क्यों चूक रही सरकार? : हाथरस की भगदड़ पर अखिलेश यादव का सवाल

क्यों चूक रही सरकार? : हाथरस की भगदड़ पर अखिलेश यादव का सवाल

हाथरस की भयावह भगदड़: सरकारी तैयारियों पर उठे सवाल

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में आयोजित एक धार्मिक समारोह में मची भगदड़ के कारण कम से कम 107 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें अधिकतर महिलाएं शामिल हैं। इस घटना ने पूरे प्रदेश और देश को झकझोर दिया है। भगदड़ के कारणों को लेकर विभिन्न मत सामने आ रहे हैं, लेकिन सरकार की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

अखिलेश यादव का तीखा सवाल

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस हादसे पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए कहा कि सरकार की नाकामी साफ तौर पर उजागर हो गई है। उन्होंने पूछा कि जब यह घटना हुई तो सरकार क्या कर रही थी? ऐसी घटनाएं अक्सर सरकार की लापरवाही को दर्शाती हैं। अखिलेश ने घायलों के उत्तम इलाज की मांग की और न्याय की उम्मीद जताई।

मायावती की संवेदना और मांग

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने भी इस भयंकर हादसे पर शोक व्यक्त किया और एक विस्तृत जांच की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जानी चाहिए ताकि वे इस विपत्ति का सामना कर सकें।

जिलाधिकारी का बयान

जिलाधिकारी आशीष कुमार ने जानकारी दी कि यह घटना एक निजी आयोजन के दौरान हुई थी, जिसके लिए उप-विभागीय मजिस्ट्रेट ने अनुमति दी थी। घटनास्थल की परिस्थितियों की जांच की जा रही है, और प्रारंभिक रिपोर्टों में अत्यधिक भीड़ और गर्म एवं आद्र मौसम का घटना में महत्वपूर्ण योगदान बताया जा रहा है।

अन्य नेताओं की प्रतिक्रियाएं

एआईएमआईएम (AIMIM) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने घटना की व्यापक जांच कराने की मांग की, वहीं कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेट ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद अनुप प्रधान ने घटना को राजनीतिक मुद्दा न बनाने का आग्रह किया और बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही घटनास्थल का दौरा करेंगे।

भागदड़ के कारण

यह भगदड़ तब मची जब धार्मिक उपदेशक भोले बाबा का कार्यक्रम समाप्त होने के बाद महिलाएं बाहर निकलने लगीं। भीड़ में अचानक हलचल मच गई और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे, जिसके कारण इस दुखद घटना का सामना करना पड़ा।

भरतपुर धार्मिक समारोह के दौरान हुई इस हृदयविदारक घटना ने कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े कर दिए हैं। यह स्पष्ट है कि इस तरह के बड़े सार्वजनिक आयोजनों के लिए अधिक प्रबंधकीय सावधानियों और योजनाओं की आवश्यकता होती है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

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