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पिछले कुछ महीनों में लड़कियों ने कई मोर्चों पर धूम मचा दी है। चाहे वह क्रिकेट मैदान हो या परीक्षा हॉल, अब हर जगह उनकी मेहनत और टैलेंट दिख रहा है। इस पेज पर हम आपके साथ उन सफलताओं को शेयर करेंगे, जिससे आप भी प्रेरित हों और समझें क्यों लड़कियां आगे बढ़ रही हैं।
स्मृति मंधाना का नाम सुनते ही हर भारतीय क्रिकेट फैन का दिल धड़कता है। WPL 2025 में उनका शानदार फॉर्म टीम इंडिया को नई ऊँचाइयों पर ले गया और अब वे महिला वर्ल्ड कप की तैयारी में हैं। उनका आत्मविश्वास और लगातार फिटनेस पर काम करना कई युवा खिलाड़ियों के लिए रोल मॉडल बन गया है।
क्रिकेट के अलावा भी कई खेलों में लड़कियों ने अपनी छाप छोड़ी है। 2025 के टि.एस. इंटर 2nd Year Result में लड़कियों का पास प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहा, जिससे यह साफ हो गया कि पढ़ाई में भी वे पीछे नहीं हैं। यह आँकड़ा विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मददगार साबित हो रहा है।
तेलंगाना इंटरमीडिएट के परिणाम में लड़कियों का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा। कई स्कूलों ने कहा कि नई स्कॉलरशिप और मैथ्स क्लब ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ावा दिया। अब अभिभावक भी इस बात को समझ रहे हैं कि बेटियों की पढ़ाई में निवेश भविष्य की मजबूत नींव बनता है।
रात‑रात नहीं, पर निरंतर मेहनत से ही ये परिणाम सामने आए हैं। कई छात्राओं ने बताया कि ऑनलाइन टुटोरियल और समूह अध्ययन ने उन्हें कठिन विषयों को आसानी से समझने में मदद की। यह बदलाव दिखाता है कि डिजिटल शिक्षण उपकरणों का सही उपयोग करके लड़कियां शैक्षणिक रूप से भी आगे बढ़ रही हैं।
खेल और पढ़ाई दोनों में लड़कियों की प्रगति का एक कारण उनका मजबूत समर्थन नेटवर्क है। कोच, शिक्षक और परिवार की प्रोत्साहनभरी बातें उन्हें सीमाओं से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। जब घर में भी भावनात्मक समर्थन मिलता है, तो लक्ष्य के प्रति लगन और तेज़ हो जाती है।
बड़ी कंपनियों और सरकारी योजनाओं ने भी महिला प्रतिभा को पहचानने के लिए विभिन्न पहलें शुरू की हैं। स्कॉलरशिप, मैराथन, और खेल उत्सव जैसे इवेंट्स में अब महिलाओं को विशेष इनाम मिल रहा है। इससे न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि दूसरों को भी इन राहों पर चलने की प्रेरणा मिलती है।
अगर आप एक छात्रा हैं या किसी लड़की को सपोर्ट कर रहे हैं, तो ये बात याद रखें: निरंतर अभ्यास, सही मार्गदर्शन और सकारात्मक सोच सफलता की कुंजी है। चाहे मैदान में बैटिंग हो या कक्षा में गणित का सवाल, आपका लक्ष्य होना चाहिए लगातार बेहतर बनना।
आइए, हम सभी मिलकर इस प्रवाह को और तेज़ करें। अपने आसपास की लड़कियों को प्रोत्साहित करें, उन्हें सही संसाधन दें और उनके छोटे‑छोटे जीतों को सेलिब्रेट करें। क्योंकि जब एक लड़की जीतती है, तो पूरे समाज को उनका फायदा मिलता है।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) ने 10वीं कक्षा की परीक्षा के परिणाम 2024 की घोषणा की है। बोर्ड के प्रशासक महेश चंद शर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में परिणामों की घोषणा की। इस साल, बूँदी जिले की निधि जैन ने 598 में से 600 अंक हासिल कर टॉप किया। कुल पास प्रतिशत 93% रहा, जिसमें लड़कियों ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया।
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