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अगर आप वायुमार्गों की निगरानी और रडार तकनीक में दिलचस्पी रखते हैं तो Saab 2000 AWACS एक ऐसा नाम है जिसके बारे में सुनना जरूरी है। यह एक एअरबोर्न अर्ली वारनिंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AEW&C) प्लेटफ़ॉर्म है, जो अपने तेज़ गति वाले विमान में बड़े रडार डिटेक्टर को लेकर चलाता है। सरल भाषा में कहें तो, यह उड़ते‑उड़ते पूरे आकाश को देखता‑सुनता है और हवा में मौजूद सभी विमानों की जानकारी तुरंत जमीन पर भेज देता है।
Saab 2000 मूलतः स्वीडिश कंपनी Saab द्वारा निकले एक टर्बो‑प्रॉप गैस टर्बाइन विमान का वेरिएंट है। इसे AWACS में बदलने के लिए फ़्यूज़लेन में 360‑डिग्री रडार डोम लगा दिया गया, जिससे रडार चारों ओर से इंफ़ॉर्मेशन कैप्चर कर सके। मुख्य आंकड़े कुछ इस तरह हैं: अधिकतम गति लगभग 665 किमी/घंटा, क्रू में दो पायलट और दो ऑपरेटर होते हैं, और रडार की रेंज 300 किमी तक की पहचान कर सकती है। यह सिस्टम एक साथ कई लक्ष्य ट्रैक कर सकता है, जिससे सामरिक निर्णय लेने में बहुत मदद मिलती है।
इलेक्ट्रॉनिक जामिंग और एंटी‑जैमिंग तकनीक भी इस विमान में शामिल है, इसलिए जटिल लड़ाकू परिदृश्य में भी यह सिग्नल को साफ़ रखता है। इसके अलावा, ऑन‑बोर्ड कम्युनिकेशन सिस्टम विभिन्न प्रकार के फ्रीक्वेंसी बैंड्स पर काम करता है, जिससे भारतीय वायुसेना या किसी भी सहयोगी देश के डिक्शनरी ग्राउंड कंट्रोल के साथ रियल‑टाइम डेटा शेयर किया जा सके।
भारत ने अपने एयरस्पेस मॉनिटरिंग को अपग्रेड करने के लिए कई विकल्प देखे हैं, और Saab 2000 AWACS उनमें से एक माना जा रहा है। इसकी कॉम्पैक्ट साइज और कम रख‑रखाव लागत इसे भारतीय परिस्थितियों में फायदेमंद बनाती है। अगर भारतीय वायुसेना इस विमान को अपना लेती है, तो मौजूदा दूरबीन रडार नेटवर्क को पूरक कर, उत्तर-पूर्व और हिन्दुस्तान में सगाई वाले क्षेत्रों की सतही निगरानी बेहतर हो सकती है।
वर्तमान में, भारतीय रक्षा मंत्रालय ने कई देशों से तकनीकी डेमो का अनुरोध किया है, और Saab की टीम भी देश में अपनी तकनीक प्रदर्शित करने के लिए तैयार है। अगर डील फाइनल हो जाती है, तो अगले पाँच साल में कुछ ही Saab 2000 AWACS भारतीय वायुसेना की सेवा में शामिल हो सकते हैं, जिससे रॉकेट, ड्रोन और हवाई रक्षा का एक नया स्तर जुड़ जाएगा।
समाप्ति में, Saab 2000 AWACS सिर्फ एक विमान नहीं, बल्कि एक मोबाइल एअरबोर्न कमांड सेंटर है। इसका तेज़ रडार, बहु‑टार्गेट ट्रैकिंग और इंटीग्रेटेड कम्युनिकेशन इसे आज के जटिल सुरक्षा माहौल में अनिवार्य बनाते हैं। अगर आप एयरोस्पेस या रक्षा तकनीक में रुचि रखते हैं, तो इस विमान की प्रगति पर नज़र रखें – क्योंकि भविष्य के हवाई युद्ध के नियम इसी से लिखे जाएंगे।
भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के Bholari एयरबेस पर ब्रह्मोस मिसाइल से हमला कर Saab 2000 AWACS समेत कई फाइटर जेट्स को तबाह कर दिया। इस हमले ने पाकिस्तान की एयर डिफेंस क्षमता को करारा झटका दिया है और क्षेत्रीय संतुलन में बड़ा बदलाव आया है।
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