मेवाड़ राजघराने के वंशज अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन, विरासत के साथ संपत्ति विवाद फिर सुर्खियों में

मेवाड़ राजघराने के वंशज अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन, विरासत के साथ संपत्ति विवाद फिर सुर्खियों में

अरविंद सिंह मेवाड़, एक ऐसा नाम जो न केवल मेवाड़ के राजघराने की समृद्ध विरासत का परिचय देता है, बल्कि राजस्थान के ऐतिहासिक पर्यटन उद्योग में भी अहम स्थान रखता है। 16 मार्च, 2025 को 81 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। उनके जीवनकाल में, वे न सिर्फ एक सफल होटल व्यवसायी थे, बल्कि क्रिकेट के रणजी ट्रॉफी के राजस्थान टीम के कप्तान और पोलो के अद्भुत खिलाड़ी भी थे। उन्होंने अपनी सहभागिता से मेवाड़ की विरासत को नई पहचान दी।

धरोहर और पर्यटन उद्योग में योगदान

अरविंद सिंह ने अपने परिवार की हॉस्पिटैलिटी हॉस्पिटैलिटी आनुवंशिक संपत्ति को आधुनिकता के साथ जोड़ा और उसे HRH ग्रुप के रूप में विश्व पटल पर रखा। वे मेयो कॉलेज से शिक्षित थे, और अपनी उच्च शिक्षा ब्रिटेन और अमेरिका में होटल मैनेजमेंट में प्राप्त की। उन्होंने शिकागो में कार्य किया और फिर वापस आकर अपने पारिवारिक कारोबार को इन्नोवेटिव अप्रोच के साथ विकसित किया।

पोलो खेल के प्रति उनका प्रेम उन्हें इंग्लैंड में 'उदयपुर कप' की स्थापना तक ले गया। इसके साथ ही, उन्होंने अपनी पायलट की क्षमता को भी प्रदर्शित किया। महाराणा ऑफ मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन के चेयरमैन के रूप में उन्होंने अनेक विरासत और दान संस्थाओं का संचालन किया।

संपत्ति विवाद और पारिवारिक चुनौतियां

अरविंद सिंह का जीवन संपत्ति विवादों से भी घिरा रहा। 1984 में उनके पिता के एक विवादास्पद वसीयतनामा जो उनके भाई महेंद्र सिंह मेवाड़ को निष्कासित करता था, के कारण वर्षों तक पारिवारिक विवाद चला। महेन्द्र सिंह के निधन के बाद उनके पुत्र विश्वराज सिंह मेवाड़ इस वंश के प्रतीकात्मक प्रमुख बने, जिससे पारिवारिक तनाव और बढ़ गया। पहले-पहल सिटी पैलेस के धार्मिक आयोजनों में उनके पहुंच का विरोध भी किया गया।

उदयपुर सिटी पैलेस, एक प्रमुख पर्यटन केंद्र, अरविंद सिंह के सम्मान में 16 और 17 मार्च को पर्यटकों के लिए बंद रखा जाएगा। उनकी अंतिम यात्रा 18 मार्च को होगी। उनके निधन ने राजस्थान की शाही विरासत में एक युग का अंत कर दिया है, और साथ ही उनके संघर्षों की गाथा भी इतिहास का हिस्सा बन गई है।

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