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जब हम जल निकासी, भारी बारिश या बाढ़ के समय पानी को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने की प्रक्रिया. Also known as वॉटर ड्रेनेज, यह शहरी सुविधाओं, सड़कों और खेतों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाता है।
पहली बार बारिश, वायुमंडल से गिरता जल हमारी रोज़मर्रा की जिंदगी को तरोताज़ा करता है, पर जब इसका स्तर नैसर्गिक या गढ़ी गई बाढ़, बहते जल की अतियधिकता जिससे क्षेत्र डूब जाता है तक पहुँच जाता है, तो जल निकासी की दक्षता परीक्षा में आती है। हमारे देश में हाल ही में हिमाचल में बर्फ‑बारी और तेज़ बारिश के कारण IMD ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया, और मुंबई में रेड अलर्ट के साथ 102 mm बारिश हुई। ऐसे केस हमारे सामने स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि जल निकासी बिना भरोसेमंद बुनियादी ढाँचे के शहरों को झकझोर कर रख देती है।
शहरी नियोजन (शहरी नियोजन, शहर की डिजाइन और विकास प्रक्रिया) में जल निकासी को एक अनिवार्य तत्व माना जाता है। जब सड़कों के नीचे उचित नाली, ग्रेडेड प्लाज़ा और जल संग्रहण टैंकों का प्रावधान नहीं होता, तो बारिश के बाद जल जमा होकर सड़कों को बंद कर देता है और लोगों की रोज़मर्रा की आवागमन को बाधित करता है। इसी कारण कई नगर निगम ने हाल ही में जल‑रोक प्रणाली को अपग्रेड करने की घोषणा की है, जिससे तेज़ बारिश के दौरान जल जल्दी से बाहर निकल सके। दूसरी तरफ, जल संरक्षण (जल संरक्षण, पानी के सेवन को कम करके उसकी उपलब्धता बढ़ाने के उपाय) भी जल निकासी से घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ है। जब हम वर्षा जल को रिटेन करके निचले स्तर पर दोबारा उपयोग करते हैं, तो शहर में लोड कम हो जाता है और नाली की क्षमताओं पर दबाव घटता है। इसलिए कई राज्यों में रेनवॉटर हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं—इनसे न केवल जल संरक्षण में मदद मिलती है, बल्कि निकासी के दौरान जल‑भंडारण का एक बैक‑अप भी तैयार हो जाता है। इन सबके बीच एक स्पष्ट संबंध बनता है: जल निकासी बाढ़ को रोकती है, शहरी नियोजन में जल निकासी अनिवार्य है, और बारिश की मात्रा जल निकासी की क्षमता को परखा है. इस प्रकार, जब आप हमारे नीचे के लेखों को पढ़ेंगे तो आप देखेंगे कि कैसे विभिन्न क्षेत्रों—ताज़ा इमरजेंसी अलर्ट, स्थानीय इन्फ्रास्ट्रक्चर योजना, और जल‑संकट समाधान—एक दूसरे को प्रतिपूरित करते हैं। अब आप तैयार हैं यह जानने के लिए कि कौन‑से उपाय आपके पड़ोस में जल निकासी को बेहतर बना सकते हैं, कौन‑से प्रोजेक्ट्स सरकारी स्तर पर चल रहे हैं, और किन तकनीकों से आप खुद भी योगदान दे सकते हैं। नीचे की सूची में हम उन सारी ख़बरों, गाइड्स और केस स्टडीज़ को इकट्ठा कर रहे हैं जो आपके सवालों का जवाब दे सकती हैं।
नवादा के वार्ड 14 में रहने वाले लोग झुके हुए बिजली के पोल और असमान जल निकासी से झंझट झेल रहे हैं। मौसमी बाढ़ के समय ये समस्याएं और भी बढ़ गई हैं। स्थानीय प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस उपाय नहीं बताया है। निवासियों की सुरक्षा और ग्रॉसरी पहुंच प्रभावित हो रही है। समस्या के समाधान हेतु उपायों की उम्मीद है।
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