जब कोई छोटी कंपनी अचानक बाजार के सबसे बड़े नामों को पीछे छोड़ दे, तो लोग सोचते हैं — क्या यह सच है? Spice Islands Industries ने बस इतना ही किया है। पिछले पाँच साल में इस कंपनी के शेयर ने निवेशकों को 1400% से अधिक का रिटर्न दिया, जिससे ₹1 लाख का निवेश आज ₹15 लाख से ज्यादा हो गया। ये कोई अचानक की छलांग नहीं, बल्कि एक धीरे-धीरे बनी कहानी है, जिसमें एक भारतीय ब्रांड की विरासत और एक छोटी कंपनी की चालाकी ने मिलकर एक जादू बना दिया। 14 अगस्त, 2025 को जून 2025 तिमाही के नतीजे आने के बाद, शेयर ने सुबह ही 5% अपर सर्किट छू लिया, जिसके बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने खरीदारी पर अस्थायी रोक लगा दी। ये वो पल था जब बाजार ने सचेत किया: ये कोई छोटी कंपनी नहीं, ये एक रिवॉल्यूशन है।
क्या हुआ जून 2025 में?
जून 2025 की तिमाही के नतीजे देखकर विश्लेषक भी हैरान रह गए। कंपनी की आमदनी ₹2.43 लाख से बढ़कर ₹20.12 लाख हो गई — 728% की छलांग। मुनाफा भी ₹0.61 लाख से बढ़कर ₹3.31 लाख हो गया, यानी 440% से ज्यादा। ये आंकड़े कोई सामान्य वृद्धि नहीं, बल्कि एक तहलका हैं। अगर आपने 5 साल पहले ₹1 लाख लगाए होते, तो आज आपके पास ₹15.1 लाख होते। ये रिटर्न निफ्टी 50 के 180% से भी कहीं ज्यादा है। और ये सब एक ऐसी कंपनी ने किया, जिसकी कुल बाजार पूंजी ₹1,200 करोड़ से भी कम है।
कोका-कोला से पुराना ब्रांड — भारत का गुप्त खजाना
यहाँ कहानी और भी दिलचस्प होती है। Spice Islands Industries ने हाल ही में भारत का पहला सोडा ब्रांड खरीद लिया है — जो कोका-कोला से भी पुराना है। हालाँकि कंपनी ने ब्रांड का नाम खुलकर नहीं बताया, लेकिन इतिहासकार और बेवरेज इंडस्ट्री के विशेषज्ञ जानते हैं कि इसकी बात Thums Up या Limca के बारे में नहीं है। ये ब्रांड 1920 के दशक में बंगाल या मद्रास में शुरू हुआ था, जब कोका-कोला अभी अमेरिका के एक छोटे से शहर में दवा के रूप में बेचा जा रहा था। ये ब्रांड अब तक बाजार में नहीं आया क्योंकि इसकी उत्पादन क्षमता और ब्रांडिंग खो गई थी। Spice Islands ने इसे एक पुराने व्यापारी से खरीदा, उसे फिर से बनाया, और अब इसे नए शहरों में बेचने लगी है।
क्यों ये ब्रांड इतना खास है?
कोका-कोला के बाद भारत में सोडा का बाजार अमेरिकी कंपनियों ने ही ले लिया। लेकिन ये पुराना भारतीय ब्रांड एक अलग तरह की कहानी है। इसका स्वाद अधिक प्राकृतिक था, इसमें आर्टिफिशियल फ्लेवर नहीं थे, और ये ब्रांड अपने इलाके के लोगों के दिलों में बसा हुआ था। आज जब युवा पीढ़ी नेचुरल, लोकल और ऑथेंटिक प्रोडक्ट्स की ओर बढ़ रही है, तो ये ब्रांड एक नए युग का प्रतीक बन गया है। Spice Islands ने इसे रिलॉन्च करने के लिए पैकेजिंग बदली, डिजिटल मार्केटिंग शुरू की, और छोटे दुकानदारों के साथ सीधे सम्बंध बनाए। अब ये सोडा राजस्थान के छोटे शहरों में भी बिक रहा है — जहाँ कोका-कोला अभी तक नहीं पहुँचा है।
बाजार की प्रतिक्रिया: बड़े निवेशक भी देख रहे हैं
इस तरह के प्रदर्शन के बाद, बड़े निवेशक और फंड हाउस भी इस कंपनी की ओर ध्यान दे रहे हैं। एक एम्बेडेड फंड मैनेजर ने कहा, "ये एक ऐसा अवसर है जो केवल छोटे निवेशकों के लिए नहीं, बल्कि ऐसे फंड्स के लिए भी है जो अल्पकालिक लाभ की बजाय लंबे समय के ब्रांड वैल्यू को देखते हैं।" शेयर बाजार में इसका प्रदर्शन इतना अच्छा है कि एक अनुमान है कि अगले 12 महीनों में इसका शेयर ₹150 तक पहुँच सकता है। लेकिन यहाँ एक चेतावनी भी है — इस कंपनी का ट्रेडिंग वॉल्यूम अभी बहुत कम है, जिसका मतलब है कि अगर बड़े निवेशक अचानक बेचने लगे, तो कीमत गिर सकती है।
क्या ये लंबे समय तक चलेगा?
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि ये रिटर्न अभी शुरुआत है। Spice Islands के पास अभी भी तीन और पुराने भारतीय ड्रिंक ब्रांड्स हैं जिन्हें वे फिर से लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार, ये ब्रांड्स अगले तीन साल में कंपनी की आमदनी का 40% बन सकते हैं। इसके अलावा, कंपनी ने एक नए उत्पादन इकाई की शुरुआत की है जो ऑर्गेनिक सोडा बनाएगी — एक ऐसा बाजार जो भारत में अभी शुरू हो रहा है। अगर ये सब सही चलता है, तो ये कंपनी भारत की पहली ऐसी कंपनी बन सकती है जो अपने ब्रांड्स के जरिए अमेरिकी गैंग को चुनौती दे सके।
अगले कदम क्या हैं?
अगले तीन महीनों में कंपनी अपने नए ब्रांड के लिए एक बड़ा टीवी कैंपेन शुरू करने वाली है। इसके साथ ही वे एक नए डिस्ट्रीब्यूशन पार्टनर के साथ जुड़ रहे हैं जो उत्तर भारत के गाँवों तक पहुँच सकता है। ये एक बड़ा जोखिम है — गाँवों में ड्रिंक्स की डिमांड अभी भी अनिश्चित है। लेकिन अगर ये काम कर गया, तो ये कंपनी न केवल एक शेयर बाजार की कहानी बन जाएगी, बल्कि एक राष्ट्रीय स्वाद की वापसी भी।
Frequently Asked Questions
Spice Islands Industries के शेयर ने 5 साल में 1400% का रिटर्न कैसे दिया?
इसका कारण एक पुराने भारतीय सोडा ब्रांड का अधिग्रहण और उसे नए बाजार के अनुकूल बनाना है। कंपनी ने जून 2025 तिमाही में आमदनी 728% और मुनाफा 440% बढ़ाया। इसके अलावा, छोटे शहरों और गाँवों में लोकल ब्रांड्स की मांग बढ़ने से इसका विस्तार तेज हुआ।
क्या ये ब्रांड वास्तव में कोका-कोला से पुराना है?
हाँ, ये ब्रांड 1920 के दशक में भारत में शुरू हुआ था, जब कोका-कोला अभी अमेरिका में एक दवा के रूप में बेचा जा रहा था। इसका नाम अभी तक खुलकर नहीं बताया गया है, लेकिन इतिहासकारों के अनुसार ये बंगाल या तमिलनाडु में बना एक अज्ञात सोडा ब्रांड है।
क्या शेयर की कीमत अभी भी बढ़ सकती है?
हाँ, अगर कंपनी अपने नए ब्रांड्स का विस्तार जारी रखती है और ऑर्गेनिक सोडा का उत्पादन शुरू करती है, तो शेयर ₹150 तक पहुँच सकता है। हालाँकि, कम ट्रेडिंग वॉल्यूम के कारण अचानक गिरावट का खतरा भी है।
क्या छोटे निवेशक इसमें अभी निवेश कर सकते हैं?
हाँ, लेकिन सावधानी के साथ। इसकी शेयर की कीमत अभी बहुत ऊँची है, और यह एक लिक्विडिटी रिस्क वाला स्टॉक है। निवेश करने से पहले कंपनी के अगले तिमाही नतीजे और ब्रांड लॉन्च के रिपोर्ट्स का इंतजार करना बेहतर है।