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जब आप सिख समुदाय के बारे में बात करते हैं, तो सबसे पहले दिल में गुरुओं की बात आती है। भाई योद्धा, शांतिपूर्ण विचारक और सामाजिक सुधारक – इन सबका मिश्रण ही आज का सिख है। अगर आप एक साधारण व्यक्ति की तरह इस समुदाय को समझना चाहते हैं, तो चलिए सीधे मुद्दे पर आते हैं।
सिख धर्म की शुरूआत 15वीं सदी के उत्तरार्ध में पंजाब में हुई। गुरु नानक देव जी ने पहली बार इस बात को बताया कि एक ही परमेश्वर है और सभी मनुष्य बराबर हैं। फिर आगे के नौ गुरुओं ने इस विचार को धीरे‑धीरे मजबूत किया। उनकी शिक्षाओं ने जाति‑भेद, भौतिकता और अंधविश्वास को तोड़कर एक नई सामाजिक व्यवस्था बनायी।
पुराने समय में सिखों को अक्सर प्रतिरोधी कहा जाता था, लेकिन असल में वे अपने अधिकारों के लिए लड़ते थे। 18वीं सदी में महाराजा रंजन सिंह ने सिखों को मार्टिरियल शासक बना दिया, और उनका ‘खालसा पंथ’ एक पहचान बन गया। उस समय से लेकर आज तक सिख समुदाय ने कई बार भारतीय इतिहास में अहम भूमिका निभाई है – चाहे वो स्वतंत्रता संग्राम हो या आधुनिक राजनीति।
आज के सिख मुख्य रूप से दो वर्गों में बँटे हैं: प्रदेसी (विदेश में रहने वाले) और स्थानीय (भारत में). दोनों ही अपने-अपने परिवेश में संस्कृति को जीवित रखे हुए हैं। आप देखेंगे कि सिखों के बड़े बाल (केश) और पाँच कब्ह (केस) सिर्फ भौतिक चिह्न नहीं, बल्कि गहरी चेतना के प्रतीक हैं। उनके पहनावों में दस्ता, कच्छा और पगड़ी भी सम्मान और साहस का संदेश देती हैं।
एक बात जो अक्सर नजरअंदाज हो जाती है, वह है सिखों की सामुदायिक भावना। गुरुद्वारे में लंगर (समान भोजन) पूरे गांव/शहर को एक साथ बिठाता है। इसका मतलब है कि चाहे आप अमीर हों या गरीब, एक ही थाली में मिलते हैं। इस तरह की परिपाटी ने सिखों को सामाजिक न्याय के प्रति संवेदनशील बना दिया है।
इसी कारण से आज कई सिख पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, खिलाड़ी और कलाकार बनके भारत और विश्व में अपना योगदान दे रहे हैं। चाहे वह क्रिकेट में कपिल देव हों या फिल्म में शाहरुख़ ख़ान के सहयोगी, सिखों की उपस्थिति हर क्षेत्र में दिखती है।
भविष्य की बात करें तो सिख समुदाय को नई चुनौतियों का सामना करना है – जैसे युवा वर्ग में साक्षरता, आर्थिक सशक्तिकरण और डिजिटल युग में परंपराओं को बनाए रखना। सरकार और विभिन्न NGOs पहले से ही कई योजनाएँ चला रहे हैं, जैसे कि गुरु कल्याण योजना, जो सिखों को शिक्षा व स्वास्थ्य में मदद करती है।
तो संक्षेप में, सिख समुदाय सिर्फ एक धार्मिक पहचान नहीं, बल्कि एक जीवंत सामाजिक आंदोलन है। यदि आप इस समुदाय के बारे में और ज़्यादा जानना चाहते हैं, तो स्थानीय गुरुद्वारे की यात्रा कर सकते हैं या ऑनलाइन उपलब्ध कई विश्वसनीय स्रोतों को पढ़ सकते हैं। याद रखें, सिख केवल सिर पर पगड़ी नहीं, बल्कि दिल में दया और साहस का प्रतीक हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ वकील विनीत जिंदल ने अमेरिका के दौरे के दौरान दिए गए बयान को लेकर शिकायत दर्ज कराई है। यह शिकायत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, एनआईए के महासचिव सदानंद दाते और दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को संबोधित की गई है। जिंदल का आरोप है कि गांधी के बयानों का उद्देश्य समुदायों में विभाजन और नफरत फैलाना है।
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