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हर साल सरकार बजट पेश करती है, जिसमें देश के धन के बड़े‑बड़े हिस्से कैसे खर्च होंगे, बताया जाता है। अगर आप जानना चाहते हैं कि आपका टैक्स कहां जा रहा है या कौन‑सी नई योजना आपके इलाके में लागू होगी, तो इस लेख को जरूर पढ़ें। हम यहाँ 2025 के केंद्रीय बजट की मुख्य बातें, सरकारी निधियों के प्रमुख उपयोग और रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर इनके असर को आसान शब्दों में समझाएंगे।
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमन ने 1 फ़रवरी को बजट पेश किया। इस बजट में चार बड़े सेक्टरों – कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर – को सबसे ज्यादा फंड मिला। कृषि में 1.8 लाख करोड़ रुपए, स्वास्थ्य में 1.2 लाख करोड़, शिक्षा में 90,000 करोड़ और सड़क‑पूल, रेलवे, पोर्ट आदि में 2.5 लाख करोड़ आवंटित किए गए। इसका मतलब है कि फसल कटाई के समय नई सिंचाई सुविधाएँ, अस्पतालों का विस्तार और स्कूलों में बेहतर सुविधाएँ मिलेंगी।
कर में भी बदलाव हुए। आयकर स्लैब को थोड़ा आसान बनाया गया, जिससे मध्यम वर्ग के लोग थोड़ा आराम से कर भर सकेंगे। साथ ही, छोटे व्यवसायों के लिए नई टैक्स छूट दी गई, जिससे स्टार्ट‑अप और दुकानों को मदद मिलेगी।
आप सोच रहे होंगे कि इन बड़े आंकड़ों का आपके घर तक क्या असर पड़ेगा। सबसे पहला असर आपके पड़ोस की सड़कें होंगी – नई अस्फाल्टेड रोड या पुरानी पुलों की मरम्मत से यात्रा आसान होगी। दूसरा, स्वास्थ्य क्षेत्र में अधिक डॉक्टर, नई अस्पतालें और बेहतर दवाई की उपलब्धता का मतलब है कि आप या आपके बच्चों को इलाज में देरी नहीं होगी।
शिक्षा में निवेश बढ़ाने से स्कूलों में कंप्यूटर लैब, डिजिटल क्लासरूम और लाइब्रेरी का विस्तार होगा। अगर आप अपने बच्चों को पढ़ाने की सोच रहे हैं, तो इस योजना से बोनस स्कॉलरशिप या सपोर्ट क्लासेज़ मिल सकती हैं। कृषि में नई फंडिंग से किसानों को ऑटोमेटेड ट्रैक्टर, इंटेलिजेंट फ़सल प्रबंधन ऐप्स और सस्ती बीज उपलब्ध होंगी, जिससे फसलें बेहतर होंगी और आपका भोजन सस्ता भी।
एक और महत्वपूर्ण बात – केंद्र ने कई राज्य‑संकलित योजनाओं को भी फंड दिया है, जैसे स्वच्छता अभियान, जल संरक्षण और डिजिटल इंडिया। इसका मतलब है कि आपका गाँव या शहर इंटरनेट कनेक्टिविटी, स्वच्छ जल और उचित कचरा निपटान जैसी सुविधाएँ जल्दी पाएगा।
केंद्रीय निधि के ये बदलाव सिर्फ बड़े आंकड़े नहीं, बल्कि आपकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में छोटे‑छोटे सुधार लाते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपके क्षेत्र में कौन‑सी योजना लागू हो रही है, तो अपने स्थानीय प्रतिनिधियों या जिला अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। अक्सर वे योजना के आवेदन फॉर्म, समयसीमा और पात्रता की जानकारी भी ऑनलाइन दे देते हैं।
अंत में, याद रखें कि बजट के आंकड़े पढ़ना ही नहीं, बल्कि उन पर सवाल उठाना भी ज़रूरी है। जब तक आप जानेंगे कि पैसा कहां जा रहा है, तब तक आप अपने अधिकारों को सही तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं। तो अगली बार जब आप बजट देख रहे हों, तो इन मुख्य बिंदुओं को याद रखें और अपनी आवाज़ को भी बुलंद करें।
हिमाचल प्रदेश ने 26 साल बाद लॉटरी पर प्रतिबंध हटाया, ताकि सालाना 50‑100 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया जा सके। राज्य का ऋण अब ₹1 लाख करोड़ से ऊपर पहुंच गया है, और केंद्र से आने वाले ख़र्चों में कटौती ने इसे और कठिन बना दिया। कांग्रेस सरकार इस कदम को वित्तीय राहत का उपाय मान रही है, जबकि विपक्ष ने इसकी आलोचना की है।
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