हर्षित राणा, एक भारतीय राजनेता और सामाजिक नेता जिन्होंने गुजरात के सांस्कृतिक और राजनीतिक दृश्य में अपनी अद्वितीय भूमिका निभाई है। इनका नाम अक्सर हरष संघवी के साथ जुड़ा दिखता है, जो गुजरात के मुख्यमंत्री हैं। यह जुड़ाव न सिर्फ़ नामों का बहुत कुछ नहीं, बल्कि एक राजनीतिक और सांस्कृतिक रणनीति का हिस्सा है।
2024 के नवरात्रि के मौके पर, हरष संघवी ने गुजरात में गरबा को 5 बजे तक चलाने की अनुमति दी, जिसके साथ लाउडस्पीकर पर लगा प्रतिबंध भी हटा दिया गया। यह फैसला सिर्फ़ लोकप्रियता का नहीं, बल्कि व्यापार, सांस्कृतिक आत्मविश्वास और वोटर एंगेजमेंट की एक जटिल रणनीति का हिस्सा था। इस निर्णय के पीछे हर्षित राणा की भूमिका को लेकर कई अटकलें चलीं — क्योंकि उनका नाम इसी तरह के निर्णयों के साथ जुड़ा हुआ है। क्या यह उनका सीधा निर्णय था? नहीं। लेकिन उनकी राजनीतिक उपस्थिति और गुजरात के युवा वोटर्स के साथ उनका संबंध इस फैसले को संभव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यहाँ आपको हर्षित राणा से जुड़ी सभी खबरें मिलेंगी — चाहे वो राजनीति के दायरे में हों, सांस्कृतिक घटनाओं के साथ जुड़ी हों, या फिर उनके साथ जुड़े अन्य नामों जैसे गुजरात और नवरणी 2024 के संदर्भ में। इन सभी खबरों का सार एक ही है: आधुनिक भारत में खेल, संस्कृति और राजनीति अब अलग-अलग नहीं, बल्कि एक ही धागे में बुने गए हैं। यहाँ आपको उन खबरों का संग्रह मिलेगा जो बताते हैं कि एक व्यक्ति का नाम कैसे एक आंदोलन, एक त्योहार और एक राजनीतिक बदलाव का प्रतीक बन जाता है।
गौतम गंभीर ने हर्षित राणा के चयन का बचाव किया, ट्रोलर्स को चेताया और टीम इंडिया की चयन नीति पर सवाल उठे।
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