बजट सत्र 2024: एक नजर
22 जुलाई को भारतीय संसद के बजट सत्र की शुरुआत हुई। संसद के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 पेश किया गया। इस मौके पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया, जो सरकार की वित्तीय प्रदर्शन और अर्थव्यवस्था की स्थिति का एक आधिकारिक रिपोर्ट कार्ड होता है। यह सत्र विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट सत्र है।
सर्वेक्षण के अनुसार, भारत की GDP इस वित्तीय वर्ष में 6.5-7% बढ़ने की संभावना है। यूनिय़न बजट 2024-25, जो 23 जुलाई को प्रस्तुत किया जाएगा, का देश की आर्थिक रणनीतियों और योजनाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। इसके साथ ही, जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश का बजट भी इसी दिन पेश किया जाएगा।
आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24: मुख्य बिंदु
आर्थिक सर्वेक्षण में यह बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था ने किस प्रकार प्रदर्शन किया। सर्वेक्षण में यह स्पष्ट किया गया है कि देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिल रहे हैं और आने वाले समय में इसरोधर्ति वृद्धि की संभावना है। यह सर्वेक्षण न केवल मौजूदा आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करता है, बल्कि भविष्य की नीतियों और कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डालता है। सर्वेक्षण के अनुसार, भारत की GDP इस वित्तीय वर्ष में 6.5-7% बढ़ने की संभावना है, जो पिछले कई वर्षों से विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी बताया कि सरकार ने कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्रों में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं।
इसके अलावा, सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि अन्य प्रभावी नीतियों की आवश्यकता है जो रोजगार के अवसरों में वृद्धि करने के साथ-साथ आर्थिक असमानता को भी कम कर सकें। सर्वेक्षण में यह महत्वपूर्ण बिंदु स्पष्ट किया गया है कि तकनीकी उन्नति और डिजिटल इंडिया अभियान को बढ़ावा देना चाहिए, जिससे सीखदाता को बेहतर सुविधाएँ मिल सकें और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी बढ़ावा दिया जा सके।
बजट सत्र की आगामी संभावनाएं
वित्तीय वर्ष 2024-25 का केंद्रीय बजट 23 जुलाई को पेश किया जाएगा, जिसमें न केवल आर्थिक क्षेत्र में बल्कि सामाजिक और आंतरिक सुरक्षा क्षेत्र में भी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं हो सकती हैं। इस बार का बजट विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बजट में कुछ ऐसे प्रतिबंध और प्रोत्साहन योजनाएं शामिल की जाएंगी जो निजी निवेश, स्टार्ट-अप्स और छोटे और मध्यम व्यवसायों को बढ़ावा देंगी।
आने वाले बजट में कृषि के क्षेत्र में सुधार के लिए भी संभावनाएं हैं। देश के कृषि क्षेत्र को अधिक सशक्त करने के लिए नए प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा की जा सकती है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में भी अधिक निवेश की उम्मीद की जा रही है। सरकार के द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान भारत योजना को और अधिक विस्तारित किया जा सकता है।
जम्मू और कश्मीर का बजट भी होगा प्रस्तुत
जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश का बजट भी 23 जुलाई को प्रस्तुत किया जाएगा। 2019 में विशेष राज्य के दर्जे को खत्म करने के बाद, इस बजट का महत्व और भी बढ़ गया है। यह देखा जाएगा कि केंद्र सरकार किस प्रकार से जम्मू और कश्मीर के विकास और सुरक्षा के लिए नई योजनाएं और नीतियां लागू करेगी।
अर्थात, 22 जुलाई से शुरू हुआ बजट सत्र देश की आर्थिक स्थिति और भविष्य की नीतियों को स्पष्ट करेगा। आर्थिक सर्वेक्षण ने आगामी चुनौतियों और उन्हें पूरा करने के लिए जरूरी नीतियों का संकेत दिया है।
एक टिप्पणी लिखें