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अगर आप कर्नाटक में रहते हैं और रोज़ा दूध पीते हैं, तो आपने शायद इस नाम को सुना होगा – कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF). यह संस्था राज्य के डेयरी उद्योग को व्यवस्थित करने, किसान को उचित मूल्य दिलाने और कंज्यूमर को साफ़-सफ़ाई वाला दूध पहुंचाने का काम करती है। सरल शब्दों में, KMF वह कड़ी है जो खेतों से लेकर आपके ग्लास तक दूध को सुरक्षित बनाती है।
KMF कई तरह के काम करता है। सबसे पहले, यह बिहार, कर्नाटक के छोटे‑बड़े डेयरी फार्मों से दूध एकत्रित करता है और उसे प्रोसेस करके पैकेज्ड दूध, योगर्ट, पनीर आदि बनाता है। फिर वह इन उत्पादों को शहर‑गांव दोनों में वितरित करता है। दूसरा, KMF किसान भरोसेमंद मूल्य देना सुनिश्चित करता है, जिससे दूध उत्पादन बढ़ता है और किसान की आय स्थिर रहती है। तीसरा, यह संस्था गुणवत्तापूर्ण मानक लागू करती है – जैसे कोल्ड चेन, शुद्धता टेस्ट और एंटी‑बैक्टीरियल प्रक्रियाएँ।
कर्नाटक मिल्क फेडरेशन की हालिया पहल में दूध की कीमतों में मौसमी बदलाव को देखते हुए नई मूल्य नीति लाई गई है। सरकार के साथ मिलकर KMF ने मध्यम वर्ग के लोगों के लिए किफायती दरें तय की हैं, जबकि किसान को भी बेहतर भाव मिलने का प्रबंध किया है। साथ ही, इस साल दिसंबर में KMF ने ‘डेयरी सिटी’ परियोजना लॉन्च की, जिसमें आधुनिक मिलकिंग टिंकर, बायोगैस प्लांट और प्रशिक्षण केंद्र बनाए जाएंगे। इससे न सिर्फ़ उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि पर्यावरण को भी मदद मिलेगी।
अगर आप किसान हैं और अपना दूध KMF को बेचना चाहते हैं, तो नई ऑनलाइन पंजीकरण सुविधा आपके काम आ सकती है। इस सिस्टम में आप अपने फार्म की जानकारी, दूध की मात्रा और गुणवत्ता को सीधे ऐप पर अपडेट कर सकते हैं, जिससे भुगतान प्रक्रिया तेज़ और पारदर्शी होती है।
सामान्य उपभोक्ता के लिए भी कुछ खास है – KMF ने अब ‘रैशन कार्ड’ अस्थायी रूप से जारी किया है, जिससे आप हेल्थी दूध पैकेज को कम कीमत पर खरीद सकते हैं। इस कार्ड को नजदीकी KMF स्टोर या ऑनलाइन रजिस्टर करके प्राप्त किया जा सकता है। इससे भी अधिक लोग साफ़ और पोषक दूध का आनंद ले पाएंगे।
भविष्य की योजना में KMF ने 2030 तक पूरे कर्नाटक में 200 नई मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट्स खोलने का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य किसानों को नई तकनीकों से लैस करेगा और प्रदेश की डेयरी निर्यात क्षमता को भी बढ़ाएगा। सरकार और निजी सेक्टर की भागीदारी से यह योजना जल्दी ही सच हो सकती है।
सारांश में, कर्नाटक मिल्क फेडरेशन सिर्फ़ एक सरकारी निकाय नहीं, बल्कि कर्नाटक के दूध सप्लाई चेन का दिल है। इसकी नीतियाँ, योजनाएँ और तकनीकी सुधार सीधे किसान, उपभोक्ता और राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा को प्रभावित करते हैं। अगर आप इस क्षेत्र में रुचि रखते हैं, तो KMF की नवीनतम अपडेट्स को नियमित रूप से देखते रहें – चाहे वह नई मूल्य नीति हो, नई मिल्किंग तकनीक या किसान सहायता कार्यक्रम।
कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) ने घोषणा की है कि 26 जून से नंदिनी दूध के सभी प्रकारों की कीमत में 2 रुपये की वृद्धि होगी। हालांकि, इस वृद्धि के साथ प्रत्येक पाउच में 50 मिली दूध अतिरिक्त मिलेगा। यह कदम राज्य में दूध उत्पादन में 15% वृद्धि को समायोजित करने के लिए उठाया गया है।
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