कश पटेल की एफबीआई निदेशक के रूप में पुष्टि की सुनवाई में विवाद - ट्रम्प के प्रति वफादारी और पिछले कार्य

कश पटेल की एफबीआई निदेशक के रूप में पुष्टि की सुनवाई में विवाद - ट्रम्प के प्रति वफादारी और पिछले कार्य

कश पटेल की एफबीआई निदेशक के लिए नियुक्ति पर जोरदार बहस

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नामांकन पर कश पटेल की पुष्टि सुनवाई 30 जनवरी, 2025 को आयोजित की गई। इस सुनवाई ने कई तारकीय विषयों को जन्म दिया। समिति के समक्ष पेश होने पर, पटेल ने अपने ट्रम्प के प्रति वफादारी और अतीत में किए गए कार्यों के संदर्भ में उठे सवालों के बारे में बातचीत की। पटेल की प्रमुख दलील यह थी कि उनके नेतृत्व में एफबीआई का राजनीतिकरण नहीं होगा, और उनके सहयोगी किसी राजनीतिक प्रतिशोध के लिए प्रेरित नहीं होंगे।

ट्रम्प प्रशासन के प्रति निष्ठा पर विवाद

पटेल के खिलाफ अनेक आरोप लगाए गए, जिन पर उन्होंने खुद को निर्दोष बताया। पटेल पर आरोप है कि उन्होंने ट्रम्प प्रशासन के खिलाफ खड़े होने वालों को लक्षित करने के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग किया है। हालांकि, पटेल ने इन आरोपों को सख्ती से खारिज किया। उनका कहना था, 'एफबीआई में कोई राजनीतिकरण नहीं होगा और मेरे निदेशक बनने के बाद किसी भी तरह की प्रतिशोधी कार्रवाई नहीं होगी।'

डेमोक्रेट्स का मानना है कि पटेल का ट्रम्प के प्रति अधिक झुकाव उन्हें एफबीआई के निदेशक के रूप में निष्पक्ष और स्वतंत्र निर्णय लेने से रोक सकता है। उनके दावे कई विवादित बयानों और घटनाओं पर आधारित हैं, जिनमें पटेल का एक चैरिटी रिकॉर्ड शामिल है, जिसमें ट्रम्प और जे6 जेल गायकों की भागीदारी थी।

जे6 जेल गायकों के साथ संबंध

इस चैरिटी रिकॉर्ड में उन लोगों का संपादन शामिल था जिन्होंने 6 जनवरी, 2021 के अमेरिकी कैपिटल ब्रीच के चलते कैदी बन गए थे। उन लोगों में से एक, जूलियन खटर का नाम भी इस रिकॉर्ड से जुड़ गया, जिसने अमेरिकी कैपिटल पुलिस अधिकारी ब्रायन सिकनिक के चेहरे पर मिर्ची स्प्रे किया था। पटेल ने इस पूरे मामले से अपनी अनजानेपन का उल्लेख किया।

पुरानी जांचों पर उनके विचार

पटेल को क्रॉसफायर हरिकेन जांच के संबंध में भी सवालों का सामना करना पड़ा। ये जांच ट्रम्प के 2016 के चुनाव अभियान के लिए थी, जिसे पटेल ने एफबीआई के इतिहास की सबसे घृणास्पद घटनाओं में से एक बताया। उन्होंने 2023 में एक ज्ञापन के खिलाफ भी अपनी चिंता व्यक्त की, जिसमें 'राशीय या जातीय रूप से प्रेरित हिंसक चरमपंथियों' और कैथोलिकों के बीच कथित संबंधों की बात कही गई थी। हालांकि यह ज्ञापन अब वापस ले लिया गया है।

पुराने निर्देशक पर पटेल का दृष्टिकोण

पटेल के पिछले बयानों के बारे में जब पूछा गया, तो उन्होंने पूर्व एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे पर लक्ष्य बनाने की किसी भी दावेदारी का खंडन किया। उन्होंने कहा कि उनका इरादा उन्हें निशाना बनाने का कभी नहीं था और वे राजनीतिक प्रतिशोध की बात बिल्कुल नहीं सोचते।

अंत में, इस सुनवाई ने कश पटेल की एफबीआई निदेशक के रूप में नियुक्ति को लेकर गहरी चिंताओं को उजागर कर दिया। डेमोक्रेट्स को पटेल की निष्पक्षता पर संदेह है, जिसके चलते उन पर कई आलोचनाएं जम कर की गई हैं। उनकी भविष्य की भूमिका और उसके प्रभाव को लेकर प्रश्न अनुत्तरित बने हुए हैं।

टिप्पणि (5)

  1. Deeksha Shetty
    Deeksha Shetty
    2 फ़र॰, 2025 AT 03:45 पूर्वाह्न

    ये सब बकवास है। एफबीआई निदेशक बनने वाला आदमी ट्रम्प के साथ चैरिटी में शामिल हो रहा है और फिर कहता है कि राजनीति नहीं करूंगा? ये झूठ का बाज़ार है। इस आदमी को नहीं चाहिए।

  2. Ratna El Faza
    Ratna El Faza
    3 फ़र॰, 2025 AT 10:18 पूर्वाह्न

    मुझे लगता है कि इस तरह के बयानों को लेकर जल्दी फैसला नहीं होना चाहिए। शायद उनका इरादा साफ़ है और बस उनके पिछले एक्शन्स को गलत समझ लिया गया है। थोड़ा सा विश्वास तो देना चाहिए।

  3. Nihal Dutt
    Nihal Dutt
    4 फ़र॰, 2025 AT 15:31 अपराह्न

    ये तो बहुत मज़ाक है अरे भाई जे6 के लोगों के साथ चैरिटी में शामिल हो रहा है और बोल रहा है मैं निष्पक्ष हूँ अरे ये तो बस फेक न्यूज़ है ये सब अब तो आम बात बन गई है जो भी ट्रम्प का दोस्त है वो निष्पक्ष बन जाता है ये तो बस नाटक है

  4. Swapnil Shirali
    Swapnil Shirali
    4 फ़र॰, 2025 AT 18:36 अपराह्न

    अरे यार, ये लोग तो बस एक निष्पक्षता का नाटक बना रहे हैं... जब तक आप ट्रम्प के साथ एक चैरिटी में शामिल होते हैं, तब तक आपकी निष्पक्षता की कोई बात नहीं होती। ये बातें तो बस जनता को भ्रमित करने के लिए हैं। और फिर वो राशीय ज्ञापन की बात... अरे भाई, वो ज्ञापन वापस ले लिया गया? तो फिर इसका जिक्र क्यों कर रहे हो? ये सब बस ड्रामा है।

  5. Upendra Gavale
    Upendra Gavale
    6 फ़र॰, 2025 AT 16:11 अपराह्न

    बस इतना ही कहना है 😅 जब तक ट्रम्प के साथ चैरिटी में शामिल हो रहे हो, तब तक निष्पक्षता की बात नहीं... ये सब नाटक है 🤷‍♂️

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