Vasai Election 2024: BJP की Sneha Dube Pandit ने 3,153 वोट से जीत हासिल की

Vasai Election 2024: BJP की Sneha Dube Pandit ने 3,153 वोट से जीत हासिल की

परिणाम की झलक

महाराष्ट्र के पालघर जिले के Vasai विधानसभा क्षेत्र में 2024 के राज्य चुनाव ने सभी की नजरें अपनी ओर खींच लीं। Vasai Election 2024 में भाजपा की उम्मीदवार Sneha Dube Pandit ने बस 3,153 वोट के अंतर से बहुचर्चित BVA विधायक Hitendra Vishnu Thakur को मात दी। Pandit ने कुल 77,553 वोट (35.38%) हासिल किए, जबकि Thakur को 74,400 वोट (33.94%) प्राप्त हुए। तीसरे स्थान पर कांग्रेस के Vijay Govind Patil ने 62,324 वोट (28.43%) लेकर अपनी ताकत दिखा दी, पर उनकी उम्मीदों से कम रहा।

कुल मतदाता पंजीकरण 354,652 था, लेकिन मतदान 61.81% तक रहा, जिससे 219,220 वोटों की लहर आयी। NOTA ने 2,346 वोट (1.07%) जमा किए, जबकि स्वतंत्र और छोटे दलों के उम्मीदवारों ने एक प्रतिशत से भी कम वोट प्राप्त किए। ये आँकड़े दर्शाते हैं कि Vasai में मतदाताओं का इरादा काफी विभाजित था, पर भाजपा ने सूझबूझ वाले रणनीतिक कदमों से ताजगी भरी शक्ति दिखाई।

राजनीतिक प्रभाव और भविष्य की दिशा

2019 में Hitendra Thakur ने 102,950 वोट (54.19%) के साथ भारी जीत हासिल की थी, जिससे 25,000 से अधिक वोटों की बहुमत बन गई थी। इस बार उनका पतन न केवल व्यक्तिगत बल्कि पार्टी के लिए भी एक बड़ा झटका है। BVA अभी भी 74,400 वोट लेकर क्षेत्र में अपनी जड़ें मजबूत रखी हुई है, पर अगली बार उन्हें अपने दल की रणनीति और गठबंधन की दोबारा जाँच करनी पड़ेगी।

भाजपा की Sneha Dube Pandit की जीत का मतलब यह नहीं है कि उन्होंने बस एक सीट जीती है; यह एक संकेत है कि बीजेपी ने traditionally कठिन माने जाने वाले Vasai में अपना अभूतपूर्व प्रचार-प्रसार कर दिया है। उनके अभियान में स्थानीय समस्याओं—जैसे टोल प्लाज़ा, बुनियादी ढाँचा, सार्वजनिक परिवहन—पर जोर दिया गया। साथ ही, सोशल मीडिया पर युवा वर्ग को लक्षित करते हुए छोटे वीडियो और स्थानीय इन्फ्लुएंसरों की मदद से संदेश को तेज़ी से पहुंचाया गया।

महाराष्ट्र में Mahayuti गठबंधन (भाजपा‑शिवसेना‑नवजागरण) अब 288 में से 217 सीटों पर आगे है, जिससे राज्य में उनका नियंत्रण स्पष्ट हो रहा है। विरोधी MVA (महा विकास आघात) केवल 50 सीटों पर ही डंग मार पाया है, जो बताता है कि यह चुनाव उन्हें आत्मनिरीक्षण की स्थिति में ले आया है। अगले महीनों में मुंबई के उपनगरीय क्षेत्रों में, जहाँ मतदाता बहु‑सामुदायिक होते हैं, BJP को इस गति को कैसे बरकरार रखता है, यही देखना होगा।

Vasai में कांग्रेस के Vijay Govind Patil का प्रदर्शन भी दिलचस्प है। 2019 में वह शिवसेना के टिकट पर उतरें थे, पर 2024 में कांग्रेस का समर्थन लेकर 62,324 वोट हासिल करने में सफल रहे। यह दर्शाता है कि उम्मीदवार की व्यक्तिगत पहचान अभी भी ग्रामीण‑उपनगरीय क्षेत्रों में प्रभावी हो सकती है, बशर्ते पार्टी की ओर से ठोस समर्थन और स्पष्ट नीति हो।

भविष्य की दृष्टि से, BVA को अपनी आधारभूत वोट बैंक को पुनः व्यवस्थित करने की जरूरत है। उनके पास स्थानीय स्तर पर मजबूत नेटवर्क है, पर उन्हें भाजपा के नवीनतम चुनावी तकनीकों—डेटा विश्लेषण, माइक्रो-टार्गेटिंग—के साथ तालमेल बैठाना होगा। दूसरी ओर, भाजपा को यह देखना होगा कि क्या इस जीत को दीर्घकालिक आधार पर कायम रखा जा सकता है। यदि नहीं, तो अगली बार विपक्षी गठबंधनों के साथ भी नए मोड़ पर काम लेना पड़ सकता है।

अंत में, Vasai का यह नजदीकी मुकाबला इस बात का सबूत है कि महाराष्ट्र में चुनाव अब पुरानी वफ़ादारी पर नहीं, बल्कि विकास, रोजगार, और युवा वर्ग की आशाओं पर आधारित हो रहा है। जब तक पार्टियां इन मुद्दों को सच्ची दिलचस्पी के साथ नहीं समझेंगी, तब तक ऐसे 'निल-बाइटिंग' परिणाम देखना संभव रहेगा।

टिप्पणि (6)

  1. Swapnil Shirali
    Swapnil Shirali
    28 सित॰, 2025 AT 03:32 पूर्वाह्न

    3,153 वोटों का अंतर? ये तो एक बारिश के बाद बह जाने वाली नाली के बराबर है... भाजपा ने ये जीत डेटा और सोशल मीडिया से की, न कि जमीनी स्तर पर। अब देखना होगा कि जब टोल प्लाजा बंद होगा, तो लोग फिर से किसकी ओर मुड़ेंगे। ये सब तो बस एक फिल्म की शुरुआत है, अभी अंत नहीं हुआ।

  2. Upendra Gavale
    Upendra Gavale
    28 सित॰, 2025 AT 17:17 अपराह्न

    जीत गया तो बहुत बढ़िया 😎 लेकिन यार, इतने करीब लड़ावा हुआ तो अब तो बस एक ही बात बची - अब लोगों को बस इंतज़ार है कि कौन अगली बार टीम बदलेगा 😅 बस एक बार फिर से बोल दो, 'वोट दो, विकास लाओ'... और फिर देखो कि कौन बोलता है!

  3. abhimanyu khan
    abhimanyu khan
    29 सित॰, 2025 AT 21:09 अपराह्न

    मतदान की प्रतिशतता 61.81% है, जो अभी भी एक गहरी असंतोष की ओर इशारा करती है। भाजपा की जीत को विजय नहीं, बल्कि एक अस्थायी संतुलन के रूप में देखना चाहिए। विपक्षी दलों की अपर्याप्त रणनीति और व्यक्तिगत पहचान के आधार पर चुनाव लड़ने की प्रवृत्ति ने राजनीतिक लचीलापन को नष्ट कर दिया है। यह एक सामाजिक विघटन का संकेत है।

  4. Jay Sailor
    Jay Sailor
    30 सित॰, 2025 AT 05:35 पूर्वाह्न

    हमारे देश में अब तो जो भी चुनाव लड़ता है, वो सिर्फ़ अपनी आंखों के सामने की चीज़ों को देखता है - टोल प्लाजा, बस स्टॉप, बिजली का बिल - लेकिन जब तक आप देश की राष्ट्रीय एकता, भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय नीति को नहीं समझेंगे, तब तक ये सब बस एक बाज़ारी बहस है। भाजपा ने अपनी राष्ट्रीय पहचान के साथ ये जीत दर्ज की है, और ये जीत किसी अल्पमत की नहीं, बल्कि समग्र भारतीय जनता की इच्छा का प्रतिबिंब है। अब जो लोग इसे छोटा समझते हैं, वो अपने आप को ही भूल रहे हैं।

  5. Anindita Tripathy
    Anindita Tripathy
    1 अक्तू॰, 2025 AT 22:05 अपराह्न

    इतने करीब लड़ावे में जीतने वाली ये युवा महिला उम्मीदवार बस एक चीज़ को समझ गई - लोग बस वो चाहते हैं जो उनकी आवाज़ सुने। उन्होंने बात की, बस बात की, और लोगों ने उन्हें वोट दे दिया। ये जीत किसी दल की नहीं, बल्कि एक नए तरीके की है। अब बस इतना करो - बात करते रहो, और वादे नहीं, वास्तविकता बनाओ।

  6. Ronak Samantray
    Ronak Samantray
    2 अक्तू॰, 2025 AT 19:11 अपराह्न

    3153 वोट... ये तो बस शुरुआत है। अगली बार जब वोट काउंट होगा, तो शायद किसी ने इसे बदल दिया होगा। 🤫 और अगर आपको लगता है कि ये सिर्फ़ चुनाव था, तो आप गलत हैं। ये तो एक सिग्नल है - किसी ने इसे सुना है... और अब वो आपको देख रहा है।

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