिये पुलिस द्वारा रोका गया। इस छोटे से टकराव में दोनों पक्षों के बीच मौखिक वैरभाव हुआ, परन्तु जल्दी ही पुलिस ने स्थिति को शत-रुपा कर दिया और कांवॉयर को आगे बढ़ने की अनुमति दे दी। इस दौरान खान के परिवार, विशेषकर उनके बेटे, उपस्थित थे और उन्होंने भी इस समर्थन में हिस्सा लिया।

रिहाई के बाद अजाक खान ने पत्रकारों से मिलने के दौरान कहा कि वह हमेशा जनता की सेवा में तत्पर रहेंगे। उन्होंने अपने पक्ष में खड़े रहे लोगों के प्रति धन्यवाद कहा, लेकिन बिडीएसपी या किसी अन्य दल के साथ गठजोड़ की कोई टिप्पणी नहीं की। “भविष्य में क्या होगा, इसका अनुमान नहीं लगा सकता, पर मैं अखिलेश यादव भाई और समजवादी पार्टी के प्रति अटूट निष्ठा रखूँगा,” उन्होंने कहा। इस बयान से यह संकेत मिला कि वे पार्टी की मौजूदा रणनीति में अपना समर्थन जारी रखेंगे।

इस रिहाई के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में संभावित बदलाव देखें जा सकते हैं। अजाक खान के समर्थकों का कहना है कि उनका लौटना पार्टी को रैम्पुर के साथ-साथ मुस्लिम वोट बैंक में पुनः मजबूती देगा। विपक्षी दलों ने इस मोड़ को अपने पक्ष में उपयोग करने की कोशिश की, परन्तु अजाक खान ने स्पष्ट कर दिया कि वह किसी भी संधि पर चर्चा नहीं करेंगे जब तक उनके अपने राजनीतिक सिद्धान्तों का उल्लंघन न हो।

वर्तमान में राज्य में 2027 के चुनावों की तैयारी तेज़ी से चल रही है, और समजवादी पार्टी को इस बार भी भारी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। अजाक खान की वापसी से पार्टी के भीतर एक नई ऊर्जा का संचार हो सकता है, विशेषकर छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में जहाँ उनका प्रभाव पहले से ही गहरा है। इस कदम को देखते हुए कई राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा है कि अब पार्टी को अपने गठबंधन रणनीतियों को पुनः परखना पड़ेगा, ताकि वे बैरियों के खिलाफ एकजुट मोर्चा बना सकें।

टिप्पणि (19)

  1. Rajesh Dadaluch
    Rajesh Dadaluch
    25 सित॰, 2025 AT 17:19 अपराह्न

    ये सब नाटक है। जेल से निकला तो जनता की सेवा करेंगे? पहले अपने मामले साफ कर लो।

  2. Pratyush Kumar
    Pratyush Kumar
    26 सित॰, 2025 AT 12:35 अपराह्न

    अजाक खान के रिहा होने से यूपी की राजनीति में थोड़ी हलचल तो होगी ही। रैम्पुर में उनका असर अभी भी बरकरार है। अगर समाजवादी पार्टी इसे सही तरह से इस्तेमाल करे तो 2027 में कुछ नया बन सकता है।

  3. nishath fathima
    nishath fathima
    27 सित॰, 2025 AT 21:49 अपराह्न

    इस तरह के लोगों को रिहा करना न्याय के खिलाफ है। जब गुनहगार जेल से बाहर आते हैं तो उनका स्वागत क्यों? यह देश की नैतिकता को तोड़ रहा है।

  4. DHEER KOTHARI
    DHEER KOTHARI
    28 सित॰, 2025 AT 03:56 पूर्वाह्न

    लोगों के बीच जब विश्वास हो तो वो राजनीति बनती है 😊 अजाक खान के समर्थक बस उनके इरादों पर भरोसा कर रहे हैं। अगर वो सच में जनता के लिए आए हैं तो उनकी बात सुनने का अधिकार है।

  5. vineet kumar
    vineet kumar
    29 सित॰, 2025 AT 18:46 अपराह्न

    राजनीति में व्यक्तिगत प्रतिष्ठा और सामाजिक प्रभाव का अलग-अलग अर्थ होता है। अजाक खान के लिए जेल एक निर्णायक अनुभव रहा होगा, लेकिन उनकी वापसी से यह स्पष्ट होता है कि लोग अभी भी उन्हें एक नेता के रूप में देखते हैं। यह एक व्यवस्था की असफलता है जो इतने लंबे समय तक एक व्यक्ति को बंधक रख सके।

  6. Deeksha Shetty
    Deeksha Shetty
    1 अक्तू॰, 2025 AT 00:17 पूर्वाह्न

    इस बारे में कोई जानकारी नहीं कि ये मामले अभी तक क्यों लटक रहे हैं या न्याय का इंतजार क्यों हो रहा है यह सवाल बिल्कुल नहीं उठाया गया

  7. Ratna El Faza
    Ratna El Faza
    1 अक्तू॰, 2025 AT 06:28 पूर्वाह्न

    मैंने देखा कि जब वो जेल से निकले तो बहुत सारे लोग खड़े थे। ये बात बहुत अच्छी है कि लोग अभी भी उनके साथ हैं। शायद ये नेता अब अपने रास्ते पर वापस आएंगे।

  8. Nihal Dutt
    Nihal Dutt
    2 अक्तू॰, 2025 AT 22:52 अपराह्न

    जेल से निकलने के बाद अचानक स्वागत? ये सब फेक है बस। वो जेल में भी राजनीति कर रहे थे। अब बाहर आकर नाटक शुरू किया है। बस अब तुम्हारी बारी है न देखोगे तो भी नहीं बचोगे

  9. Swapnil Shirali
    Swapnil Shirali
    3 अक्तू॰, 2025 AT 04:12 पूर्वाह्न

    अजाक खान... एक ऐसा नाम जो उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक दशक से अधिक समय तक एक बार गायब हो जाता है, और फिर वापस आता है जैसे कोई फिल्म का हीरो... लेकिन ये फिल्म किसकी है? जनता की? या बैंकों की? 😏

  10. Upendra Gavale
    Upendra Gavale
    3 अक्तू॰, 2025 AT 08:40 पूर्वाह्न

    जब तक जेल में थे तो वो शहीद लग रहे थे... अब बाहर आ गए तो अब वो नायक 😎 ये राजनीति का जादू है भाई! बस एक नाम और एक जैनवस्था... और बाकी सब कुछ तैयार है! 🤷‍♂️

  11. abhimanyu khan
    abhimanyu khan
    4 अक्तू॰, 2025 AT 17:40 अपराह्न

    इस रिहाई की वैधता को न्यायिक रूप से स्पष्ट नहीं किया गया है। आपराधिक जिम्मेदारियों के बावजूद राजनीतिक लाभ के लिए व्यक्ति को रिहा करना एक व्यवस्था के अंतर्गत न्याय के उल्लंघन का प्रतीक है।

  12. Jay Sailor
    Jay Sailor
    5 अक्तू॰, 2025 AT 00:42 पूर्वाह्न

    ये सब गैर-हिंदू वोट बैंक के लिए बनाया गया नाटक है। अगर ये आदमी सच में न्यायपालिका के सामने जाने के लिए तैयार था तो वो जेल में रहता। अब जब चुनाव आ रहे हैं तो वो बाहर आ गया। ये राजनीति नहीं, ये धोखा है।

  13. Anindita Tripathy
    Anindita Tripathy
    6 अक्तू॰, 2025 AT 21:29 अपराह्न

    लोगों के बीच जो भावनाएं हैं वो किसी नेता के लिए बहुत ज्यादा मायने रखती हैं। अजाक खान को जो लोग स्वागत कर रहे हैं, वो उनके लिए एक संदेश भेज रहे हैं। उन्हें बस एक अवसर देना चाहिए।

  14. Ronak Samantray
    Ronak Samantray
    8 अक्तू॰, 2025 AT 11:25 पूर्वाह्न

    क्या आपने कभी सोचा है कि ये मामले जानबूझकर लंबे समय तक लटके हुए हैं? अगर नहीं तो आपको एक बार गूगल करना चाहिए। ये सब एक बड़ा योजना है।

  15. Anil Tarnal
    Anil Tarnal
    9 अक्तू॰, 2025 AT 17:18 अपराह्न

    अजाक खान को रिहा करने के बाद उनके बेटे ने जो कुछ बोला वो बिल्कुल गलत था। उन्हें ये नहीं बोलना चाहिए था। अब तो लोग और ज्यादा गुस्से में हैं।

  16. Viraj Kumar
    Viraj Kumar
    10 अक्तू॰, 2025 AT 23:46 अपराह्न

    जेल से बाहर आने के बाद एक नेता का बयान होना चाहिए था कि वो अपने आपराधिक अपराधों के लिए क्षमा मांग रहा है। नहीं तो ये बस एक बेवकूफी है।

  17. Shubham Ojha
    Shubham Ojha
    11 अक्तू॰, 2025 AT 20:54 अपराह्न

    अजाक खान के लौटने का मतलब है कि रैम्पुर की मिट्टी अभी भी उनके लिए अपनी जड़ें खोले हुए हैं। जैसे बरसात के बाद गीली धरती से नई फसल निकलती है, वैसे ही ये एक नई उम्मीद की लहर है।

  18. tejas maggon
    tejas maggon
    13 अक्तू॰, 2025 AT 19:27 अपराह्न

    जेल से निकले तो सब जनता ने उनका स्वागत किया... ये बात तो बहुत अजीब है... शायद वो जेल में नहीं थे बल्कि अमेरिका में थे और वहां से आए हैं!

  19. Subashnaveen Balakrishnan
    Subashnaveen Balakrishnan
    15 अक्तू॰, 2025 AT 09:00 पूर्वाह्न

    अगर वो जनता की सेवा करना चाहते हैं तो उन्हें अपने आपराधिक मामलों का निराकरण करना चाहिए और फिर राजनीति में वापस आना चाहिए। अभी तो ये अनिश्चितता है।

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