खोजने के लिए एंटर दबाएँ या बंद करने के लिए ESC दबाएँ
अगर आप सरकारी नौकरी के बारे में सोच रहे हैं, तो IAS अधिकारी बनना सबसे बड़े सपनों में से एक है। लेकिन ये सपना आसान नहीं, और इसको हासिल करने के लिए सही जानकारी और मेहनत दोनों चाहिए। नीचे हम आसान भाषा में बताएँगे कि IAS बनने की प्रक्रिया क्या है, तैयारी में किन चीजों पर ध्यान देना चाहिए और आज के कुछ प्रमुख IAS अधिकारियों की समाचार क्या हैं।
सबसे पहले UPSC सिविल सर्विसेज़ परीक्षा की पूरी जानकारी ले लें। ये परीक्षा तीन स्टेज में होती है – प्रीलिम्स, मेन और इंटरव्यू। प्रीलिम्स में दो पेपर होते हैं: सामान्य अध्ययन और सीएसए (सिविल सर्विसेज़ एप्टिट्यूड)। दोनों पेपर में 200 अंक होते हैं, और आपको 33% पास मार्क चाहिए।
मेन में नौ पेपर होते हैं, जिनमें दो वैकल्पिक विषय और तीन वैकल्पिक भाषा शामिल हैं। हर पेपर 250 अंक का होता है, कुल 1750 अंक। यहाँ आप अपनी स्ट्रेंथ के हिसाब से विषय चुन सकते हैं, जैसे इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र या सार्वजनिक प्रशासन।
इंटरव्यू यानी व्यक्तिगत मुलाक़ात में आपका कम्युनिकेशन, ऑब्जर्वेशन और पर्सनालिटी टेस्ट होता है। यहाँ आपका कुल 275 अंक में से 275 अंक मिलते हैं। तैयारी के लिए रोज़ाना 6‑8 घंटे पढ़ाई, नोट्स बनाना, मॉक टेस्ट देना और अख़बार पढ़ना मददगार रहता है।
आजकल कई IAS अधिकारी अपनी नई पहल और प्रोजेक्ट से चर्चा में हैं। उदाहरण के तौर पर, राजस्थान के प्रशासनिक अधिकारी ने हेल्थ केयर को डिजिटल बनाने के लिये ऐप लॉन्च किया है, जिससे ग्रामीण इलाकों में डॉक्टर की अपॉइंटमेंट बुक करना आसान हो गया। इसी तरह, उत्तर प्रदेश की एक अधिकारी ने जल संरक्षण के लिए गाँव‑गाँव में बारिश के जल को संग्रहित करने की योजना लागू की, जिससे पानी की कमी पर असर पड़ा।
इनकी कहानियों से हमें सीख मिलती है कि सिर्फ परीक्षा पास करना ही नहीं, बल्कि सेवा में नयी सोच लाना भी जरूरी है। अगर आप भी IAS बनना चाहते हैं, तो इन ऑफिसर्स की पहल को देख कर अपने लक्ष्य को ठोस बनाएं।
अंत में, याद रखें कि IAS अधिकारी बनना एक लंबी यात्रा है, लेकिन सही प्लान और डेडिकेशन से आप इसे पूरा कर सकते हैं। हर दिन थोड़ा‑थोड़ा पढ़ें, अपने स्ट्रेंथ को पहचानें, और अपडेटेड रहें। सफलता का राज निरंतर प्रयास और सही दिशा में मेहनत है। आपका सफर अभी शुरू हुआ है, आगे बढ़ते रहें!
महाराष्ट्र कैडर की 2023 बैच की IAS अधिकारी पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने झूठे प्रमाणपत्रों के आधार पर अपनी नौकरी सुरक्षित की और काम में विशेष सुविधाओं की मांग की। केंद्र ने उनकी नियुक्ति की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। प्रमाणपत्रों की सत्यता प्रमाणित होने पर, खेडकर को बर्खास्त किया जा सकता है और उन पर आपराधिक मामले दर्ज हो सकते हैं।
और देखें