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जब हम इंदिरा गांधी की बात करते हैं, तो अक्सर राजनीति, महाशक्ति और विदेशी नीति याद आती है। लेकिन वह समय जब भारत ने खेल में कदम रखा, उसके पीछे उनका हाथ था। आप जरा सोचिए, 1970‑80 के दशक में भारत ने कई महत्वपूर्ण खेल पहलें शुरू कीं – वो सब इंदिरा गांधी के नेतृत्व में ही संभव हुआ।
पहला सवाल – इंदिरा गांधी ने खेल जगत में कौन‑से बड़े कदम उठाए? उनका सबसे बड़ा कदम था राष्ट्रीय खेल विकास योजना का शुरूआत। इस योजना के तहत राष्ट्रीय खेल अकादमी (NIS) की स्थापना हुई, जहाँ युवा एथलीट्स को पेशेवर कोचिंग और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएँ मिलीं। इससे पहले हमारे पास ऐसा कोई समग्र ढांचा नहीं था।
उनकी नीतियों ने सीधे‑सीधे भारत के एशिया गेम्स में प्रदर्शन को बदल दिया। 1974 के एशिया गेम्स में भारत ने 10 गोल्ड मेडल तक बढ़ाया, जबकि टीमों की तैयारी में सरकारी फंडिंग का बड़ा योगदान था। महिलाओं के खेल में भी बदलाव आया – 1978 में पहली बार महिला हॉकी टीम को अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भेजा गया, जो आज के भारतीय महिला हॉकी के लिए नींव बना।
एक और दिलचस्प बात – इंदिरा गांधी ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) को नई संरचना देने में मदद की। 1975 में पहला विश्व कप शुरू होने से पहले, उन्होंने मिलिट्री स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के साथ मिलकर बुनियादी ढाँचा तैयार किया, ताकि अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए बेहतर ग्राउंड और ट्रेनिंग सुविधाएँ मिलें। इससे हमें आज के बड़े स्टेडियम और राष्ट्रीय टूरनमेंट मिलनसार हुए।
क्या आप जानते हैं कि आज के कई खेल स्कीम जैसे Khelo India का मूल सिद्धांत इंदिरा गांधी की योजना से प्रेरित है? उनका विचार था – ‘खेल सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय पहचान भी बनाता है।’ यही सोच अब सरकार के कई नए प्रोजेक्ट्स में दिखती है, जहाँ प्रतिभा खोज, बुनियादी ढाँचा और कोचिंग को प्राथमिकता दी जा रही है।
इंदिरा गांधी के समय में सख्त आर्थिक परिस्थितियाँ थीं, फिर भी उन्होंने खेल को चार बजट में मिलकर फंड किया। इसका असर आज भी दिखता है, क्योंकि हमारे एथलीट्स एशिया और Commonwealth में लगातार मेडल जीत रहे हैं।
अगर आप खेल प्रेमी हैं और इतिहास में गहराई से जाना चाहते हैं, तो इंदिरा गांधी के ये कदम जरूर पढ़ें। उनका नाम सिर्फ राजनीति में नहीं, बल्कि खेल के विकास में भी चमकता है। इस पेज पर आप इंदिरा गांधी से जुड़े नवीनतम खेल समाचार, पुराने लेख और विशेषज्ञों की राय पा सकते हैं।
तो अब जब भी कोई नया खेल स्कीम सुनें, तो याद रखिये – इसकी जड़ें इंदिरा गांधी के समय की जमीन में हैं। जल्दी से हमारे ताज़ा अपडेट चेक करें और खेल के हर मोड़ पर उनका प्रभाव देखें।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कारों के प्रति रुचि हमेशा से चर्चा का विषय रही है। उनकी पसंदीदा कार Buick LeSabre थी, जो एक अमेरिकी सेडान थी। इस गाड़ी के विशाल इंजन और विशिष्ट डिजाइन ने इसे और भी खास बना दिया। इंदिरा गांधी अक्सर इसी कार में यात्रा करती थीं, जो उनकी अमेरिकी सेडान के प्रति लगाव को दर्शाता था।
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