पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का 93 वर्ष की आयु में निधन: भारतीय राजनीति का एक युग समाप्त

पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का 93 वर्ष की आयु में निधन: भारतीय राजनीति का एक युग समाप्त

नटवर सिंह का जीवन परिचय

भारत के पूर्व विदेश मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता के नटवर सिंह का लंबी बीमारी के बाद शनिवार रात 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। राजस्थान के भरतपुर में 1931 में जन्मे नटवर सिंह ने भारतीय राजनीति में एक विशिष्ट पहचान बनाई। उनके जीवन का यह सफर न केवल एक शिक्षक और राजनेता के रूप में बल्कि एक कूटनीतिज्ञ के रूप में भी बेहद महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने भारतीय कूटनीति और विदेशी संबंधों में अपना एक अद्वितीय योगदान दिया।

शुरुआती जीवन और सेवायें

नटवर सिंह का जन्म 16 मई 1931 को एक राजपूत परिवार में हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के दून स्कूल और दिल्ली के सेंट स्टीफन्स कॉलेज से पूरी की। शिक्षा पूरी करने के बाद वे भारतीय विदेश सेवा से जुड़ गए और यहां से उनकी कूटनीतिक यात्रा की शुरुआत हुई।

कूटनीतिज्ञ जीवन

नटवर सिंह ने अपने कूटनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे पाकिस्तान में भारत के राजदूत भी रहे और इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने के लिए कई प्रयास किए। वे संयुक्त राष्ट्र संघ में भी भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा नटवर सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यालय में 1966 से 1971 तक सेवा दी।

कांग्रेस और मंत्रीमंडल का सफर

कांग्रेस और मंत्रीमंडल का सफर

नटवर सिंह ने 1980 के दशक में कांग्रेस पार्टी में शामिल होकर राजनीति की मुख्यधारा में कदम रखा। राजीव गांधी की सरकार में वे मंत्री बने। 2004 से 2005 के बीच वे मनमोहन सिंह की यूपीए-1 सरकार में विदेश मंत्री के रूप में कार्यरत रहे। हालांकि, वोल्कर रिपोर्ट के चलते उन्हें 2005 में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा, जिसमें उन पर और उनके बेटे पर इराक के तेल के बदले खाद्यान्न योजना घोटाले में शामिल होने का आरोप था।

लेखन और साहित्यिक योगदान

नटवर सिंह ने राजनीति और कूटनीति की दुनिया के साथ-साथ लेखन में भी अपनी छाप छोड़ी। उनके द्वारा रचित कई पुस्तकों में 'The Legacy of Nehru: A Memorial Tribute', 'My China Diary 1956-88' और उनकी आत्मकथा 'One Life is Not Enough' शामिल हैं। इस आत्मकथा में कुछ बातों को लेकर विवाद भी उत्पन्न हुए, खासकर जो सोनिया गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह के संदर्भ में कही गईं।

निजी जीवन और उत्तराधिकारी

नटवर सिंह अपने पीछे अपने परिवार में पत्नी हेमिंदर कुमारी सिंह और बेटे जगत सिंह को छोड़ गए। उनके निधन से भारतीय राजनीति और कूटनीति को एक बड़ी क्षति हुई है।

शोक संदेश और श्रद्धांजलि

शोक संदेश और श्रद्धांजलि

नटवर सिंह के निधन पर विभिन्न राजनेताओं और प्रमुख व्यक्तियों ने शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। कांग्रेस के प्रमुख नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सभी ने उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदानों को याद किया और परिवार के प्रति संवेदनाएं जताईं।

नटवर सिंह की विरासत

नटवर सिंह की जीवनी भारतीय राजनीति और डिप्लोमेसी का एक पूंजीभूत हिस्सा है। उनके द्वारा निभाए गए विभिन्न पद और कर्तव्य भारत के इतिहास में विशेष स्थान रखते हैं। उन्होंने अपनी लेखनी और कूटनीतिज्ञ नीतियों के माध्यम से भी देश की सेवा की।

नटवर सिंह का जीवन और कार्यानुभव एक प्रेरणा स्रोत के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे। उनकी जीवनी 'One Life is Not Enough' के माध्यम से उनकी जीवन यात्रा और विचारधारा को गहराई से समझा जा सकता है। उनके निधन से भारतीय राजनीति और कूटनीतिक क्षेत्र में एक बड़ी रिक्तता उत्पन्न हुई है जो हमेशा खलेगी।

टिप्पणि (5)

  1. Ronak Samantray
    Ronak Samantray
    12 अग॰, 2024 AT 14:12 अपराह्न

    ये सब लोग तो बस अपनी तस्वीरें बनवाते रहे। असली काम तो लोगों के घरों में हो रहा था... जहां बिजली नहीं, पानी नहीं, बस गरीबी थी। 🌑

  2. Anil Tarnal
    Anil Tarnal
    14 अग॰, 2024 AT 09:03 पूर्वाह्न

    मुझे याद है जब मैं छोटा था, नटवर सिंह की बातें सुनकर लगता था जैसे कोई नया इतिहास लिख रहा हो... आज देख रहा हूँ, उनकी बातों का कोई असर नहीं रहा। बस नाम बच गया। 😔

  3. Viraj Kumar
    Viraj Kumar
    16 अग॰, 2024 AT 04:07 पूर्वाह्न

    उनकी आत्मकथा में जो बातें लिखीं, वो सच नहीं थीं। उन्होंने अपने बेटे के साथ घोटाले में भाग लिया, और फिर भी खुद को शुद्ध बताया। यह नैतिक अपराध है। आज के नेता तो इससे भी बदतर हैं।

  4. Shubham Ojha
    Shubham Ojha
    17 अग॰, 2024 AT 11:46 पूर्वाह्न

    नटवर सिंह ने बस एक आदमी के रूप में नहीं, बल्कि एक जीवंत इतिहास के रूप में भारत की डिप्लोमेसी को चित्रित किया। उनकी कलम एक तलवार थी, जिससे वो दुनिया को समझाते थे। उनकी लिखावट में खुशबू थी - जैसे गरम चाय की धुंध में छिपा एक पुराना दिल। 🌿

  5. tejas maggon
    tejas maggon
    18 अग॰, 2024 AT 17:35 अपराह्न

    बस रिपोर्ट के लिए ही इस्तीफा दिया? अरे भाई, वो रिपोर्ट तो बनाया गया था उनके खिलाफ... वो वाला जिसने इराक का तेल बदले में भोजन दिया... वो लोग अभी भी सत्ता में हैं। 😳

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