नाग पंचमी 2024: पूजा मुहूर्त, मंत्र, रस्में, उत्सव और महत्व

नाग पंचमी 2024: पूजा मुहूर्त, मंत्र, रस्में, उत्सव और महत्व

नाग पंचमी 2024: धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

हर साल हिंदू धर्म में विभिन्न पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन नाग पंचमी का अपना अलग ही धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इस वर्ष नाग पंचमी 9 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी और यह पर्व विशेष रूप से नागों की पूजा और उनके महत्व की ओर ध्यान आकर्षित करता है। हिंदू धर्म में नागों को शक्तिशाली और दिव्य प्राणियों के रूप में पूजा जाता है, जो जल, उर्वरता और संरक्षण से जुड़े होते हैं।

नाग पंचमी की तिथि और पूजा मुहूर्त

नाग पंचमी परंपरागत रूप से श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष पंचमी तिथि का आरंभ 9 अगस्त 2024 को रात 12:36 बजे होगा और यह तिथि 10 अगस्त 2024 को तड़के 03:14 बजे समाप्त होगी। पूजा का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त को सुबह 05:25 बजे से 08:00 बजे के बीच रहेगा। इस समयावधि में भक्तजन नाग देवताओं की पूजा और अभिषेक करेंगे।

पूजा विधि और अनुष्ठान

नाग पंचमी के दिन विभिन्न अनुष्ठान और पूजा विधियाँ अपनाई जाती हैं। सबसे प्रमुख पूजा विधि में नाग देवताओं की प्रतिमाओं को दूध, शहद, और फूल अर्पित करना शामिल है। दूध पवित्रता और भक्ति का प्रतीक माना जाता है, और इसे नागों को अर्पित करना उनकी कृपा प्राप्त करने का माध्यम माना जाता है। भक्तगण इस दिन व्रत का भी पालन करते हैं और विशेष नाग मंदिरों की यात्रा करते हैं।

भारत के विभिन्न हिस्सों में इस दिन विशेष प्रदर्शन और शोभायात्राएँ भी आयोजित की जाती हैं, जहां लोग पवित्र नाग गड्ढों या नाग मंदिरों के इर्द-गिर्द इकट्ठा होते हैं।

नाग पंचमी का पौराणिक महत्व

नाग पंचमी के पौराणिक महत्व की कहानियाँ और किवदंतियाँ भी हिंदू धर्म में सुख्यात हैं। ऐसा माना जाता है कि नाग देवताओं की आराधना करने से घरों को सर्पदंश से सुरक्षा प्राप्त होती है और समृद्धि व स्वास्थ्य की कामना होती है। नागों को धन संचय के रक्षक के रूप में भी देखा जाता है और उनकी कृपा से जीवन में भौतिक सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

भारत के विभिन्न मंदिर इस दिन विशेष महत्व रखते हैं, जैसे उज्जैन का नाग चंद्रेश्वर मंदिर और हरिद्वार का मनसा माता मंदिर जहां भक्त बड़ी संख्या में नाग पंचमी के दिन इकट्ठा होते हैं।

नेपाल में नाग पंचमी

नाग पंचमी की परंपरा केवल भारत में ही नहीं, बल्कि नेपाल में भी मनाई जाती है। नेपाल की काठमांडू घाटी के बारे में ऐसा मान्यता है कि यह कभी एक झील थी, जहां जहरीले नाग निवास करते थे। जब नागों की पूजा और आराधना शुरू हुई, तो यह क्षेत्र रहने के योग्य हुआ।

नाग पंचमी का यह महत्त्वपूर्ण पर्व भगवान नागों की कृपा प्राप्त करने और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख और समृद्धि का अनुभव करने का एक पवित्र अवसर है। इसलिए हर साल श्रद्धालु इस दिन को उत्साह और भक्ति के साथ मनाते हैं।

टिप्पणि (16)

  1. Upendra Gavale
    Upendra Gavale
    9 अग॰, 2024 AT 20:30 अपराह्न

    नाग पंचमी का दिन तो हमेशा से ही बहुत खास रहा है 🐍✨ दूध चढ़ाने की आदत बचपन से ही लगी हुई है, और अब भी घर के पीछे वाले नाग कुंड में जाकर फूल चढ़ाता हूँ। असल में ये सिर्फ धर्म नहीं, एक तरह का एमोशनल कनेक्शन है।

  2. abhimanyu khan
    abhimanyu khan
    10 अग॰, 2024 AT 21:41 अपराह्न

    The ritualistic veneration of serpents, while culturally embedded, lacks empirical substantiation and may perpetuate anthropomorphic fallacies in ecological understanding. One must question the ontological basis of divine serpents in a post-Enlightenment paradigm.

  3. Jay Sailor
    Jay Sailor
    11 अग॰, 2024 AT 20:03 अपराह्न

    ये सब नागों की पूजा क्या है? भारत में अब तक कुछ भी नहीं बदला, जबकि दुनिया आगे बढ़ रही है। जहरीले सांप को देवता मानना? अगर ये विश्वास सच होता तो तुम्हारे घर के सामने वाला सांप तुम्हें बचा लेता। ये सब बकवास है जिसे आज भी लोग अपना धर्म बताते हैं।

  4. Anindita Tripathy
    Anindita Tripathy
    13 अग॰, 2024 AT 05:20 पूर्वाह्न

    मैंने पिछले साल एक छोटे से गाँव में नाग पंचमी मनाई थी। बुजुर्ग और बच्चे सब मिलकर दूध चढ़ा रहे थे। एक बूढ़ी दादी ने मुझे बताया कि उनकी दादी भी ऐसा ही करती थीं। ये रिवाज़ सिर्फ धर्म नहीं, ये तो पीढ़ियों का प्यार है। ❤️

  5. Ronak Samantray
    Ronak Samantray
    14 अग॰, 2024 AT 17:36 अपराह्न

    क्या आपने कभी सोचा है कि ये सांप वाले मंदिर असल में किसके लिए बनाए गए? 🤔 जिनके पास पैसा है... वो देवता बना देते हैं। बस इतना ही।

  6. Anil Tarnal
    Anil Tarnal
    15 अग॰, 2024 AT 22:34 अपराह्न

    मैंने इस दिन एक नाग को देखा था... वो मेरे घर के बरामदे में था। मैंने डर के मारे चिल्ला दिया। फिर बाद में पता चला कि वो सांप बिल्कुल निर्दोष था। अब मैं हर साल उसी जगह पर दूध चढ़ाता हूँ। शायद वो मुझे बचा रहा था।

  7. Viraj Kumar
    Viraj Kumar
    16 अग॰, 2024 AT 13:32 अपराह्न

    The ritualistic offering of milk to serpents is not only scientifically unsound but also environmentally irresponsible. Milk curdles in open air, attracts insects, and creates unsanitary conditions near temple premises. This practice should be re-evaluated in light of modern hygiene standards.

  8. Shubham Ojha
    Shubham Ojha
    18 अग॰, 2024 AT 07:56 पूर्वाह्न

    भाई, नाग पंचमी का मज़ा ही कुछ और है! दूध का बहाव, फूलों की खुशबू, बच्चों की चिल्लाहट, दादी की आरती... ये सब मिलकर एक ऐसा तांत्रिक जादू बन जाता है जो किसी एप्प के नोटिफिकेशन से ज्यादा दिल छू जाता है। 🌿🕉️

  9. tejas maggon
    tejas maggon
    18 अग॰, 2024 AT 17:18 अपराह्न

    srry but i think snakes r not gods... they r just animals... but why do u think they r so special? maybe its becuz they shed skin... like rebirth? idk

  10. Subashnaveen Balakrishnan
    Subashnaveen Balakrishnan
    20 अग॰, 2024 AT 02:45 पूर्वाह्न

    क्या नागों की पूजा के पीछे कोई जैविक कारण भी हो सकता है जैसे नागों के द्वारा चूहों का नियंत्रण? ये बात कभी सुनी नहीं लगती

  11. Keshav Kothari
    Keshav Kothari
    21 अग॰, 2024 AT 13:09 अपराह्न

    इस तरह के त्योहार का कोई मतलब नहीं है। सिर्फ रिवाज़।

  12. Rajesh Dadaluch
    Rajesh Dadaluch
    21 अग॰, 2024 AT 17:13 अपराह्न

    दूध चढ़ाना बेकार है।

  13. Pratyush Kumar
    Pratyush Kumar
    22 अग॰, 2024 AT 02:19 पूर्वाह्न

    मैंने अपने बच्चे को नाग पंचमी पर एक छोटा सा नाग बनाकर दिखाया। उसने पूछा - अंकल, ये सांप क्यों देवता है? मैंने कहा - क्योंकि ये जमीन को बचाते हैं, और इंसानों को डर नहीं दिखाते। वो बोला - तो ये बहुत बहादुर हैं। मुझे लगा बच्चे की नज़र असली है।

  14. nishath fathima
    nishath fathima
    22 अग॰, 2024 AT 23:39 अपराह्न

    इस तरह की अशुद्ध पूजा अच्छी नहीं है। धर्म तो साफ़ और सरल होना चाहिए।

  15. DHEER KOTHARI
    DHEER KOTHARI
    24 अग॰, 2024 AT 20:57 अपराह्न

    मैंने इस साल अपने घर के बगीचे में एक छोटा सा नाग कुंड बनवा दिया है 😊 बच्चे और दादी दोनों खुश हैं। अब हर साल ये एक नया परंपरा बन जाएगा। 🌿🪷

  16. vineet kumar
    vineet kumar
    25 अग॰, 2024 AT 03:08 पूर्वाह्न

    नागों की पूजा का असली अर्थ जीवन और मृत्यु के चक्र को समझना है। वे जिनके शरीर से बार-बार छिलका गिरता है, वे बदलाव के प्रतीक हैं। दूध का अर्पण नहीं, बल्कि इस चक्र की समझ ही वास्तविक पूजा है। जब तक हम बदलाव को डरते रहेंगे, तब तक हम अपने आप को बंधन में रखेंगे।

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