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अगर आप दुध का उत्पादन बढ़ाना चाहते हैं, तो कई छोटे‑छोटे कदमों से फर्क पड़ता है। एक ही बार में बड़ा बदलाव नहीं, बल्कि रोज़‑रोज़ के छोटे‑छोटे सुधार आपके दुग्ध उत्पादन को दो‑तीन गुना कर सकते हैं। नीचे मैं ऐसी ही कुछ प्रैक्टिकल बातों को सरल भाषा में बताने वाला हूँ।
सबसे पहले ध्यान दें, जानवरों का आहार उनकी उत्पादन क्षमता का आधार है। सुअर‑भाजियों, घास, पाँचाह, और मिल्क‑फीड को सही अनुपात में देना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, एक मध्यम स्तनधारी के लिए 2‑3 किलोग्राम पाँचाह और 4‑5 किलोग्राम घास रोज़ जरूरी है। अगर आपके पास साइलेज नहीं है, तो छोटे‑छोटे बाड़ों में उगाए घास को रोज़ कट कर लेबल के अनुसार मिला सकते हैं।
पानी का क्वालिटी भी महत्वपूर्ण है। जल को साफ‑सुथरा रखें, साल में दो‑तीन बार उबालकर ठंडा कर दें, जिससे बैक्टीरिया का खतरा कम रहता है। याद रखें, एक गाय को 30‑40 लीटर पानी रोज़ चाहिए; कम पानी से दूध की मात्रा घट सकती है।
गाय‑भैंस की स्वस्थ अवस्था में रहना उत्पादन को स्थिर रखता है। नियमित टैट और टीकाकरण, साथ ही ब्रेस्ट मेमब्रेने के खिलाफ प्रोटोकॉल अपनाना चाहिए। अगर कोई दूध में लाल रंग या लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ; देर से इलाज से नुक्सान बढ़ता है।
आजकल मिल्क‑फ़ार्म में मोबाइल ऐप्स मददगार होते हैं। वे आपके पशु के रोज़ के दूध, स्वास्थ्य रिकॉर्ड और फ़ीडिंग शेड्यूल को ट्रैक करते हैं। ऐसी जानकारी से आप जल्दी पहचान सकते हैं कि कौन सी औसत से नीचे जा रही है और तुरंत सुधार कर सकते हैं।
एक और छोटा जुगाड़ है – रोज़ सुबह और शाम दो बार दूध निकालना। दो बार मिल्किंग से दूध की मात्रा में लगभग 10‑15% बढ़ोतरी हो सकती है, साथ ही लैक्टेट स्तर भी सही रहता है। यदि संभव हो, तो दो घंटे के अंतराल पर मिल्किंग करें, ताकि जानवर को आराम भी मिले।
अधिकतम लाभ के लिए सिर्फ उत्पादन नहीं, बल्कि बेचना भी समझदारी से करना चाहिए। स्थानीय डाइरी कोऑपरेटिव, FPO (फार्मर प्रोडक्ट ऑर्गनाइज़ेशन) या सीधे रिटेलर से जुड़ें। अक्सर कोऑपरेटिव्स बेहतर मूल्य और समय पर भुगतान देते हैं, जिससे आपके पास आगे निवेश करने का पैसा बनता है।
उत्पादन बढ़ाने के साथ ही क्वालिटी पर भी ध्यान दें – फेट और फ़ैट प्रतिशत जितना स्थिर रहेगा, उतना ही आपको बेहतर कीमत मिलेगी। अगर आपको फेट लाइट चाहिए, तो सुनहरी गेहूँ या ज्वार के चारे से पोषण को थोड़ा बदलें, यह फेट को कम करता है लेकिन कुल उत्पादन को नहीं घटाता।
अंत में, छोटे‑छोटे बदलावों को लगातार लागू करें और परिणामों को नोट करें। लिखी हुई डेटा आपके अगले राउंड में बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगी। याद रखिए, दूध उत्पादन को बढ़ाना कोई जादू नहीं, बल्कि लगातार समझदारी से किया गया काम है।
कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) ने घोषणा की है कि 26 जून से नंदिनी दूध के सभी प्रकारों की कीमत में 2 रुपये की वृद्धि होगी। हालांकि, इस वृद्धि के साथ प्रत्येक पाउच में 50 मिली दूध अतिरिक्त मिलेगा। यह कदम राज्य में दूध उत्पादन में 15% वृद्धि को समायोजित करने के लिए उठाया गया है।
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