Hyundai Motor India के आईपीओ की पुनरुद्धार और निवेशकों के आकर्षण
भारत की सबसे लोकप्रिय मोटर निर्माता कंपनियों में से एक, Hyundai Motor India, ने अपने शेयर सूचीबद्ध करने के साथ ही निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है। जबकि ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) ने हाल के दिनों में अहम वृद्धि दर्ज की है, इसके शेयरों को लेकर निवेशकों में उत्सुकता बढ़ी है। यदि हम निवेशकों के दृष्टिकोण से देखें, तो Hyundai Motor India की ग्रे मार्केट में प्रीमियम 75 रुपये पर दर्ज किया गया है, जोकि आईपीओ की घोषित कीमत 1,960 रुपये का 3.83 प्रतिशत है।
ग्रे मार्केट प्रीमियम का बढ़ता प्रभाव
यह प्रीमियम पिछले शुक्रवार की तुलना में उत्साहजनक है, जब यह 30 रुपये के नुकसान के साथ कारोबार कर रहा था। यह बात एक संकेत है कि निवेशकों में अब कंपनी के शेयरों को लेकर सकारात्मक धारणा लाल हो रही है। Hyundai Motor India के आईपीओ के शेयर जुड़ी हुई बारीकियों में से एक है कि इसको 2.37 गुना अधिक सब्सक्रिप्शन मिला है। इसके मुख्य कारणों में से प्रमुख है योग्य संस्थागत खरीदारों का जोरदार समर्थन, जिन्होंने 6.97 गुना अधिक बोली लगाई।
NII और खुदरा निवेशकों की प्रतिक्रिया
हालांकि कंपनी का बाजार में प्रदर्शन और QIBs का समर्थन मजबूत था, लेकिन इसमें NII और खुदरा निवेशकों से छूटिली प्रतिक्रिया मिली। इसका मुख्य कारण ये है कि निवेशकों को इस विषय में चिंताएं थीं कि कंपनी के मूल्यांकन अन्य प्रतिस्पर्धी कंपनियों के मुकाबले ज्यादा है। इसके अलावा, इसमें 100 प्रतिशत बिक्री की पेशकश की गई थी, जिससे नए निवेशकों के लिए पर्याप्त लाभ की संभावना नहीं बची। इस उद्योग के घटते बाजार की मांग और अधिक से अधिक स्टॉक ने भी निवेशकों की चिंताओं को बढ़ा दिया।
कुछ उम्मीदें और बाजार का अनुमान
अभी के ग्रे मार्केट ट्रेंड के मुताबिक, शेयरों की लिस्टिंग के समय उनकी व्यापारिक सीमा 2035 रुपये के आसपास रह सकती है। हालांकि, बाजार विशेषज्ञ प्रशांत टैपसे के अनुसार, बाजार में कंपनी का प्रदर्शन सम्मिलन के समय एक समान या नकारात्मक हो सकता है। उन्होंने कहा कि न केवल कमजोर एनआईआई और खुदरा निवेशकों की प्रतिक्रिया से, बल्कि अधिक आपूर्ति और अतिचिंता वाले बाजार के कारण भी निवेशकों के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
निवेशकों को सुझाव और संभावनाएं
संभावना यही है कि अगर कोई शेयर अलॉट हुआ है तो इसे रखकर देखा जाना चाहिए, भले ही अल्पकालिक मांग और आपूर्ति के के चलते में थोड़ी अस्थिरता देखने को मिल सकती है। गैर-अलॉटेड शेयरधारकों के लिए, टैपसे की सलाह है कि वे कीमत स्थिर होने का इंतजार करें और उस समय को देखें जब बाजार में बेहतर अवसर उपलब्ध हो। Hyundai का लंबी अवधि के लिए निवेश का आकर्षण बना रहेगा, विशेषकर भारत के विकास के साथ।
Hyundai Motor India अपनी देश की दूसरी सबसे बड़ी यात्री वाहन निर्माता कंपनी है, जो SUVs सहित 13 मॉडलों का पोर्टफोलियो रखती है और शहरी भारत की बढ़ती मांग के हिसाब से ग्राहकों को सेवाएं देती है। यह संदर्भ बताता है कि निवेशकों के लिए दीर्घकालिक हित अभी भी मजबूत हैं, और इसी कारण भविष्य के लिए दृष्टिकोण मजबूत बना हुआ है।
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