रविंद्र जडेजा का नया इतिहास: निचले क्रम पर बड़ा कमाल
रविंद्र जडेजा का नाम भारतीय टेस्ट क्रिकेट में अब एक ऐसी सूची में शामिल हो गया है जहां पहुंचना आसान नहीं। लॉर्ड्स में खेले जा रहे इंग्लैंड और भारत के बीच टेस्ट सीरीज में जडेजा ने निचले क्रम की बल्लेबाजी में VVS लक्ष्मण के पुराने रिकॉर्ड की बराबरी की। अब वह उन गिने-चुने भारतीय खिलाड़ियों में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में छठे या उससे नीचे के बल्लेबाजी क्रम पर सबसे ज्यादा 50 प्लस स्कोर बनाए हैं।
इस सीरीज के दौरान जडेजा ने लगातार तीन बार 50 या उससे ज्यादा रन बनाए, जो बताता है कि भारतीय टीम जब दबाव में थी, तब जडेजा ने मोर्चा संभाला। ऐसी पारी तब और भी अहम हो जाती हैं जब टॉप ऑर्डर जल्दी आउट हो जाए। जडेजा ने बार-बार दिखाया है कि वह मुश्किल हालात में भी न सिर्फ टिक सकते हैं बल्कि टीम को सम्मानजनक स्कोर दिला सकते हैं।

लक्ष्मण से तुलना, लेकिन अपनी अंदाज़ में
VVS लक्ष्मण ने अपनी करियर की सबसे यादगार पारी 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 281 रन की खेली थी। यह पारी अब भी भारतीय क्रिकेट फैंस के जेहन में ताजा है, क्योंकि टीम ने लगभग हारे हुए मैच में जबरदस्त वापसी की थी। जडेजा की खासियत यह है कि वह न केवल रविंद्र जडेजा के रूप में टीम को गेंदबाजी में फायदा देते हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर निचले क्रम के बल्लेबाज की भूमिका भी बखूबी निभाते हैं।
टेस्ट क्रिकेट में नंबर 6 या उससे नीचे बल्लेबाजी करना आसान नहीं होता। पिच का हाल बुरा, गेंदबाजों का आत्मविश्वास चरम पर और सामने पूरी तरह से सजी गेंदबाजी यूनिट। ऐसे में जडेजा ने इस भूमिका को जिस आत्मविश्वास से निभाया है, वो खास है। तीन लगातार अर्धशतक लगाना, वो भी इंग्लैंड जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में, बड़ा संकेत है कि जडेजा अब टेस्ट स्पेशलिस्ट के रूप में भी पहचाने जा रहे हैं।
लक्ष्मण की तरह जडेजा अब कई बार टीम को बैकफुट से फ्रंटफुट पर ला चुके हैं। उनका संयम, डिफेंस और मौके के हिसाब से आक्रामकता सही वक्त पर दिखती है। यही वजह है कि उनका योगदान अब नंबर गेम से कहीं ऊपर जाता है। खास तौर पर तब, जब भारत को सेकेंड इनिंग्स में स्टेबिलिटी चाहिए होती है।
जडेजा के इन पलों ने साबित कर दिया है कि भारतीय टेस्ट टीम की रगों में सिर्फ टॉप ऑर्डर नहीं, बल्कि निचला क्रम भी उतना ही दमदार है। अब उनकी जगह सिर्फ एक ऑलराउंडर के तौर पर नहीं, बल्कि संकटमोचक बल्लेबाज के रूप में भी बन गई है। इस रिकॉर्ड की बराबरी उनके लिए नई जिम्मेदारियां तो लाएगी ही, साथ ही युवा खिलाड़ियों के लिए भी बड़ी प्रेरणा है।