दक्षिण कोरिया की मनोवैज्ञानिक युद्ध की वापसी
19 जुलाई, 2024 को, दक्षिण कोरिया ने एक बार फिर डिमिलिट्राइज्ड ज़ोन (DMZ) के पास उत्तरी कोरिया विरोधी लाउडस्पीकर प्रसारण शुरू किए। यह कदम उत्तरी कोरिया के हालिया भड़काऊ कृत्यों के जवाब में उठाया गया, जिसमें उन्होंने कचरा-भरे गुब्बारों को सीमा पार भेजा।
लाउडस्पीकर प्रसारण का उद्देश्य उत्तरी कोरियाई प्रोपेगंडा को नष्ट करना है और यह सीधे तौर पर Pyongyang की उकसाने वाली गतिविधियों का जवाब है। यह पहली बार नहीं है जब ये प्रसारण शुरू हुए हैं; इससे पहले 2018 में इन्हें बंद कर दिया गया था, जब दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के प्रयास किए गए थे।
मनोवैज्ञानिक युद्ध का इतिहास
दक्षिण कोरिया और उत्तरी कोरिया के बीच मनोवैज्ञानिक युद्ध का एक लंबा इतिहास रहा है। लाउडस्पीकर प्रसारण एक प्रमुख हथियार रहे हैं, जिसमें दोनों देशों द्वारा अपने संदेशों को फैलाने और एक-दूसरे को मानसिक रूप से कमजोर करने की कोशिशें की गई हैं। 2018 में, दोनों देशों ने एक दूसरे के खिलाफ मनोवैज्ञानिक युद्ध को समाप्त करने के लिए सहमति बनाई थी, लेकिन लग रहा है कि अब यह संघर्ष फिर से जीवित हो गया है।
लाउडस्पीकर प्रसारण से सीमा के करीब रहने वाले निवासियों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इन प्रसारणों में दक्षिण कोरिया उत्तरी कोरिया की कड़ी आलोचना करता है, और वहाँ की जनता को अपने शासन के खिलाफ भड़काने की कोशिश करता है।
एक दक्षिण कोरियाई अधिकारी ने बताया कि यह प्रसारण उत्तरी कोरियाई नागरिकों तक सही जानकारी पहुँचाने का प्रयास है, ताकि उन्हें सच्चाई का पता चल सके।
हालिया घटनाक्रम
हाल ही में उत्तरी कोरिया के नेतृत्व में कचरा-भरे गुब्बारों को सीमा पार भेजना एक उकसाने वाली हरकत साबित हुई है। इन गुब्बारों से केवल प्रदूषण ही नहीं बढ़ता, बल्कि यह दक्षिण कोरिया की सुरक्षा पर भी एक प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। दक्षिण कोरिया ने इन गुब्बारों के जवाब में लाउडस्पीकर प्रसारण को फिर से हथियार बना लिया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ये ताजा प्रसारण तनाव को और बढ़ा सकते हैं और दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति पैदा कर सकते हैं। हालांकि, दक्षिण कोरियाई सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि ये प्रसारण केवल आत्म-रक्षा और सच्चाई को फैलाने के लिए हैं, न कि उत्तरी कोरिया को उकसाने के लिए।
लोगों की प्रतिक्रिया
सीमा के निकट बसे लोगों के लिए यह प्रसारण चिंता का विषय हैं। कई निवासियों ने बताया कि ये लाउडस्पीकर प्रसारण उनके दैनिक जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। सीमा के नजदीक रहने वाले एक नागरिक ने बताया कि हालांकि वह अपने देश के साथ हैं, लेकिन इस तरह के प्रसारण से उनके परिवार के बच्चे डर जाते हैं और उनकी दिनचर्या प्रभावित होती है।
दक्षिण कोरिया के नागरिकों के मनोबल को बनाए रखने और उन्हें उत्तरी कोरिया के खिलाफ लामबंद करने का यह एक प्रयास है। लेकिन इसके साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि इससे उत्पन्न होने वाला तनाव आम नागरिकों के जीवन को भी प्रभावित कर सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भी इस घटना पर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने और मौजूदा तनाव को कम करने के लिए संवाद करने की अपील की है। अमेरिकी प्रशासन ने दक्षिण कोरिया के इस कदम का समर्थन किया है, लेकिन साथ ही उत्तरी कोरिया से भी संयम बरतने की अपील की है।
चीन और रूस ने भी इस मामले पर चुप्पी साधी हुई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर तनाव बढ़ा तो ये देश भी अपने-अपने पक्षों का समर्थन कर सकते हैं।
स्थिति का भविष्य
यह कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में दक्षिण कोरिया और उत्तरी कोरिया के बीच तनाव में इजाफा हो सकता है। लाउडस्पीकर प्रसारण के साथ ही उत्तर कोरिया भी प्रतिशोध के रूप में कुछ आक्रामक कदम उठा सकता है।
कूटनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग आवश्यक है ताकि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनी रहे। अतः देखना होगा कि आने वाले समय में इस तनाव को समाप्त करने के लिए दोनों देश क्या कदम उठाते हैं।
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