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अगर आपका कर्ज बढ़ रहा है और भुगतान मुश्किल हो रहा है, तो आप अकेले नहीं हैं। कई लोग आज के आर्थिक माहौल में ऋण के बोझ से परेशान हैं। लेकिन घबराएँ नहीं, कुछ सरल उपाय हैं जो आपके वित्तीय तनाव को कम कर सकते हैं। इस लेख में हम बात करेंगे कि कैसे आप अपने कर्ज को नियंत्रित कर सकते हैं और मौजूदा सरकारी योजनाओं का फायदा उठा सकते हैं।
पहला कदम है अपने सभी ऋणों की सूची बनाना – ब्याज दर, बाकी राशि और भुगतान का स्केड्यूल। सबसे पहले उन कर्जों को देखें जिनकी ब्याज दर सबसे ज्यादा है, जैसे क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन। इन पर अतिरिक्त भुगतान करके आप ब्याज की लागत घटा सकते हैं। छोटी-छोटी एंसेस्टर या बैंकों के लोन को भी मिलाकर एक ही लोन में बदलने पर भी विचार कर सकते हैं; इससे ब्याज दर कम हो सकती है और एक भुगतान आसान हो जाता है।
भारत सरकार ने कई बार ऋण राहत के लिए स्कीमें लॉन्च की हैं – जैसे आयुर्वेद, PMAY के तहत लोन रिफाइनेंस, और स्टार्टअप फंड्स के लिए आसान शर्तें। यदि आप निजी बैंक या वित्तीय संस्थान से लोन ले रहे हैं, तो सबसे पहले अपने बैंकर से रिफाइनेंस की शर्तें पूछें। कई बार 6‑9% की कम दर मिल सकती है, जो आपके मासिक EMI को घटा देती है। साथ ही, यदि आप स्वरोजगार या छोटे व्यापार में हैं, तो सरकारी वित्तीय सहायता के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करें; ये अक्सर ब्याज में सब्सिडी या देर से भुगतान की सुविधाएँ देती हैं।
ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखें। अगर रिवॉल्विंग लोन या ओवरड्राफ्ट का ब्याज तेज़ी से बढ़ रहा है, तो तुरंत बैंक से बात करके रिवर्स पैर्यालिसिस (देर से भुगतान) की व्यवस्था करें। कई बैंक प्री-पीमेंट पेनाल्टी को भी माफ़ कर देते हैं यदि आप पहले से सूचित रहें। याद रखें, देर से भुगतान से सख्त दंड और क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है, जिससे भविष्य में कर्ज लेना मुश्किल हो जाता है।
साइड इनकम बनाना भी एक बड़ा मददगार कदम है। फ्रीलांस लेखन, ड्राइविंग, ऑनलाइन ट्यूशन या डिलीवरी जॉब्स से अतिरिक्त आय उत्पन्न कर सकते हैं। यह जोड़िए आपके EMI को बिना किसी तनाव के पूरा कर देगा। साथ ही, अपने खर्चों को काट-छाँटें – अनावश्यक सब्सक्रिप्शन, बाहर खाने की आदतें आदि को कम करके आप बजट में खाली जगह बना सकते हैं, जिसे आप कर्ज चुकाने में प्रयोग कर सकते हैं।
अंत में, नियमित रूप से अपने वित्तीय लक्ष्य को रिव्यू करें। हर महीने के अंत में देखिए कितना कर्ज घटा, कितना बचा, और अगले महीने के लिए क्या प्लान है। अगर आप खुद को मोटीवेटेड रख पाते हैं, तो ऋण संकट भी धीरे-धीरे हल हो जाएगा। याद रखें, छोटे-छोटे कदम बड़े परिवर्तन की नींव बनते हैं।
हिमाचल प्रदेश ने 26 साल बाद लॉटरी पर प्रतिबंध हटाया, ताकि सालाना 50‑100 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया जा सके। राज्य का ऋण अब ₹1 लाख करोड़ से ऊपर पहुंच गया है, और केंद्र से आने वाले ख़र्चों में कटौती ने इसे और कठिन बना दिया। कांग्रेस सरकार इस कदम को वित्तीय राहत का उपाय मान रही है, जबकि विपक्ष ने इसकी आलोचना की है।
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