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जुनैद खान का नाम सुनते ही दिमाग में तेज़ स्विंग, सटीक स्ट्रोक और गेंद के पीछे का आत्मविश्वास आया करता है। पाकिस्तान के युवा ओपनिंगों में उनका योगदान अभी भी बढ़ रहा है और फैंस उनके हर कदम पर नज़र रख रहे हैं। अगर आप भी उनके करियर को समझना चाहते हैं, तो पढ़िए यह आसान गाइड।
जुनैद ने 2010 में अपने घरेलू क्रिकेट की शुरुआत की, जब वे लाहौर के एक छोटे क्लब में खेलते थे। शुरुआती सीजन में उनका औसत 35 से ऊपर रहा, जिससे उन्हें जल्दी ही पाकिस्तान के अंडर‑19 टीम में बुलाया गया। अंडर‑19 में उन्होंने 2013 में अपना पहला सेंचुरी लगाया, जो उनके भविष्य के लिए एक सिग्नल था।
2016 में उन्होंने प्रथम बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू किया। पहला मैच भारत के खिलाफ था और उन्होंने 20‑20 ओवर का सॉलिड प्रदर्शन किया, 45 रन बनाकर टीम को स्थिरता दी। बाद के टूर में उनके 73‑रन की शौर्य गाथा ने उन्हें भारत की तेज़ पिचों पर भी योग्य साबित कर दिया।
उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि 2019 में इंग्लैंड के खिलाफ हुई, जब उन्होंने 107‑रन की तेज़-सेंचुरी बनायी। इस पारी में उन्होंने 12 चौके और 4 छक्के लगाए, जिससे भारत के लिए तेज़ स्कोरिंग संभव हो सका। इस पारी से उनका औसत 42.5 तक बढ़ गया, और रैंकिंग में उन्हें 15वें स्थान तक पहुंचा दिया।
अब तक के उनके अंतरराष्ट्रीय आँकड़े देखिए: 30 टेस्ट मैच, 1300 से अधिक रन, 4 सेंचुरी, और एक औसत 38.7। वनडे में 45 मैच, 2100 रन, औसत 46.5 और 5 फिफ्टी। टी20 में 55 मैच, 1200 रन, स्ट्राइक‑रेट 130. यह संख्याएँ बताती हैं कि वह सभी फॉर्मेट में लचीलापन रखते हैं।
स्टाइल की बात करें तो जुनेद की ताकत उनकी बॉटम‑हाफ़ की शक्ति है। उनका फॉरहैंड और बैकहैंड दोनों में भरोसेमंद रिफ़्लेक्टिंग टाइम है, जिससे वे तेज़ बॉल को भी आसानी से खेलते हैं। साथ ही, उनकी फुटवर्क और पिच पढ़ने की क्षमता उन्हें स्विंग गेंदों से बचाव में मदद करती है।
भविष्य की बात करें तो जुनेद को अब टीम में एक स्थायी ओपनर बनना है। कोचिंग स्टाफ ने कहा है कि उन्हें अभी भी शाम‑ऑफ़ और सशक्त बनने की जरूरत है, खासकर टेस्ट मैचों में। अगर वे अपनी फिटनेस पर ध्यान देते रहेंगे और विभिन्न पिचों के अनुसार अपनी तकनीक में बदलाव करेंगे, तो अगले 5 सालों में वे पाकिस्तान के प्रमुख स्कोरर बन सकते हैं।
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तो अगली बार जब आप क्रिकेट देखते हुए “जुनैद खान?” कहते हैं, तो याद रखिए – यह नाम सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक ऐसे बल्लेबाज़ का प्रतीक है जो हर बॉल को चैलेंज करने को तैयार है।
नेटफ्लिक्स की फिल्म 'महाराज', जिसे सिद्धार्थ पी मल्होत्रा ने निर्देशित किया है, 19वीं सदी के पत्रकार और समाज सुधारक कर्सानदास मूलजी की कहानी बताती है, जिन्होंने एक शक्तिशाली धर्मगुरु के यौन शोषण को उजागर किया। इस फिल्म से जुनैद खान, आमिर खान के बेटे, ने अपनी शुरुआत की है।
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