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जब हम "राज्य अर्थव्यवस्था" कहते हैं, तो असल में हम उस राज्य के सभी आर्थिक गतिविधियों, राजस्व‑खर्च, उद्योग और रोजगार के बारे में बात कर रहे होते हैं। हर राज्य की अपनी आय, खर्च और विकास की दिशा होती है, और यही मिलकर देश की कुल अर्थव्यवस्था को आकार देती है। अगर आप समझना चाहते हैं कि आपका राज्य किस दिशा में आगे बढ़ रहा है, तो इन बिंदुओं को देखना ज़रूरी है।
राज्य की आर्थिक स्थिति जानने के लिए कुछ प्रमुख संकेतकों को देखना उपयोगी होता है:
इन आँकड़ों को हर साल राज्य के बजट दस्तावेज़ में छपा होता है, और अक्सर सरकारी पोर्टल या समाचार साइटों पर भी मिल जाता है।
राज्य बजट वह दस्तावेज़ है जिसमें राजस्व (टैक्स, शुल्क, फ़ीस) और खर्च (इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य) का विवरण होता है। बजट दो मुख्य भागों में बाँटा जाता है – वर्तमान खर्च और भविष्य के निवेश। वर्तमान खर्च रोज़मर्रा की सेवाओं को चलाता है, जबकि निवेश भाग नई सड़क, हस्पताल, स्कूल आदि को बनाता है।
जब बजट में कृषि, औद्योगिक क्लस्टर या स्टार्ट‑अप फंडिंग जैसा प्रावधान आता है, तो वह सीधे रोजगार और उद्योग को बढ़ावा देता है। इसलिए, बजट की विशिष्ट धाराओं को समझना आपके लिए फायदेमंद है, खासकर अगर आप नौकरी या व्यापार की योजना बना रहे हैं।
राज्य की प्रमुख उद्योगों में अक्सर कृषि, खनन, फ़ार्मास्यूटिकल्स, सूचना‑प्रौद्योगिकी और पर्यटन शामिल होते हैं। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र में औद्योगिक इकाई, केरल में पर्यटन, और ओडिशा में खनन बहुत बड़ा योगदान देते हैं। इन क्षेत्रों में नई नीतियां या सब्सिडी आने पर रोजगार के अवसर तुरंत बढ़ते हैं।
राज्य अर्थव्यवस्था के कुछ चुनौतियों में जल की कमी, बुनियादी ढाँचे की कमियों और कौशल प्रशिक्षण की कमी शामिल है। इन समस्याओं को हल करने के लिए कई राज्य सरकारें क skill‑development कार्यक्रम, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और सार्वजनिक‑निजी साझेदारी (PPP) मॉडल अपनाती हैं।
अगर आप अपने राज्य की आर्थिक खबरों से अपडेट रहना चाहते हैं, तो ये टिप्स मददगार होंगी:
इन जानकारी को रोज़मर्रा की बात बनाकर देखें, तो आप न सिर्फ अपने करियर या व्यवसाय में बेहतर निर्णय ले पाएँगे, बल्कि अपने राज्य के विकास में भी सक्रिय योगदान दे सकते हैं। अब जब आप राज्य अर्थव्यवस्था के मुख्य पहलुओं को समझ चुके हैं, तो अगली बार बजट या विकास योजना की खबरें सुनते समय इन बिंदुओं को ज़रूर ध्यान में रखें।
2025 में भारत की 71.6% जीडीपी सिर्फ 10 राज्यों से आती है। महाराष्ट्र शीर्ष पर है, उसके बाद तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात। यूपी, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मध्य प्रदेश टॉप-10 में हैं। कुल उत्पादन में बढ़त बड़े राज्यों की है, लेकिन प्रति व्यक्ति आय में सिक्किम, गोवा और दिल्ली आगे हैं। यह तस्वीर बताती है कि विविधीकृत अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर और नीति का कितना असर है।
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