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आप ने कभी टीवी, सोशल मीडिया या किसी सार्वजनिक सभा में ऐसी बातें सुनी होंगी जो किसी समुदाय, धर्म या जाति के खिलाफ नकारात्मक भावनाएँ जगाती हों। यही है नफरत फैलाने वाला भाषण, जिसे अक्सर हेट स्पीच कहा जाता है। जब ऐसी बातें बड़े पैमाने पर सामने आती हैं, तो सामाजिक तनाव बढ़ता है, आपसी संवाद टूटता है और कभी‑कभी हिंसा तक हो सकती है। इसलिए इसे समझना और रोकना बहुत ज़रूरी है।
हेट स्पीच सिर्फ गाली‑गलौज नहीं, बल्कि कई रूप ले सकता है:
उदाहरण के लिये हाल में कुछ रिपोर्टरों ने अफगानिस्तान को "सेकंड बेस्ट टीम" कहा और इस टिप्पणी ने कई लोगों के बीच भ्रम पैदा किया। ऐसी हल्की‑फुलकी टिप्पणी भी अगर सटीक नहीं है तो अलग‑अलग समूहों में बेमेल भावनाएँ बढ़ा सकती है।
अगर आप रोज़ाना सोशल मीडिया या समाचार देखते हैं, तो ये टिप्स मददगार हैं:
अंत में, याद रखिए कि हर किसी को अपनी बात रखनी है, पर वह बात किसी को चोट नहीं पहुँचाए। जब हम सब मिलकर हेट स्पीच को पहचानेंगे और रोकेंगे, तो हमारे समाज में शांति और समझदारी बनी रहेगी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ वकील विनीत जिंदल ने अमेरिका के दौरे के दौरान दिए गए बयान को लेकर शिकायत दर्ज कराई है। यह शिकायत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, एनआईए के महासचिव सदानंद दाते और दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को संबोधित की गई है। जिंदल का आरोप है कि गांधी के बयानों का उद्देश्य समुदायों में विभाजन और नफरत फैलाना है।
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