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यौन उत्पीड़न वह व्यवहार है जिसमें किसी को उसकी इच्छा के खिलाफ शारीरिक, मौखिक या डिजिटल तरीके से असहज या डराने वाला अनुभव कराया जाता है। यह स्कूल, कार्यस्थल, घर या सार्वजनिक जगह में हो सकता है। अगर आप या आपका कोई जानकार इस तरह का अनुभव कर रहा है, तो समझना जरूरी है कि यह अपराध है, न कि आपका दोष।
आम तौर पर दो प्रकार के उत्पीड़न देखे जाते हैं – शारीरिक और मौखिक। शारीरिक में अनचाहा छूना, झूठा क़रीबी होना या बल प्रयोग शामिल है। मौखिक में अश्लील टिप्पणी, अनचाहे संदेश या फोटो भेजना आता है। अक्सर लोग शुरू में छोटे‑छोटे संकेतों को नजरअंदाज़ कर देते हैं, इसलिए खुद को सावधान रखें। अगर कोई लगातार आपका स्पेस तोड़ता है, आपका आत्म‑विश्वास घटाता है या आपको डराता है, तो वह उत्पीड़न हो सकता है।
पहला कदम है – अपने आसपास के भरोसेमंद लोगों को बताना। परिवार, दोस्त या कोई सहकर्मी आपका समर्थन कर सकते हैं। दूसरा, अगर कोई फिजिकल स्पेस में असहज महसूस करता है तो तुरंत बाहर निकलें और मदद मांगें। मोबाइल में स्थानीय हॉटलाइन, पुलिस या महिला हेल्पलाइन नंबर सेव रखें।
कानूनी तौर पर भारत में यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए कई कानून हैं – जैसे कि कार्यस्थल में यौन उत्पीड़न (Prevention, Prohibition and Redressal) एक्ट, 2013, और भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम में भी इसे दंडनीय अपराध माना गया है। शिकायत दर्ज करने के लिए आप नजदीकी पुलिस स्टेशन जा सकते हैं या ऑनलाइन फ़िरोज़ी पोर्टल का उपयोग कर सकते हैं।
साक्ष्य इकट्ठा करना भी बहुत मददगार है। चैट, ई‑मेल, स्क्रीनशॉट, या गवाहों की गवाही को सुरक्षित रखें। ये सब बाद में शिकायत प्रक्रिया में काम आते हैं।
अगर आप छात्र हैं तो स्कूल या कॉलेज के एंटी‑सेक्सुअल हारासमेंट कमिटी (ASH) से संपर्क करें। वे आपके मामले की जाँच करेंगे और उचित कदम उठाएंगे। कार्यस्थल में भी HR या सुरक्षा विभाग से बात कर सकते हैं।
समुदाय स्तर पर जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण वर्कशॉप, सेमिनार और कैंपेन मददगार होते हैं। कई NGOs मुफ्त कानूनी सलाह, काउंसलिंग और शेल्टर सुविधा देती हैं। आप इन्हें ऑनलाइन खोज सकते हैं या स्थानीय सामाजिक सेवा केंद्र से पूछ सकते हैं।
याद रखें, यौन उत्पीड़न का कोई सही कारण नहीं है और इससे लड़ने के लिए आपको अकेला नहीं होना चाहिए। आत्म‑विश्वास बनाए रखें, सही जानकारी रखें और जरूरत पड़ने पर तुरंत मदद लें। आपका सुरक्षा आपका अधिकार है, और इस अधिकार को पहचानना ही पहला कदम है।
मलयालम अभिनेत्री मिनु मुनीर ने मलयालम फिल्म उद्योग के कई प्रमुख हस्तियों पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने मुखेश, जयसूर्या, मणियानपिल्ला राजू और इडवेला बाबू को दोषी ठहराया है। मुनीर की कहानी ने पूरे उद्योग को हिला दिया है और राज्य सरकार ने एक विशेष जांच दल का गठन करने का निर्णय लिया है।
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